tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post4453734430944235903..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: अपनी गली में मुझ को न कर दफ़्न बाद-ए-क़त्ल.. अपने शोख कातिल से ग़ालिब की इस गुहार के क्या कहने!!नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-3757787221350202912010-04-13T11:22:15.886+05:302010-04-13T11:22:15.886+05:30नीलम जी,
आप मुझे बहुत हँसाती हो...इतना की सीने में...नीलम जी,<br />आप मुझे बहुत हँसाती हो...इतना की सीने में दर्द हो जाता है हँसते हुये..अब आपका लिखा ये वाला शेर जब देख ही लिया है तो बिना कुछ कहे हमें भी चैन नहीं पड़ रहा है...इसमें खाली जगह तो तन्हा जी को ही भरनी होगी..क्योंकि आपने उन्हें ही ये सजा दी है..मेरा मतलब है की ये परीक्षा उनको ही देनी है...लेकिन मैं अपनी तरफ से भी कुछ भर कर देखूं...इफ यू डोंट माइंड, प्लीज़...लेकिन पढ़ने के बाद हमारे लिखे हुये को इग्नोर कर देना...और तन्हा जी वाला उत्तर ही सही रखना...समझीं, आप ? बोलिये....ये खुदा..हा हा हा हा...मेरा हँसी के मारे बुरा हाल हो रहा है. <br /><br />तो ये पहले वाला खाली है :<br /><br />नदीम नहीं न सही ,रकीब ही सही ,<br />बंदगी नहीं न सही ..... ही सही ,<br /><br />अब इसमें मैंने कुछ भर दिया है:<br /><br />नदीम नहीं न सही ,रकीब ही सही ,<br />बंदगी नहीं न सही ''छूट'' ही सही ,<br /><br />कैसा लगा ? मेहरबानी करके कुछ तो बतायें जरूर..हा हा ह्ह्ह्ह...Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-15274964181090862102010-04-12T22:44:42.703+05:302010-04-12T22:44:42.703+05:30वो नदीम था न खुदा था
पर वो मेरा क्या था???(टाय -ट...वो नदीम था न खुदा था<br />पर वो मेरा क्या था???(टाय -टाय फिस्स) <br /><br />नदीम नहीं न सही ,रकीब ही सही ,<br />बंदगी नहीं न सही ..... ही सही ,<br /><br /><br />mahfil ka dastor poora kiya v.d tmhaare liye kaam hai khaali jagah <br />me sahi shabd bharna hai .<br /><br /><br />गब्बर से सायरी लिख्वाओगे तो ये ही अंजाम भुगतना पड़ेगा रामगढ वालोंneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-40895875685267239322010-04-12T16:36:05.032+05:302010-04-12T16:36:05.032+05:30गब्बर जी रामगढ आकर अपनी लाज बचने के लिए आप बधाई के...गब्बर जी रामगढ आकर अपनी लाज बचने के लिए आप बधाई के पत्र हैं ! अब आप ही देखो यर बसंती को क्या हो गया है इसको अपरहण करोगे तो कोई वीरू फिरू नहीं आने वाला वो दो आदमी आपको कभी नहीं मिलेंगे क्यूंकि बसंती खुद आपकी फेन ही गयी है और ये क्या आप ने अबकी बार एक भी शेर नहीं लिखा गलत बात है ये इस महफ़िल के दस्तूर के खिलाफ हे तनहा जी को बुरा लगेगा<br /><br />वो जा रहा है नदीम पीठ मैं खंज़र उतार कर<br />मेरा तड़पना उसको अच्छा ना लगा होगा ....!(स्वरचित )avenindrahttps://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-29708310082113650432010-04-11T17:30:24.812+05:302010-04-11T17:30:24.812+05:30Neelam ji,...aapko to pata hai ki hamari bakne ki ...Neelam ji,...aapko to pata hai ki hamari bakne ki aadat hai yhan ' awaaz ' par...heeeheehe...ham majboor hain..aapse to ham informal hokar hi baat kar sakte hain, hai naa ? hame gabbar ki tareef mein batein karna bahut achcha lagta hai..ha ha ha...shravan ji ke baare mein mystery door karne ka shukria..<br />BYE..BYE..Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-54861597755000483932010-04-11T17:13:20.869+05:302010-04-11T17:13:20.869+05:30shanno ji aapki koi galti nahi hai ,
aap bhaarat m...shanno ji aapki koi galti nahi hai ,<br />aap bhaarat me jo nahi rahti hai.<br /><br />"nadeem -shravan "sangeetkaar ki jodi hai hm unka hi jikr kar rahe the............par aapne to pataa nahi kya kya kha (bak)dala koi baat nahi gabbar ab bhi khush ha ,<br />bahut khush hua ...............<br />hahahahahahaahahahahahahahahneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-47137182077893048222010-04-11T13:43:46.366+05:302010-04-11T13:43:46.366+05:30हेलो ! गब्बर नीलम जी...कभी-कभी आप बहुत जब्बर हो जा...हेलो ! गब्बर नीलम जी...कभी-कभी आप बहुत जब्बर हो जाते..और कभी एक चूहे के माफिक वर्ताव करते...और आजकल ये क्या लफड़ा कर रहे हैं आप...ये नदीम को ढूंढते फिर रहे हैं..लेकिन नदीम के साथ में ये श्रवण भाई कौन हैं ? इनकी क्या तारीफ ? बहुत दिनों से आपके असिस्टेंट जग्गू..मेरा मतलब है की अपने सुमित जी...और यहाँ महफ़िल में आपको नदीम नाम का इस्तेमाल करना था किसी शेर में..चाहें तो तन्हा जी से पूछ लो...अगर लिखा हुआ समझ में नहीं आता :)...लेकिन इन दिनों अकबर और बीरबल की वजह से आपके दिमाग का पुर्जा लूज़ हो गया लगता है..एक तो रामगढ़ वापस आने में इतना टाइम फिर आकर अपने पागलपन की स्टोरी बताना..' हम तो नदीम भाई को ढूंढ रहे थे '... आपकी अदाकारी भी कमाल की है ! ठाकुर अवनींद्र भी आपके न आने पर दुखी हो जाते हैं...और हमें अच्छा लगा जानकर की आपके बाल-उद्यान में जहाँपनाह बीरबल हमें बुला रहे हैं :)..चलो फिर चलते हैं आपके साथ..लेकिन पहले हमारा ये शेर सुनना पड़ेगा आप सबको : <br /><br />नदीम को इधर-उधर ढूँढने से फायदा न कोई<br />जो दिल को चुरा कर भाग जाये ये कायदा न कोई. <br /><br />-शन्नो<br /><br />चलिये नीलम जी..अब बीरबल जी की भी खबर लेते हैं..Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-37453609466099564132010-04-10T23:16:54.124+05:302010-04-10T23:16:54.124+05:30जवाब -नदीम
शेर अर्ज है -
गले लगाकर नदीम का रिश्ता...जवाब -नदीम <br />शेर अर्ज है -<br />गले लगाकर नदीम का रिश्ता आपने जो दिया ,<br />पूरा शहर इस रस्म का दीवाना हो गया . <br /><br /> (स्वरचित )Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-50502159013204136172010-04-10T21:28:34.026+05:302010-04-10T21:28:34.026+05:30ठाकुर के हाथ में बहुत जान है ........................ठाकुर के हाथ में बहुत जान है ..........................................क्या चुटकुला सुनाया है गब्बर बहत खुश हुआ हा हा हा हा हा ह ह ह ह ह ह हा हा इसी क्रम से हसना है सबकोneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-18999657225589492922010-04-10T21:26:19.850+05:302010-04-10T21:26:19.850+05:30गाँव वालों गब्बर आ गया है ,गब्बर ससुरा नदीम को ढूं...गाँव वालों गब्बर आ गया है ,गब्बर ससुरा नदीम को ढूंढ रहा था ,पर मिला ही नहीं कोई बात नहीं कब तक छुपेगा मिलही जाएगा ,पर आप लोग तो नदीम पर सायरी लिख रहे हो लिखो लिखो खूब लिखो ,गब्बर खुश हो जाएगा पर शन्नो जी गब्बर बहत नाराज है आपसे ,बाल -उद्यान काहे छोड़ दिया ,जरा घूम के आईये बीरबल बुला रहे हैं ....................और कहानी भी सुन ही लीजिये एक बार फिर से आजकल गब्बर कहानी सुनाता है भाई ,सायरी नहीं तो कहानी ही सही ,रामगढ़ वालों सब लोग कमेन्ट लिखो की कैसन लगी कहानी(काबुलीवाला ) और बीरबल की मसखरी .......................<br /><br />नदीम श्रवण कहीं मिले तो भेज देना कहना की गब्बर बुला रहा है ,ठाकुर बहुत बोलने लगा है शोले को डिब्बे में बंद .................अरे ओ साम्भा ठाकुर को जरा संभालो तोneelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-22517484726106118372010-04-10T18:08:56.647+05:302010-04-10T18:08:56.647+05:30यहाँ तो अब कोई भी नज़र नहीं आ रहा शन्नो जी बस एक आप...यहाँ तो अब कोई भी नज़र नहीं आ रहा शन्नो जी बस एक आप ही हैं जो इस ठाकुर की स्टोरी मैं कुछ एक्ट कर रही हैं अब आप और हम बस दो जने तो फिल्म शूट नहीं कर पाएंगे सो इस फिल्म को डब्बे मैं डाल देते हैं !!महफ़िल ऐ ग़ज़ल दो आदमी से तो नहीं चल पायेगी .क्या कहना है आपका ? अरे भाई किसी को तो बुलाओ कोई तो सुन लो भाई हमारे शेर बड़ा ज़ालिम वक़्त आ गया है लगता है हमारे शेरोन मैं जान नहीं ! चलिए हम तो फ़िर भी अपना फ़र्ज़ पूरा कर के ही दम लेंगे इन सबको आपकी और मेरी तरफ से एक शेर अर्ज़ है की <br /> कभी तो आओगे मेरी कब्र पे फातिहा पढने ऐ नदीम<br />कफ़न बिछा के तुम्हे शायरी सुना देंगे ,पका देंगे रुला देंगे <br />ख़ुदा सब देखता है नीलम जी यूँ पहाड़ों मैं छुपने से कोई गब्बर नहीं बनता रामगढ आओ तो जाने रामगढ वालों के हाथों मैं अभी बहुत जान हैavenindrahttps://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-31141453500741411372010-04-10T11:02:48.638+05:302010-04-10T11:02:48.638+05:30अरे...ये क्या इस महफ़िल का आलम तो बड़ा सूना-सूना स...अरे...ये क्या इस महफ़िल का आलम तो बड़ा सूना-सूना सा है, भई..क्या हो गया?..लगता है की बस हम ही चले आत हैं जब देखो तब..तमाम और लोगों को क्या हो गया है..कहाँ छिपे हैं सब ? :) खैर, चलो हम आये हैं यहाँ तो फिर कम से कम अपना शेर तो पढ़ ही दें :<br /><br />दिल की कीमत लगाना इबादत नहीं होती<br />किसी पे इलज़ाम लगाना शराफत नहीं होती<br />न वोह नदीम ही क़यामत तक साथ होता है<br />जिसकी इरादत में कोई मतानत नहीं होती.<br /><br />-शन्नो <br /><br />अब हम भी चलते बनें...खुदा हाफिज़..Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-11283031313933799452010-04-08T04:32:53.505+05:302010-04-08T04:32:53.505+05:30सॉरी ! तन्हा जी, नाराज़ न होना प्लीज़..मैं भूल गयी ...सॉरी ! तन्हा जी, नाराज़ न होना प्लीज़..मैं भूल गयी थी बताना की मैंने आपकी पेश की हुई ग़जल भी सुन ली है..बहुत अच्छी लगी...शुक्रिया. :)Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-76457233048323041092010-04-08T02:45:08.696+05:302010-04-08T02:45:08.696+05:30अवे निन्द्र जी, मतलब ठाकुर जी, hello ! it's go...अवे निन्द्र जी, मतलब ठाकुर जी, hello ! it's good to see you...chirping happily :) आपके शेर तो..सुभान अल्लाह ! शरद और सीमा जी तो हैं ही शेरों में माहिर..पर आप भी..वाह ! वाह ! वैसे ये बसंती कौन हैं..? किसकी तरफ इशारा है..हमें तो आपने रामू बनाया था..तो हम तो निभा रहे हैं अपना रोल..है की नहीं ? हम बिना मतलब की ऊट-पटांग बातें करते रहते हैं..तो फिर आप ही डबल रोल कर लीजिये या हमरी गब्बर जी से पूछें की वो अगर दिलचस्पी रखती हों इस रोल में..हा हा हा.. लगता है की नीलम जी ने अपने कानों में रुई लगा ली है..क्योंकि उन्हें अब तक ' आवाज़ ' ही नहीं सुनाई दी किसी की :) अब ऊट-पटांग की बात चली तो हमें अपना ये शेर याद आ गया जो हम साथ में लिख कर लाये हैं.. <br /><br />यहाँ कोई नदीम नहीं किसी का<br />ये दुनियां तो है बस अदाकारी की <br />कोई मरता या जीता है बला से<br />सबको पड़ी है बस कलाकारी की.<br /><br />-शन्नो<br /><br />अब यहाँ से खिसकने का टाइम हो गया हमारा...खुदा हाफिज़Shanno Aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-68265973077146435182010-04-07T18:36:03.073+05:302010-04-07T18:36:03.073+05:30शरद जी वाह मज़ा आ गया क्या खूब लिखा है आपने अब तो ज...शरद जी वाह मज़ा आ गया क्या खूब लिखा है आपने अब तो जब महफ़िल की शुरुआत ही ऐसी है तो अंजाम क्या होगा मज़ा आयेगा अबकी बार<br />गब्बर साहिबा क्या हाल हैं आपके आजकल काफी व्यस्त हैं आप ! ये बसंती अपने आपको बसंती नहीं मान रहीं हैं ! आप और हम यानी ठाकुर और गब्बर दो लोग तो शूटिंग कैसे कर पाएंगे ,,?<br />बाकी किरदार का इंतज़ाम कीजिये नहीं तो फिल्म हाथ से गयी समझो ! चलिए टूटे मन और टूटे हाथों से आज का शेर तो लिख दूं<br /><br />तुझे टूट कर चाहने का ये सिला मिला नदीम<br /> घाहते सिसकती रहीं और... हम टूटते रहे .........!(स्वरचित )avenindrahttps://www.blogger.com/profile/02305378164295161479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-56979625308403844432010-04-07T15:30:34.329+05:302010-04-07T15:30:34.329+05:30ख़त लिखेंगे, गर्चे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं ...ख़त लिखेंगे, गर्चे मतलब कुछ न हो <br />हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के<br />इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया <br />वरना हम भी आदमी थे काम के<br />..... Sundar prastuti ke liya dhanyavaad.....कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-88745675986845715932010-04-07T13:19:42.592+05:302010-04-07T13:19:42.592+05:30ये जो चार दिन के नदीम हैं इन्हे क्या ’फ़राज़’ कोई ...ये जो चार दिन के नदीम हैं इन्हे क्या ’फ़राज़’ कोई कहे<br />वो मोहब्बतें, वो शिकायतें, मुझे जिससे थी, वो कोई और है. <br />(अहमद फ़राज़ )<br />मरूँ तो मैं किसी चेहरे में रंग भर जाऊँ|<br />नदीम! काश यही एक काम कर जाऊँ|<br />(अहमद नदीम क़ासमी )<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-1211105012740803992010-04-07T12:59:32.393+05:302010-04-07T12:59:32.393+05:30सही शब्द है : नदीम
खंज़र को भी नदीम समझ कर के एक दि...सही शब्द है : नदीम<br />खंज़र को भी नदीम समझ कर के एक दिन<br />हाथों से थाम कर उसे दिल से लगा लिया ।<br />(स्वरचित)शरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.com