tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post6517152197257869499..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: क्या टूटा है अन्दर अन्दर....इरशाद के बाद महफ़िल में गज़ल कही "शहज़ाद" ने...साथ हैं "खां साहब"नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-62210628422745473212009-09-26T09:37:16.906+05:302009-09-26T09:37:16.906+05:301) इश्क ने ऐसा नचाया कि घुंघरू टूट गए........"...1) इश्क ने ऐसा नचाया कि घुंघरू टूट गए........"लैला" की महफ़िल में "क़तील" <br />महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२७<br />रूना लैला<br />"एक से बढकर एक"<br />2)आप आएँगे करार आ जाएगा.. .. महफ़िल-ए-चैन और "हुसैन" <br />"उस्ताद अहमद हुसैन" और "उस्ताद मोहम्मद हुसैन", <br />पिता जी "उस्ताद अफ़ज़ल हुसैन जयपुरी<br />महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१९<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-67782221337764781502009-09-26T09:28:12.350+05:302009-09-26T09:28:12.350+05:30एक हुआ दीवाना एक ने सर तेशे से फोड़ लिया
कैसे कैसे ...एक हुआ दीवाना एक ने सर तेशे से फोड़ लिया<br />कैसे कैसे लोग थे जिनसे रस्म-ए-वफ़ा की बात चली<br />(Munir Niyazi)<br />तेशे बग़ैर मर न सका कोह्कन असद<br />सर्गश्तह-ए ख़ुमार-ए रुसूम-ओ-क़ुयूद था!<br />(anaam)<br />कोह-ए-गम और गराँ, और गराँ और गराँ<br />गम-जूड तेशे को चमकाओ कि कुछ रात कटे<br />(मखदूम मुहीउद्दीन)<br />कड़ी चट्टानों के तेशे से <br />हमने सीने फाड़ दिए हैं <br />चार खूंट रहती दुनिया में <br />हमने झंडे गाड दिए हैं <br />(Firaq Gorakhpuri)<br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-55314553956684657492009-09-26T09:03:42.162+05:302009-09-26T09:03:42.162+05:30मुझे दिल की ख़ता पर 'यास' शर्माना नहीं आता...मुझे दिल की ख़ता पर 'यास' शर्माना नहीं आता <br />पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता <br /><br />बुरा हो पा-ए-सरकश का कि थक जाना नहीं आता <br />कभी गुमराह हो कर राह पर आना नहीं आता <br /><br />[पा-ए-सरकश= बात न सुनने वाला पैर] <br /><br />मुझे ऐ नाख़ुदा आख़िर किसी को मूँह दिखाना है <br />बहाना कर के तन्हा पार उतर जाना नहीं आता <br /><br />मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जायेगा <br />मुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता <br /><br />[तेशे=फ़ावडा] <br /><br />असीरो शौक़-ए-आज़ादी मुझे भी गुदगुदाता है <br />मगर चादर से बाहर पाँव फैलाना नहीं आता <br /><br />[असीरो=बंधक] <br /><br />दिल-ए-बेहौसला है इक ज़रा सी टीस का मेहमाँ <br />वो आँसू क्या पियेगा जिस को ग़म खाना नहीं आता <br />यगाना चंगेज़ी <br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-50970201082322444402009-09-25T18:10:29.449+05:302009-09-25T18:10:29.449+05:30जवाब -तेशे svrchit -
सैकड़ों तेशे चलाए थे नींव के ल...जवाब -तेशे svrchit -<br />सैकड़ों तेशे चलाए थे नींव के लिए ,<br />चिन्नी थी दीवार इमारत के लिए .<br />सींची थी लंबी -लंबी दीवार खून पसीने से ,<br />दीवार ढह गयी थी मजदूरों को लिए .<br />मिलावटी समानों से कब्रे बिछ गयी धरा पे <br />मर गये लाल बिना मजदूरी को लिए .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-69820930464682183692009-09-25T12:51:24.805+05:302009-09-25T12:51:24.805+05:30हाँ इश्क़ मेरा दीवाना ये दीवाना मस्ताना
तेशे को ब...हाँ इश्क़ मेरा दीवाना ये दीवाना मस्ताना <br />तेशे को बना कर अपना क़लम लिखेगा नया फ़साना <br /><br />annamShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-66021799776859651982009-09-25T12:47:57.888+05:302009-09-25T12:47:57.888+05:30निदा फाज़ली की नज़्म
प्यार, नफ़रत, दया, वफ़ा एहसान
...निदा फाज़ली की नज़्म<br />प्यार, नफ़रत, दया, वफ़ा एहसान<br />क़ौम, भाषा, वतन, धरम, ईमान<br />उम्र गोया...<br />चट्टान है कोई<br />जिस पर इन्सान कोहकन की तरह<br />मौत की नहर....<br />खोदने के लिए,<br />सैकड़ों तेशे<br />आज़माता है<br />हाथ-पाँव चलाये जाता हैShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-60724507307505888122009-09-25T12:47:00.428+05:302009-09-25T12:47:00.428+05:30हमसुख़न तेशे ने फ़रहाद को शीरीं से किया
जिस तरह क...हमसुख़न तेशे ने फ़रहाद को शीरीं से किया <br />जिस तरह का भी किसी में हो कमाल अच्छा है <br /><br />mirza galibShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-18204251022799768852009-09-25T12:44:46.627+05:302009-09-25T12:44:46.627+05:30यगाना चंगेजी साहब की ग़ज़ल.
मुझे दिल की ख़ता पर ...यगाना चंगेजी साहब की ग़ज़ल.<br /><br />मुझे दिल की ख़ता पर 'यास' शर्माना नहीं आता <br />पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता <br /><br />बुरा हो पा-ए-सरकश का कि थक जाना नहीं आता <br />कभी गुमराह हो कर राह पर आना नहीं आता <br /><br />[पा-ए-सरकश= बात न सुनने वाला पैर] <br /><br />मुझे ऐ नाख़ुदा आख़िर किसी को मूँह दिखाना है <br />बहाना कर के तन्हा पार उतर जाना नहीं आता <br /><br />मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जायेगा <br />मुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता <br /><br />[तेशे=फ़ावडा] <br /><br />असीरो शौक़-ए-आज़ादी मुझे भी गुदगुदाता है <br />मगर चादर से बाहर पाँव फैलाना नहीं आता <br /><br />[असीरो=बंधक] <br /><br />दिल-ए-बेहौसला है इक ज़रा सी टीस का मेहमाँ <br />वो आँसू क्या पियेगा जिस को ग़म खाना नहीं आताShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-56089845798096006842009-09-25T12:41:27.649+05:302009-09-25T12:41:27.649+05:30doosre sawal kaa jawab
गायक बंधू अहमद हुसैन मुहम्...doosre sawal kaa jawab<br /><br />गायक बंधू अहमद हुसैन मुहम्मद हुसैन<br />पिता का नाम. उस्ताद अफ़जल हुसैन<br />महफिले ग़ज़ल. १९Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-47755127958028799502009-09-25T12:39:03.871+05:302009-09-25T12:39:03.871+05:30pahle sawal ka jawab
फनकार का नाम रुना लैला
फिल्...pahle sawal ka jawab<br /><br />फनकार का नाम रुना लैला <br />फिल्म का नाम एक से बढ कर एक<br />महफिले ग़ज़ल. २७Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-5005731348477623252009-09-25T11:41:37.133+05:302009-09-25T11:41:37.133+05:30प्रश्न १ : कडी २७ / रुना लैला / फ़िल्म एक से बढ कर ...प्रश्न १ : कडी २७ / रुना लैला / फ़िल्म एक से बढ कर एक<br />प्रश्न २ : कडी १९ / अहमद हुसैन मुहम्मद हुसैन/उस्ताद अफ़जल हुसैनशरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-20459528538121395942009-09-25T09:53:18.396+05:302009-09-25T09:53:18.396+05:30अपकी ये महफिल बहुत अच्छी लगी धन्यवाद्अपकी ये महफिल बहुत अच्छी लगी धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com