tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post4336362177364456360..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: नशे में था तो मैं अपने ही घर गया कैसे...रहबर पर चाँदपुरी का यकीन, साथ है मेहदी हसन की आवाज़नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-79209258897805208252009-12-17T19:13:31.989+05:302009-12-17T19:13:31.989+05:30जवाब -लगावट
स्वरचित शेर -
उनकी लगावट से साँसे चल र...जवाब -लगावट<br />स्वरचित शेर -<br />उनकी लगावट से साँसे चल रहीं ,<br />नहीं तो कब के मर गये होते .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-54740195743442115932009-12-17T07:12:29.330+05:302009-12-17T07:12:29.330+05:30हुस्न वालों में मोहब्बत की कमी होती है
चाहने वालों...हुस्न वालों में मोहब्बत की कमी होती है<br />चाहने वालों की तक़दीर बुरी होती है<br />इनकी बातों में बनावट ही बनावट देखी<br />शर्म आँखों में निगाहों में लगावट देखीShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-83022177783926679142009-12-17T07:09:19.684+05:302009-12-17T07:09:19.684+05:30छूटती मैके की सरहद माँ गुजर जाने के बाद
अब नहीं आ...छूटती मैके की सरहद माँ गुजर जाने के बाद <br />अब नहीं आता संदेसा मान मनुहारों भरा <br />खत्म रिश्तों की लगावट माँ गुजर जाने के बाद<br />खत्म रिश्तों की लगावट माँ गुजर जाने के बाद<br />(unknown)Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-33961534322252519432009-12-17T07:05:46.113+05:302009-12-17T07:05:46.113+05:30नतीजा लगावट का जाने क्या निकले
मोहब्बत में वो आजम...नतीजा लगावट का जाने क्या निकले <br />मोहब्बत में वो आजमा कर चले <br />unknownShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-17695591756906945892009-12-17T07:03:42.682+05:302009-12-17T07:03:42.682+05:30"लगावट"
गर है तो क्यों तेरी बातों में ब..."लगावट" <br />गर है तो क्यों तेरी बातों में बनावट है<br />किसलिए यह मुझ से झूठी लगावट है<br />(विनय प्रजापति ‘नज़र’)Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-89371572793285077262009-12-17T07:03:09.529+05:302009-12-17T07:03:09.529+05:30एक बार फिर आपका शुक्रगुजार हूँ. शुक्रिया तन्हा जी....एक बार फिर आपका शुक्रगुजार हूँ. शुक्रिया तन्हा जी.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-27637713582218275212009-12-16T11:27:18.940+05:302009-12-16T11:27:18.940+05:30करे है क़त्ल लगावट में तेरा रो देना
तेरी तरह कोई ...करे है क़त्ल लगावट में तेरा रो देना <br />तेरी तरह कोई तेग़-ए-निगाह को आब तो दे <br />(ग़ालिब )<br />मस्ती में लगावट से उस आंख का ये कहना <br />मैख़्वार की नीयत हूँ मुमकिन है बदल जाना <br />(फ़िराक़ गोरखपुरी )<br />बेहयाई, बहक, बनावट नें,<br />कस किसे नहीं दिया शिकंजे में।<br />हित-ललक से भरी लगावट ने,<br />कर लिया है किसी ने पंजे में॥<br />(अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध )<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-32302163150156981932009-12-16T11:00:33.955+05:302009-12-16T11:00:33.955+05:30सही शब्द है - लगावट
शे’र पेश है :-
ये लगावट नहीं त...सही शब्द है - लगावट<br />शे’र पेश है :-<br />ये लगावट नहीं तो फिर क्या है <br />क़त्ल करके मुझे वो रोने लगा । (स्वरचित)<br /><br />शरद तैलंगशरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.com