tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post885128424316854039..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: एक हीं बात ज़माने की किताबों में नहीं... महफ़िल-ए-ज़ाहिर और "फ़ाकिर"नियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-17767366102031498702009-07-23T08:02:29.213+05:302009-07-23T08:02:29.213+05:30मोड़ के दूसरे पहर देखो,
वो ना आएगा रात भर देखो।
उ...मोड़ के दूसरे पहर देखो,<br />वो ना आएगा रात भर देखो।<br /><br />उसकी आहट ही धड़कन है हमारी,<br />कब तलक होगी अपनी गुज़र देखो।<br /><br />धोखे खा खा के जिस्म हो गया पत्थर,<br />कैसे असर करेगा अब ज़हर देखो।<br /><br />अब आए हो तो कुछ न कहो ज़ुबां से,<br />नज़रें न उठाओ पर इक नज़र देखो।साहिलhttps://www.blogger.com/profile/05713213395924501329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-20303143663045869332009-06-04T09:18:23.488+05:302009-06-04T09:18:23.488+05:30तनहा जी का धन्यवाद,,,
और सुमित जी का उनसे भी पहले,...तनहा जी का धन्यवाद,,,<br />और सुमित जी का उनसे भी पहले,,,,<br />साग़र और मीना आम सा शब्द लगता था,,,, सुमित भाई ने पूछा तो उसकी तह तक जाना पडा,,,<br />पहले साग़र मतलब सुराही समझते थे ham और मीना मतलब प्याला,,,<br /><br />अब पता चला है के,,,,,<br />साग़र ----- शराब का प्याला <br />मीना-------शराब का बड़ा बर्तन <br />और किसी नयी जानकारी का भी इंतज़ार है इस बारे में,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-63316769168902505282009-06-04T08:52:11.258+05:302009-06-04T08:52:11.258+05:30शायद सही लफ्ज़ तबस्सुम है.शायद सही लफ्ज़ तबस्सुम है.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-41595307580030742182009-06-03T19:27:50.195+05:302009-06-03T19:27:50.195+05:30धन्यवाद तन्हा जीधन्यवाद तन्हा जीUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-26371400164553752009-06-03T17:28:39.145+05:302009-06-03T17:28:39.145+05:30नहीं भाई आप कहें और हम बुरा मान जायें इतनी हिम्मत ...नहीं भाई आप कहें और हम बुरा मान जायें इतनी हिम्मत अभी हममे नहीं आई है <br />हा हा हा <br />चलिए एक शेर आपको सुनते हैं इसी बात पर <br />------------------------------------------------<br />चुरायेंगे किसी का दिल ,हम शेर को चुराएं क्या <br />चुरायेंगे एक खुशी मुफलिसी के दरमियाँ |<br />मुस्कुरा रहे हैं सब ,हम अभी से मुस्कुराएं क्या <br />मुस्कुरायेंगे कभी खुदखुशी के दरमियाँ ||कुलदीप "अंजुम"https://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-19640633218051436362009-06-03T15:39:57.815+05:302009-06-03T15:39:57.815+05:30सुमित जी,
सागर-औ-मीना का अर्थ होता है "शराब प...सुमित जी,<br />सागर-औ-मीना का अर्थ होता है "शराब पीने का प्याला" , जिसे शुद्ध हिंदी या कहिए कविताओं/गानों की भाषा में "पैमाना" भी कहते हैं।<br /><br />अंजुम भाई साहब,<br />आपका जिक्र आलेख में हुआ, आपने बुरा तो नहीं माना? :)विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-11731062740813596422009-06-03T14:35:12.392+05:302009-06-03T14:35:12.392+05:30"तनहा" जी बहुत बहुत शुक्रिया
जी ग़ज़ल है..."तनहा" जी बहुत बहुत शुक्रिया<br />जी ग़ज़ल है <br />मुझे गुस्सा दिखाया जा रहा है<br />तबस्सुम को चबाया जा रहा है<br />इसके अतिरिक्त फ़कीर साहब की वोह गजलें जो मुझे और सबको बहुत पसंद हैं <br />१. वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी ...........<br />२.आदमी आदमी को क्या देगा...............<br />३.आज के दौर में इ दोस्त ये मंजर क्यों है .............<br />४. शायद मैं जिंदगी की सहर लेकर आ गया (मेरी पसंदीदा )..........<br />५. अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें .........<br />६. चरागों आफताब गुम बड़ी हसीं रत थी .........<br />७.दिल की दीवार ओ डर पे क्या देखा ........<br />८. फलसफे इश्क में पेश आये सवालो की तरह .....(बहुत सुन्दर ग़ज़ल )<br />९ ग़म बढे आते हैं कातिल की निगाहों की तरह ............<br />१० जिंदगी तुझको जिया ह कोई अफ़सोस नहीं .........<br />११. इश्क में गैरत ओ जज़्बात ने रोने न दिया ..........<br />लिस्ट बहुत लम्बी हो जायेगी साहब<br /><br />जी हाँ मेरे पास खुमार साहब के लिखे और लता जी के गए ५-६ वेडिओस हैं <br />कृपया पता दें जहानमें उहे पोस्ट कर सकू <br />साथ ही मेरे पास उनकी करीब २५ गज़लों के ल्य्रिक्स भी हैं <br />आवाज़ के माध्यम से जनाबे फ़कीर साहब को श्रधांजलि देने के लिए आप बधाई के पत्र हैं<br />खुदा उन्हें जन्नत नसीब करे <br />शुक्रियाकुलदीप "अंजुम"https://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-88320858128052580302009-06-03T14:34:15.408+05:302009-06-03T14:34:15.408+05:30मुझे रुसवा सरे बाजार करने से तुझे क्या मिला ?
कभी ...मुझे रुसवा सरे बाजार करने से तुझे क्या मिला ?<br />कभी तो हो जा वावफा, बेवफाई से तुझे क्या मिला <br />यूँ तो थी नहीं मुझको तुझसे भी उम्मीद कोई <br />पर पलटकर देखा तो मैं खुद को ही बिखरा मिला <br />क्या करे कोई मोहब्बत इस नाज़ुक से दौर में <br />मुझको इसमें अब तलक बस ग़मो का सिलसिला मिला <br />यूँ तो कश्ती दर गई थी देखकर गहरायिओं को ,<br />पर सहिलो को देख चलने का हौसला मिला <br />अब करू "अंजुम " मैं किसी की क्या बंदगी<br />गौर से देखा तो मुझमे ही मेरा खुदा मिलाकुलदीप "अंजुम"https://www.blogger.com/profile/02096435711959078271noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-87197580926600832482009-06-03T11:34:38.504+05:302009-06-03T11:34:38.504+05:30तबस्सुम
शे'र तो याद नही आ रहा पर एक गाने की ल...तबस्सुम<br /><br />शे'र तो याद नही आ रहा पर एक गाने की लाइन याद आ गयी<br /><br />ना उनका तबस्सुम(smile) तेरे वास्ते है, <br />ना तेरे लिए उनकी जुल्फो के साये........ ये भी रफी साहब का गाना है, फिल्म का नाम याद नहीUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-89808641417470997212009-06-03T01:35:53.736+05:302009-06-03T01:35:53.736+05:30हंसना तेरा ,,
दिलनशीं था,,,,,,,,,,,,,
धोखा था,,,,...हंसना तेरा ,,<br />दिलनशीं था,,,,,,,,,,,,,<br />धोखा था,,,,,,,<br />फिर भी हसीं था,,,,,,, हंसना तेरा दिलनशीं था,,,,,,,,,,,,,,,<br /><br />अब वो हंसी ,,! है गैर की...!<br />जिस पर कभी हक ,,,<br />था मेरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,<br /><br />हाये ,तबस्सुम तेरा,,,,,,,,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-63911236930364498332009-06-02T23:25:14.849+05:302009-06-02T23:25:14.849+05:30एक अपना भी,,
मिला जो दर्द तेरा और लाजवाब हुई,
मेर...एक अपना भी,,<br /><br />मिला जो दर्द तेरा और लाजवाब हुई,<br />मेरी तड़प जो खीचकर गमे-शराब हुई,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-35612368432472083522009-06-02T23:22:34.662+05:302009-06-02T23:22:34.662+05:30एक सुंदर गीत याद आया है रफी का,
वो बात और है के अप...एक सुंदर गीत याद आया है रफी का,<br />वो बात और है के अपनी टी.वी. और फ़िल्मी कलाकार तबस्सुम भी याद आईए थी,,<br />पर,, अभी रफी....<br /><br />हाय ! तबस्सुम तेरा, <br />हाय ! तबस्सुम तेरा,,,,,,,,,,<br /><br />धुप खिल गयी रात में, या बिजली गिरी बरसात में.<br />हाय,,,,तबस्सुम तेरा,,,,,,,,,,,,,,<br /><br />रोको न अपनी हंसी को,<br />जीने दो वल्लाह किसी को,<br />तेरी हंसी, रुक जो गयी ...... <br /><br />रुक जाएगा सांस मेरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,<br /><br />हाय तबस्सुम तेरा,,,,,,,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-42303734613231391202009-06-02T22:26:19.154+05:302009-06-02T22:26:19.154+05:30तबस्सुम,,,,,,,तबस्सुम,,,,,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-34474051155795510052009-06-02T20:57:17.245+05:302009-06-02T20:57:17.245+05:30वाह वाह
कहना भूल गया था
ये ग़ज़ल वास्तव में ग़ज...वाह वाह <br />कहना भूल गया था <br />ये ग़ज़ल वास्तव में ग़ज़ब की ग़ज़ल है <br />मेरे पास भी ये ग़ज़ल है <br />सही शब्द तो तबस्सुम लग रहा है पर अभी कोई शेर याद नहीं आ रहा इस शब्द सेUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-55157388846330785342009-06-02T20:49:22.854+05:302009-06-02T20:49:22.854+05:30रफी साहब की आवाज़ वाली ये ग़ज़ल मैंने कई बार सुनी है...रफी साहब की आवाज़ वाली ये ग़ज़ल मैंने कई बार सुनी है और जब भी सुनता हूँ इसी में खो जाता हूँ <br />तनहा जी <br />सागर-औ-मीना का अर्थ क्या होता हैUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-21055504127064744772009-06-02T20:49:14.592+05:302009-06-02T20:49:14.592+05:30रफी साहब की आवाज़ वाली ये ग़ज़ल मैंने कई बार सुनी है...रफी साहब की आवाज़ वाली ये ग़ज़ल मैंने कई बार सुनी है और जब भी सुनता हूँ इसी में खो जाता हूँ <br />तनहा जी <br />सागर-औ-मीना का अर्थ क्या होता हैUnknownhttps://www.blogger.com/profile/15870115832539405073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-55028430199973167292009-06-02T16:50:56.271+05:302009-06-02T16:50:56.271+05:30मुझे गुस्सा दिखाया जा रहा है,
___ को चबाया जा रहा ...मुझे गुस्सा दिखाया जा रहा है,<br />___ को चबाया जा रहा है ...<br /><br />तबस्सुम<br /><br /><br />वो तबस्सुम से अपना ग़म दबाये जाए है <br />ये कैसी ख़लिश कि सुकूँ मुझे आये जाए हैस्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-45726168639691997082009-06-02T16:39:26.822+05:302009-06-02T16:39:26.822+05:30This comment has been removed by the author.स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-49121539512070007242009-06-02T10:37:49.803+05:302009-06-02T10:37:49.803+05:30VD मेरे पसंदीदा शायर पर इतनी बहुमूल्य जानकारी देने...VD मेरे पसंदीदा शायर पर इतनी बहुमूल्य जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्येवाद. रफी साहब की आवाज़ में इस ग़ज़ल के क्या कहने....thanks a lotSajeevhttps://www.blogger.com/profile/08906311153913173185noreply@blogger.com