tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post3514423587507765348..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: तेरे नैनों के मैं दीप जलाऊँगा....नेत्र दान महादान, जिन्दा रखिये अपनी आँखों को सदा के लिएनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-21518482500755178122011-08-27T23:31:31.587+05:302011-08-27T23:31:31.587+05:30पूरा पढा.भावुक हूँ....क्या कहूँ? महसूस कर सकते हैं...पूरा पढा.भावुक हूँ....क्या कहूँ? महसूस कर सकते हैं आप. हमने हमारे पापा के नेत्र दान किये थे.और....मैंने अपना शरीर.<br />नेत्र दान की घोषणा करना सरल काम है किन्तु उस व्यक्ति की अंतिम इच्छा पूरी करना परिजनों का काम है जो ऐसे समय में दृढ संकल्प दृढ़ता के साथ लेना पड़ता है.नाजुक घड़ी ऐसी होती है कि .....परिजन ऐसे समय में इन फेसलों को भूल जाते हैं और हम कह नही पाते.मैं नेत्र दान करने वाले व्यक्ति से ज्यादा ऐसे समय में उस माँ,पत्नी,बेटा,बेटी या पति के उस समय लिए गए फेसलो के लिए उनका ज्यादा सम्मान करती हूँ.<br />आखिर इस पुनीत कार्य का होना अंतिम ऐसे समय में उनके कारन ही सब संभव हो पाता है.<br />हमारे पापा के अंतिम संस्कार के समय उनके भाइयों और उनके परिजनों ने अकेला छोड़ देने की धमकी दी.दोष उनका नही उनका अपने भई के पुनर्जन्म में अंधे पैदा होने वाला 'अंध विश्वास' था.<br />मेरे तीनो भाई घबरा गए और पीछे हट गए.मैंने कहा-'ऐसे समय में आपको हमारा साथ देना चाहिए.फिर भी यदि आप लोग सहमत नही है तो कोई बात नही.अपने पापा को कंधा देने के लिए हम चार भई बहन काफी हैं'<br />हमारे दृढ निश्चय के आगे उन्हें मानना पड़ा ...रुकना पड़ा.<br />ईश्वर मम्मी को 'वहाँ' बहुत प्यार से रखे.ऐसे दुखद समय में जब उनके 'पति' का शव सामने पड़ा था.मम्मी ने कहा-'वो ही होगा जो मेरे बच्चे चाहते हैं.'..........<br />चूँकि बाद में आने वाली परेशानियों को हमने खुद ''फेस' किया है इसलिए कहूँगी.नेत्र दान करने वाले अपने परिजनों से वचन ले कि उनके बाद वे इस पावन काम को पूरा करेंगे.<br />और हाँ...मेरे दोनों बेटे उनकी पत्नियाँ अपने नेत्रदान कर चुके हैं और गोस्वामीजी???? हा हा हा मेडिकल कोलेज में भी मुझे अकेला छोड़ने को तैयार नही.उन्हें डर है कि ये वहाँ भी ब्लोगिंग,चैटिंग चालू कर देगी.हा हा हाइन्दु पुरीhttps://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-37555779860932177332011-08-27T23:28:37.052+05:302011-08-27T23:28:37.052+05:30This comment has been removed by the author.इन्दु पुरीhttps://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-51030668407815819882011-08-27T18:59:08.232+05:302011-08-27T18:59:08.232+05:30बेहतरीन. शब्द नहीं है मेरे पासबेहतरीन. शब्द नहीं है मेरे पासAmithttps://www.blogger.com/profile/14958714003791136765noreply@blogger.com