tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post1632016332847770065..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: मत रो माता लाल तेरे बहुतेरे...कौन लिख सकता है ऐसा गीत कवि शैलेन्द्र के अलावानियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-20454401501626195652010-12-09T23:51:50.079+05:302010-12-09T23:51:50.079+05:30इंदु पुरी जी की टिप्पणी अंशतः मेरी भी . परदे पर जब...इंदु पुरी जी की टिप्पणी अंशतः मेरी भी . परदे पर जब इसे पहली बार देखा सुना तो रोंगटे खड़े हो गए थे .किसी मित्र ने एक बात बताई थी .मेरा ख्याल है की सही ही होगी .उसी साल 'साहिर ' को गुमराह के ' चलो एक बार फिर से अजनबी ................. ' के लिए फिल्मफैयर मिला था .लेकिन साहिर ने कहा था की इस बार के असली हक़दार ' शैलेन्द्र ' थे ' मत रो माता .............' के लिए . हाँ इंदु जी .............शर्म आती है आज के हालात पर और लगता है क्या इसी दिन के लिए शहीदों ने कुर्बानी दी थी !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-21618607301848947592010-12-09T21:21:38.578+05:302010-12-09T21:21:38.578+05:30Sujoyji,
Dhanyawaad jo aapne mujhe yaad rakha aur...Sujoyji,<br /><br />Dhanyawaad jo aapne mujhe yaad rakha aur kiya. Kuchh samay ke abhav se aur kuchh samay ki herpher mein jab pahonchti hoon to sabhi jawab ho chuke hote hain...<br /><br />Pratibha...Pratibha Kaushal-Sampathttp://www.indianmorning.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-48105538379216884252010-12-09T19:47:20.329+05:302010-12-09T19:47:20.329+05:30बस ...हो गए सारे जवाब ! हालाँकि अपनी तरफ से कुछ जल...बस ...हो गए सारे जवाब ! हालाँकि अपनी तरफ से कुछ जल्दी ही आया था ...मगर भई यहाँ का गैंग बहुत तेज़ है ! सुजाय भाई ..कुछ सवाल ही ज़्यादा कर दें ...ह हा हा ! ( अब समझ में आया ...मैं गायब नहीं होता, बस थोडा समय का हेर फेर हैं ...जब तक पहुंचतें हैं , सभी जवाब हो चुके होते हैं ....)रोमेंद्र सागरhttps://www.blogger.com/profile/15893431216162497924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-1349649405918719282010-12-09T19:35:44.434+05:302010-12-09T19:35:44.434+05:30Singer - Shamshad BegumSinger - Shamshad Begumchintoohttps://www.blogger.com/profile/12101324769200593377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-26565831963142637722010-12-09T19:13:53.390+05:302010-12-09T19:13:53.390+05:30Director- Guru DuttDirector- Guru DuttShyamKanthttps://www.blogger.com/profile/05107287619183001671noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-71399638605689840302010-12-09T18:57:52.528+05:302010-12-09T18:57:52.528+05:30मैं कल एक शादी में चली गई थी भीलवाडा. मेरे बेहद पस...मैं कल एक शादी में चली गई थी भीलवाडा. मेरे बेहद पसंदीदा गानों में है ये गाना.इसे जब भी सुनती हूँ मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है. इसका एक एक शब्द......मन भर आता है 'शहीदों की इच्छाओं ,आकांक्षाओ,सपनों को किस तरह तोड़ा और रोंदा गया है.आजद देश के तिरंगे को लहराता हम सब देख रहे है ...पर क्या यही चाह था हमने? अच्छा हुआ 'वे' नही रहे.<br />मेरी आँखों के सामने कलाकार नही 'वे' पात्र आ जाते हैं....मातृ-भूमि के काम आ पाया बड़े भाग हैं मेरे....अंदर जैसे सब कुछ पिघलने लगता है और लगता है वो बहा..फिर आँखों के रास्तों से. क्या बोलू? मन उदास हो जाता है आज के हालत और ..इस गाने को सुनने पर.क्या करूं बाबु?<br /> सचमुच ऐसिच हूँ मैं...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-3823272587376591272010-12-09T18:49:48.051+05:302010-12-09T18:49:48.051+05:30मजरूह सुलतानपुरी जी ही लिख सकते हैं भई 'कभी आर...मजरूह सुलतानपुरी जी ही लिख सकते हैं भई 'कभी आर कभी पार लगा तीरे नज़र......है ना?Anonymousnoreply@blogger.com