'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की कहानी "घर और बाहर" का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गिरिजेश राव की कहानी "सुजान साँप", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "सुजान साँप" का कुल प्रसारण समय 13 मिनट 55 सेकंड है।
सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
इस कथा का टेक्स्ट एक आलसी का चिठ्ठा पर उपलब्ध है।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
"पास बैठो कि मेरी बकबक में नायाब बातें होती हैं। तफसील पूछोगे तो कह दूँगा,मुझे कुछ नहीं पता " ~ गिरिजेश राव हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी "यहाँ के लोग सीधे साधे हरगिज नहीं थे। उन्हें मजबूरी की नब्ज़ से खून सोखना बखूबी आता था।" (गिरिजेश राव की कहानी "सुजान साँप" से एक अंश) |
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VBR MP3
#130th Story, Sujan Saanp: Girijesh Rao/Hindi Audio Book/2010/47. Voice: Anurag Sharma
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5 श्रोताओं का कहना है :
आभार भैया!
इस कहानी को आप के स्वर में सुनने की बहुत इच्छा थी। प्रस्तुति बहुत अच्छी रही। हर्षदभाई के स्वर को जो आप ने अलग से उपचार दिया है, उत्तम है।
कई बार प्रयत्न करने के बाद भी केवल आधी फाइल ही डाउनलोड हो पाई। सम्भवत
: मेरे नेट कनेक्शन में समस्या हो।
धन्यवाद गिरिजेश। यह कहानी भी बहुत अच्छी रही।
बढ़िया
बढ़िया
बढ़िया
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