tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post8628186858243711555..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: लल्ला लल्ला लोरी....जब सुनाने की नौबत आये तो यही लोरी बरबस होंठों पे आयेनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-25857489885708113762011-11-14T21:05:14.212+05:302011-11-14T21:05:14.212+05:30यह फिल्म मैंने देखि थी.बड़ी मार्मिक फिल्म थी यह.इस...यह फिल्म मैंने देखि थी.बड़ी मार्मिक फिल्म थी यह.इस फिल्म मे शिशुओं को पल्स पोलियो ड्रॉप पिलाने का सन्देश दिया गया था किसमय पर दो बूँद इस दवा को न पिलाने से किस तरह एक बच्चा हमेशा के लिए विकलांग हो सकता है और उसका जीवन कितना कष्टमय हो जाता है.कम से कम मुझे यह बात उस समय भी बहुत अच्छी लगी थी और आज भी लगती है.टीचर बनने के बाद भी मैं इस बात को कभी नही भूली.और कभी भी एक भी बच्चे को इस दवा से वंचित नही रहने दिया.ड्यूटी तीन दिन के लिए लगती थी किन्तु किसी एक बच्चे के उस घर मे न मिलने पर मैंने कई कई चक्कर लगाए और कन्फर्म हो जाने पर ही कि बच्चे ने दवा पी ली है तभी शांत बैठी.<br />मैं यह पाप अपने सिर नही लेना चाहती थी कि जिसे यूँही छोड़ दिया वही बच्चा इस बीमारी का शिकार हो गया.<br />पहली बार किन्नरों पर फिल्माया गाना भी उन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ 'सज रही मेरी माँ सुनहरी गोते मे; जिसकी अंतिम पंक्तियाँ किन्नरों के एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही धड़कते दिल उसमे बसी संवेदनाओं को उजागर कर रहा था.फिल्म सुजाता और इस फिल्म ने मुझे समाज से बहिष्कृत,अपने अनकिये की सजा भुगतते इन बच्चो के लिए बहुत भावुक कर दिया और........मैंने अपना जीवन इन बच्चों को परिवार तक पहुंचाने जैसे छोटे से काम को सौंप दिया.और......संतुष्ट,बहुत खुश हूँ.इन्दु पुरीhttps://www.blogger.com/profile/10029621653320138925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-65991518558890578452011-11-13T20:26:53.331+05:302011-11-13T20:26:53.331+05:30MEHMOOD - Aa Ri Aa Ja Nindiya Tu Le - Film: KUNWAR...MEHMOOD - Aa Ri Aa Ja Nindiya Tu Le - Film: KUNWARA BAAP 1974Amithttps://www.blogger.com/profile/14958714003791136765noreply@blogger.com