tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post1347710030986089499..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: बलमा माने ना बैरी चुप ना रहे....चित्रगुप्त का रचा एक और चुलबुला नगमानियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-69342203047086033132010-01-23T10:37:41.448+05:302010-01-23T10:37:41.448+05:30बहुत सुन्दर गीत!बहुत सुन्दर गीत!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-66661167599552767042010-01-22T19:39:38.252+05:302010-01-22T19:39:38.252+05:30बहुत बहुत बधाई पद्म सिंह जी,
"झुकी हुई निगाह ...बहुत बहुत बधाई पद्म सिंह जी,<br />"झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था.<br />दबी दबी हंसी में इक, हसीन सा सवाल था.<br />मैं सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वोह.<br />न जाने क्यों लगा मुझे, कि मुस्कुरा रही है वोह." फिल्म 'ख़ामोशी'.<br />अवध लालAVADHhttps://www.blogger.com/profile/10249724769054535628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-73859285183595140342010-01-22T19:16:04.513+05:302010-01-22T19:16:04.513+05:30आपने गेस करने के लिए चार की जगह तीन शब्द ही दिए है...आपने गेस करने के लिए चार की जगह तीन शब्द ही दिए हैं ...... फिर भी देखिये <br /><br />वो शाम कुछ अजीब थी वो ये शाम भी अजीब है .... वो कल भी पास पास थी वो आज भी करीब हैPadmSinghhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.com