tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post3105004111273764830..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: जो खुद को आज़ाद कहे, वो सबसे बड़ा झूठा है... अनीला की आवाज़ में सुनिए क़तील साहब का बेबाकपननियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-87279584052057000122010-05-17T18:49:05.310+05:302010-05-17T18:49:05.310+05:30बूटा बूटा जो नोचा उस जालिम ने आसमानों से
लहू लहू ...बूटा बूटा जो नोचा उस जालिम ने आसमानों से <br />लहू लहू वो हुआ उस कातिल के अरमानों से.<br /><br />गब्बर कुछ लिख दिया है ,पढ़िए और सबासी दीजिये नहीं तो गब्बर नाराज हो जाएगा .<br /><br />अवनींद्र जी आपके लिखे पर तो बस वही याद आता है<br /> जब दर्द नहीं था सीने में<br /> तब ख़ाक मजा था जीने में<br /><br />आप वाकई अच्छा लिखते हैं लिखते रहिये<br />गब्बर खुस होता है ,अच्छी सायरी पढ़ केneelupakhihttps://www.blogger.com/profile/13735163212794774442noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-4775178074650236222010-05-15T07:54:14.226+05:302010-05-15T07:54:14.226+05:30दर्द से मुहब्बत के रिश्ते तमाम होते हैं
काँटों की...दर्द से मुहब्बत के रिश्ते तमाम होते हैं <br />काँटों की चुभन पाके ही बूटे जवान होते हैं (स्वरचित )avenindrahttps://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-63421996415310167832010-05-14T10:28:28.227+05:302010-05-14T10:28:28.227+05:30हर तरह के फूल का बूटा लगाया जाता है
घर के आँगन को ...हर तरह के फूल का बूटा लगाया जाता है<br />घर के आँगन को सदा सुन्दर बनाया जाता है<br /><br />(प्राण शर्मा )<br />मेरी मुहब्बत का ख़्वाब<br />चमेली का बूटा<br />जिसके नीचे<br />हकीकत का<br />'काला नाग' रहता है<br />(कमल )<br />पत्ता पत्ता बूटा बूटा अब उख़ड़ा समझो अब उजड़ा<br />बैठ गए हैं समझ ठिकाना गुलशन डारी डारी उल्लू<br />(: प्रेम भारद्वाज )seema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-11705410076277367622010-05-13T23:43:36.947+05:302010-05-13T23:43:36.947+05:30जवाब - बूटा
जब लाल साड़ी पर उकेरा था बूटा,
दिलव...जवाब - बूटा <br /><br /> जब लाल साड़ी पर उकेरा था बूटा,<br /> दिलवर !तब हर साँस ने तेरा नाम जपा .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-81900732298745037752010-05-12T23:52:52.116+05:302010-05-12T23:52:52.116+05:30सब लोगों को मेरी हेलो...
और हमारा भी एक शेर ( शेर...सब लोगों को मेरी हेलो...<br /><br />और हमारा भी एक शेर ( शेर जैसा लगता है क्या..? ये फैसला करना हमारा काम नहीं ) हाजिर है : <br /><br />स्याह चादर पे चाँद संग आ मुस्कुराते हैं<br />खामोश आलम में झांक कर टिमटिमाते हैं<br />आसमा में टंके सितारे लगते हैं जैसे बूटा<br />रात के अलविदा कहते ही गुम हो जाते हैं. <br /><br />- शन्नो <br /><br />bye..bye..Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-68021438959973794612010-05-12T18:37:01.747+05:302010-05-12T18:37:01.747+05:30बूटा लफ़्ज़ का तो प्रसिद्ध शे’र सभी जानते हैं :
पत्त...बूटा लफ़्ज़ का तो प्रसिद्ध शे’र सभी जानते हैं :<br />पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है<br />जाने न जाने तू ही न जाने बाग तो सारा जाने है ।शरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-33992695545054311252010-05-12T17:31:20.727+05:302010-05-12T17:31:20.727+05:30सही लिखा अपने शब्द है बूटा और एक कविता है छोटी सी ...सही लिखा अपने शब्द है बूटा और एक कविता है छोटी सी पेश है <br />अपने मंदिर की खातिर <br />नौचती रही <br />तुम मेरे <br />बाग़ का हर बूटा <br />और मैं <br />परेशां रहा <br />कि भूले से <br /> कोई शूल <br />तेरे हाथो न चुभ जाये (स्वरचित )avenindrahttps://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-14038285126350654292010-05-12T16:25:19.594+05:302010-05-12T16:25:19.594+05:30बूटा ही वह लफ्ज़ है जो ज़हन में आ रहा है...उम्मीद ह...बूटा ही वह लफ्ज़ है जो ज़हन में आ रहा है...उम्मीद है सही ही होगा ! <br /><br />इन्सानों की मजबूरी<br />हालात से जब टकराती है,<br />बहुत बड़ा एक कैदखाना<br />ये दुनिया बन जाती है,<br />इस दुनिया के बाग में<br />शूली जैसा हर बूटा है।रोमेंद्र सागरhttps://www.blogger.com/profile/15893431216162497924noreply@blogger.com