tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post9015057913773013216..comments2024-03-19T02:10:35.267+05:30Comments on आवाज़: फिर वही शाम वही गम वही तन्हाई है...तलत की आवाज़ में डूबते शाम को तन्हा दिल से उठती टीसनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-61373880906002692892009-11-05T21:05:57.396+05:302009-11-05T21:05:57.396+05:30बड़े लम्बे समय के बाद, यह गाना सुना हमने, बहुत बहु...बड़े लम्बे समय के बाद, यह गाना सुना हमने, बहुत बहुत धन्यवाद. हमें तलत महमूद के गाये कुछ और भी गीत पसंद हैं, और यह गाना भी उन selected songs में से एक है. फिल्म के इतनी बुरी तरह पिटने का किस्सा आज ही पता चला :) <br /><br />मनु जी, <br />कभी कभी तुक्का भी तीर का काम कर जाता है. बधाई.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/05958882849698532647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2806191542948835941.post-84458135051035875902009-11-05T20:22:56.982+05:302009-11-05T20:22:56.982+05:30hnm ...
फिर भी एक तुका लगाते हैं...
सुहानी रात ...hnm ...<br /><br /> फिर भी एक तुका लगाते हैं...<br /><br />सुहानी रात ढल गई..<br />ना जाने तुम कब आओगे,,,,?manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.com