tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post8096251519736061815..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: मुड़ मुड़ के न देख मुड़ मुड़ के...सफलता की राह में मुड़ कर न देखा राज ने कभी पीछेनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-51576186300856336812009-06-11T08:12:57.837+05:302009-06-11T08:12:57.837+05:30वह शरद जी आपका अंदाज़ भी क्या खूब है. हर बार बजी मर...वह शरद जी आपका अंदाज़ भी क्या खूब है. हर बार बजी मर लेते हैं.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-79228327151935959632009-06-10T12:17:31.746+05:302009-06-10T12:17:31.746+05:30SUJOY DA, MUJHE NAHEEN PATA KI YAH GEET GRAMOPHONE...SUJOY DA, MUJHE NAHEEN PATA KI YAH GEET GRAMOPHONE RECORD PE THA YA NAHEEN . SAMBHAV HAI KI NA HO KYONKI IS FILM ME BAHUT SARE GANE THE .HAAN ISKEE DVD PE HAI .<br />DADA MAIN COMPUTER SAKCHARATA ME KAREEB KAREEB NIRAKCHAR HOON , AUR MERE PAS JO SANGRAH HAI UNAME BADE SARE AUDIO CD VAGAIRAH HEE HAIN AUR AB KEE AUDIO CD DVD VAGAIRAH .MUMBAI ME MERA YE KAM BHEE (TECHNICAL) TEAM SADASY HEE KARTE HAIN .DVD SE MP3 CONVERSION AGAR AAP KAR SAKEN TO THEEK HAI VARNA KAHEN TO PHONE KAR MUMBAI SE IS GANE KA DVD SE UTAR MP3 BANVA AAPKO BHIJVAOON .<br /><br />DADA BRAVO ! AAP TO ONE MAN ARMY HAIN .BAS AISE HEE CHALATA RAHERAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-41949566213758349192009-06-10T09:27:03.763+05:302009-06-10T09:27:03.763+05:30Raj Sinh ji, aap jis paaramparik lok rachana ki ba...Raj Sinh ji, aap jis paaramparik lok rachana ki baat kar rahe hain, kya woh is film ke gramophone record par jaari huya tha? mujhe to kahin mil naheen raha hai. aisa to nahin ki yeh sirf film soundtrack par hai, gramophone record par nahin?<br /> agar aapke paas iska mp3 maujood ho to zaroor bhejiyega. aur teesri kasam sambandhit saari jaankaariyon ke liye bahut dhanyavaadPLAYBACKhttps://www.blogger.com/profile/05241134952714018613noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-67645161834670932242009-06-09T14:52:53.868+05:302009-06-09T14:52:53.868+05:30जब ' तीसरी कसम ' की चर्चा हो रही है मैं खु...जब ' तीसरी कसम ' की चर्चा हो रही है मैं खुद को रोक नहीं पा रहा .<br />' ताई ' के स्नेह नाम से पुकारी जाने वाली उनकी आत्मीय पारिवारिक मित्र के साथ शैलेन्द्र जी से दो बार मुलाकात का सौभाग्य पाया , उसी ' दुस्काल ' में जब ' तीसरी कसम ' आर्थिक संकट में फंस ठप हो गयी थी .शैलेन्द्र जी अपने अवसाद विषाद में घिर गए थे .<br />ताई जीवन बीमा की एजेंट थीं और साम्यवादी कार्यकर्त्ता भी .और शैलेन्द्र जी की जीवन बीमा पालिसी भी उन्हीं ने कराई थी . उन्हीं बुरे दिनों में ,शैलेन्द्र जी किश्तें भी न भर पाए और मृत्यु होने पर सालों से चली आ रही पॉलिसी के पैसे से भी परिवार महरूम रह गया .<br />सब याद कर के मन भर जाता है की शैलेन्द्र जी ने सेल्ल्यूलायिद पर लिखी एक कोमल प्रणय कथा , हर लिहाज़ से अप्रतिम , मील का पत्थर , हमारे लिए छोड़ गए , पर कीमत क्या चुकाई !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-46249805354041947232009-06-09T14:26:43.969+05:302009-06-09T14:26:43.969+05:30हाँ तेलंग जी यह ' रेनू ' जी का उपन्यास नही...हाँ तेलंग जी यह ' रेनू ' जी का उपन्यास नहीं बल्कि उनके कहानी संग्रह ' ठुमरी ' में शामिल एक कहानी <br /><br />' तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफाम '<br /><br />पर आधारित है .RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-37212856630759486772009-06-09T14:18:30.231+05:302009-06-09T14:18:30.231+05:30मेरी तमन्ना थी की मैं भी एक बार प्रतियोगिता जीत लू...मेरी तमन्ना थी की मैं भी एक बार प्रतियोगिता जीत लूं . क्योंकि करीब करीब हर एक बार जबाब मालूम था .लेकिन फुर्ती में पिछड़ जाता हूँ .बड़ी खुशी इस बात की होती है की पुराने सोने की कदर और पहचान दोनों है हिंद युग्म की ' आवाज़ ' में भी , रसिकों में भी .<br />धन्यवाद .<br /><br />तीसरी कसम के हर गाने बेजोड़ हैं पर इस गीत पर , जहाँ मंदिर दर्शन कर अपना 'वर' हीरामन बिना हीरा बाई को भी बताये , देवी मैया से मांग मगन मन से लौट रहा है , टप्पर गाडी में , हीरा बाई को दुल्हन समझ बच्चे गाडी के पीछे गाते चलते हैं , गीत से ही दोनों के कोमल मन भावः समझा दिए .<br />फिल्म में इस गीत में , सितुअशन , गीत और फिल्मांकन का अनूठा संयोजन है . मन पर अमित रह जाने वाला .<br />तेलंग जी बधाई भी और निवेदन भी की आप अब सिर्फ ' निर्णायक मंडल ' में बैठें .आपके रहते कौन बाजी मर ले जायेगा :) . सुपर चैम्पियन अब सिर्फ जौहरी रहे .<br />दादा अब , मेरी और से भी , इसी फिल्म की एक उप पहेली मान , प्यारी सी ............. सुनवा दिजीये ...गायक गायिका और गाना तीनो बहुत अलग किस्म के और हट कर हैं .गायक गायिका दोनों , खास कर गायक ने बहुत कम ही गाया है फिल्मों में .<br />और पूरी फिल्म का संगीत तो शंकर जयकिशन का था पर इस भाग का संगीत संयोजन एक प्रसिद्द कव्वालों की जोड़ी का था और उनमे से एक इस गाने में गायक भी था . इस तर्ज़ को लोकविधा से लिया गया है. यह अंश भी फिल्म के गीत कारों ने नहीं लिखा था बल्कि लोकनाट्य से लिया गया था <br /><br />गाने के शुरुआत के बोलों में ' बाँकी अदा ' है .और ये भी की परदे पर इस गाने के युगल नृत्य में वहीदा रहमान थीं पर इस दृश्य का ' नायक ' कोई अनजान सा . संगीत में नगाडा भी शामिल था . <br />शरद तेलंग जी आप पहले ही प्रतियोगिता से ' आउट ' हैं . निर्णायक मंडल में शामिल हैं मेरे साथ !.<br />तो दादा हो जाये ! कुछ हटके !<br />to iske gayak gayika aur sangeetkar......... <br /><br />kaun the ?<br /><br />पुनश्च : शर्त अगर इस सीरीज की राज कपूर के होने की है तो गाने के बीच उन पर कैमरा ' बड़ी ' बाँकी अदा ' से गुजरा है .RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-75907422532541334842009-06-09T07:55:26.805+05:302009-06-09T07:55:26.805+05:30सुन्दर गीत के लिये आभार्सुन्दर गीत के लिये आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-16147616909635158802009-06-08T22:52:31.844+05:302009-06-08T22:52:31.844+05:30क्या गीत था...
शायद लोक गीत..?
गाँव की बच्चीयाँ क...क्या गीत था...<br /> शायद लोक गीत..?<br />गाँव की बच्चीयाँ कैसे भाग रही थी वहीदा के पीछे ,,,,,<br /><br />बाकी हमें न कहानी का पता , न उपन्यास का....<br />बस ये फिल्म देखि थी बचपन में जो तभी बस गयी थी मन में,,,,<br />अबरू की कटारी से,<br />नयनों की दुधारी से,<br />मारे गए गुलफाम......अजी हाँ....मारे गए गुलफामmanuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-13998606649820498962009-06-08T21:53:50.646+05:302009-06-08T21:53:50.646+05:30जहाँ तक मेरी जानकारी है तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुल...जहाँ तक मेरी जानकारी है तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफ़ाम फ़णीश्वर नाथ रेणु की एक ८-१० पृष्ठ की कहानी है उनका उपन्यास नही.शरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-59971419857677565822009-06-08T19:55:17.125+05:302009-06-08T19:55:17.125+05:30अरे अब क्या लिखूं .आप को बधाई के सिवाय
बहुत बहुत...अरे अब क्या लिखूं .आप को बधाई के सिवाय <br />बहुत बहुत बधाई हो <br />गाना तो यही है पर आप से आगे कोई नहीं <br />सादर<br />रचनाrachananoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-53273003586384593872009-06-08T19:31:13.438+05:302009-06-08T19:31:13.438+05:30वाह शरद जी वाह. यह गीत तो मैंने कभी सुना न इसके बा...वाह शरद जी वाह. यह गीत तो मैंने कभी सुना न इसके बारे में कहीं पढा है. आप को हार्दिक बधाई १० अंक पाने के लिए.<br />सुजोय जी, आप भी क्या नायाब गीत लेकर आते हैं.<br /><br />परागParaghttps://www.blogger.com/profile/00572142944650778157noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-2132846819589234842009-06-08T18:37:21.977+05:302009-06-08T18:37:21.977+05:30फ़िल्म : तीसरी क़सम
गीत : लाली लाली डोलिया में लाली...फ़िल्म : तीसरी क़सम<br />गीत : लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया<br /> पिया कि पियारी भोली भाली रे दुल्हनिया<br />निर्माता : शैलेन्द्र<br />कहानी : तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफ़ाम<br />लेखक : फ़णीश्वर नाथ रेणुशरद तैलंगhttps://www.blogger.com/profile/07021627169463230364noreply@blogger.com