tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post4209105521602719914..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'माँ'नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-86566978379178040282009-02-02T15:11:00.000+05:302009-02-02T15:11:00.000+05:30शन्नो जी,बहुत ही करुण कहानी है, और उसी प्रवाह में ...शन्नो जी,<BR/><BR/>बहुत ही करुण कहानी है, और उसी प्रवाह में आपने सुनाई भी है, मुंशी प्रेमचंद की कहानियो को आवाज़ के द्वारा हमें सुनाने का बहुत बहुत शुक्रिया.<BR/><BR/>आगे भी इसी तरह हम आपकी कहानियाँ सुनते रहेंगे .<BR/>पूजा अनिलPooja Anilhttps://www.blogger.com/profile/11762759805938201226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-3418602198539937012009-02-01T09:19:00.000+05:302009-02-01T09:19:00.000+05:30सजीव जी, अनुराग जी,मेरी पढ़ी कहानी अच्छी लगी इसके ल...सजीव जी, अनुराग जी,<BR/>मेरी पढ़ी कहानी अच्छी लगी इसके लिए धन्यबाद. यह तो प्रेमचंद जी की मेहरबानी है कि वह हमारे लिए इतनी सुंदर, सरल और स्वाभाविक कहानियाँ लिख गए जो सबके मन को छू जातीं हैं. और मुझ नाचीज़ को तो बस उस महान व्यक्ति की कुछ कहानियो को पढ़कर ही आप लोगो से तारीफ़ मिल गई. इस मेहरबानी के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया.<BR/>शन्नोShanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-46533191042848400302009-01-31T20:38:00.000+05:302009-01-31T20:38:00.000+05:30शन्नो जी, प्रेमचंद का एक और नायाब नगीना हम तक पहुं...शन्नो जी, प्रेमचंद का एक और नायाब नगीना हम तक पहुंचाने का शुक्रिया. कहानी जितनी लम्बी थी उतनी ही रोचक भी. प्रेमचंद की यह मार्मिक कहानियां अंग्रेजी राज के कठिन समय को जितना जीवंत करती हैं उससे कहीं अधिक मानव-जीवन की विविधता का चित्रण करती हैं.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-58695855263593847562009-01-31T20:07:00.000+05:302009-01-31T20:07:00.000+05:30उफ़ कितनी मार्मिक कहानी.....अंत बार सुनी...अंत तो ...उफ़ कितनी मार्मिक कहानी.....अंत बार सुनी...अंत तो डुबो देने वाला था, शन्नो जी धन्येवाद इतनी सशक्त अभिव्यक्ति के लिएSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.com