tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post6687394884899945346..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: ऐ मेरी ज़ोहरा-जबीं, तुझे मालूम नहीं, तू अभी तक है हसीं...बिलकुल वैसे ही जैसे सुनहरे दौर का लगभग हर एक गीत हैनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-29712713104338033042010-09-06T01:10:53.427+05:302010-09-06T01:10:53.427+05:30गीत वक्त चित्र का सुन कर वही पुराना गोल्ड वक्त याद...गीत वक्त चित्र का सुन कर वही पुराना गोल्ड वक्त याद आ गया <br />ब्ल्र्राज साहनी जी ने तो मना लिया अचला को पर हमारी अभी तक रूठी हुई है <br />आग हृदय की सुलग गई आपका गीत सुनकरAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-23482884659035279462010-09-05T22:03:47.688+05:302010-09-05T22:03:47.688+05:30कव्वालियों का खजाना है मेरे पास. वो भी ऐसी वैसी नह...कव्वालियों का खजाना है मेरे पास. वो भी ऐसी वैसी नही सदाबहार.फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी दोनों.<br />न तो कारवाँ की तलाश है, न हम सफ़र की तलाश है ("बरसात की एक रात"<br />२) ये इश्क इश्क है ("बरसात की एक रात", संगीत निर्देशक: "रोशन")<br />३) वाकिफ़ हूँ खूब इश्क के तर्जे बयाँ से मैं ("बहू बेगम", संगीत निर्देशक: "रोशन")<br />चाँदी का बदन सोने की नजर ("ताज महल", संगीत निर्देशक: "रोशन")<br />४) जी चाहता है चूम लूँ अपनी नजर को मैं ("बरसात की एक रात", संगीत निर्देशक: "रोशन")<br />५) निगाहे नाज के मारों को हाल क्या होगा ("बरसात की एक रात", संगीत निर्देशक: "रोशन")<br />६.निगाहें मिलाने को जी चाहता है <br />७.हमें तो लूट लिया मिल के हुस्न वालों नें<br />८.तेरी महफ़िल में किस्मत आजमा कर हम भी देखेंगे <br />९) ये माना मेरी जाँ मोहब्बत सजा है मजा इसमें इतना मगर किसलिये है <br />१०.) हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम <br />११.) आज क्यों हमसे पर्दा है <br />१२.उनसे नजरे मिली और हिजाब आ गया<br />१३.सखी बाली उमरिया थी मोरी,<br />मोरे चिश्ती बलम चोरी चोरी,<br />लूटी रे मोरे मन की नगरिया<br />और पाकिस्तानी नायब,लाजवाब,बेहतरीन क़व्वाल अजीज़ मियाँ को सुनिए -उनकी आंखों से मस्ती बरसती रहे. <br />और नही बताउंगी,सजीव और सुजॉय मुझे मारेंगे, कहेंगे...<br />ऐसिच हैं आप सचमुच...हा हा हा <br />होश उडता रहे दौर चलता रहे ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-90969840128867069672010-09-05T20:16:28.053+05:302010-09-05T20:16:28.053+05:30संगीतकार हैं : लक्ष्मी कान्त प्यारे लालसंगीतकार हैं : लक्ष्मी कान्त प्यारे लालरोमेंद्र सागरhttps://www.blogger.com/profile/15893431216162497924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-14497182375074665032010-09-05T20:02:57.184+05:302010-09-05T20:02:57.184+05:30एक से बढ़ कर एक कव्वाली मन को आंनदित कर रही हैं। सब...एक से बढ़ कर एक कव्वाली मन को आंनदित कर रही हैं। सब मेरी ऑल टाइम फ़ेवरेट हैं। जोहरा जबीं कर्ण प्रिय शब्द है तो साहिर साहब सही थे कि लोगों को पसंद आयेगा। लेकिन अब इस वार्तालाप को पढ़ने के बाद मन में ख्याल आ रहा है कि हाँआआआ, हमें तो मालूम ही नहीं कि जोहरा जबीं का मतलब क्या होता है? उस पर रौशनी डालेगें। इस कव्वाली के लिए आभारAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-79770159025594514182010-09-05T19:08:51.783+05:302010-09-05T19:08:51.783+05:30ऐ मेरी ज़ोहरा-जबीं, तुझे मालूम नहीं, तू अभी तक है ...ऐ मेरी ज़ोहरा-जबीं, तुझे मालूम नहीं, तू अभी तक है हसीं...बिलकुल वैसे ही जैसे सुनहरे दौर का लगभग हर एक गीत है <br /><br /><br />बिंदास प्रस्तुति.....पुराना गीत सुनकर रगों में खून दौड़ने लगा है ..... आनंद आ गया ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-33721897485214090802010-09-05T18:59:49.585+05:302010-09-05T18:59:49.585+05:30sorry sorry....
dharmendrasorry sorry....<br />dharmendraPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-15367194538678041492010-09-05T18:57:52.709+05:302010-09-05T18:57:52.709+05:30navin nischol
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pAwAN KuMARnavin nischol<br />******<br />pAwAN KuMARPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-49772964987204258312010-09-05T18:41:30.502+05:302010-09-05T18:41:30.502+05:30हमे एक पल रूठने में लगता है पर....मानने में ??? मह...हमे एक पल रूठने में लगता है पर....मानने में ??? महीनों लग जाते है.<br />Lyricists: Majrooh SultanpuriAnonymousnoreply@blogger.com