tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post4281640229902450665..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: दर्द को सुरीलेपन की पराकाष्ठा पर ले जाने वाले अमर गायक मुकेशनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-69192951210526638992008-08-28T15:59:00.000+05:302008-08-28T15:59:00.000+05:30वे इतने महान थे इसी लिए तो अज भी उन्हें इतनी श्रद्...वे इतने महान थे इसी लिए तो अज भी उन्हें इतनी श्रद्धा के साथ याद किया जाता है और भविष्य में भी किया जाएगा.उनके द्वारा गाये गए गाने आज भी उतने ही अच्छे और कर्णप्रिय लगते है जितन कि उस ज़माने में.दीपालीhttps://www.blogger.com/profile/17652883863725421545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-19811707148367813692008-08-27T21:29:00.000+05:302008-08-27T21:29:00.000+05:30सँजय भाई ने श्रध्धाभरी अँजलि दी है अमर गायक श्री म...सँजय भाई ने श्रध्धाभरी अँजलि दी है अमर गायक श्री मुकेशचँद्र माथुर जी को - कल्याणजी भाई, सरल बेन भी चले गये हैँ नितिन भाई को व उनके परिवार को हमारी विनम्र श्रध्धाँजलि है जब हम मुकेशजी की मधुर आवाज़ मेँ सुन रहे हैँ <BR/>" चल री सजनी, अब क्या सोचे ! " <BR/>सोच यही रहे हैँ ..<BR/>" हाये, विधाता, मुकेश अँकल को क्यूँ हमसे छीन लिया आपने !" :-((<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-32832051106957840862008-08-27T19:58:00.000+05:302008-08-27T19:58:00.000+05:30बहुत अच्छी जानकारी दी संजय भाई. एक बार विविध भारती...बहुत अच्छी जानकारी दी संजय भाई. एक बार विविध भारती पर भी कल्याण जी का साक्षात्कार सुना था और उसमें उनकी नेकदिली का ज़िक्र आया था। पाँच छः साल का रहा हूँगा जब वे गुजरे और मुझे आज भी याद है वो दिन जब रेडिओ पर इसकी घोषणा हुई थी और साथ ही ये गीत बज उठा था<BR/><BR/>इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल<BR/>जग में रह जाएँगे प्यारे तेरे बोलManish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-24157978302354862692008-08-27T15:06:00.000+05:302008-08-27T15:06:00.000+05:30संजय भाई, मुकेश की आवाज़ में मेरा ही दर्द नज़र आता ह...संजय भाई, मुकेश की आवाज़ में मेरा ही दर्द नज़र आता है मुझे, उनका गीत आवारा हूँ, जैसे उन्होंने मेरे ही लिए गाया है, दर्द से सब का वास्ता पड़ता है, जब भी मन दुखे सुनें मुकेश गाते हुए मिलेंगे "तू ही नही मैं ही नही सारा ज़माना दर्द का है एक फ़साना ..." और यकीं मानिये आपका मन भी शांत हो जाएगा, आवाज़ के उस अमर जादूगर को मेरा सलामSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.com