Thursday, November 20, 2008

शिवानी की कविताएँ, रूपेश के स्वर और संगीत



२ महीने पूर्व आवाज़ ने शिवानी सिंह की कविताओं का एल्बम 'मेरे ज़ज़्बात' ज़ारी किया था, आज हम उसी कड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं और सुनवा रहे हैं शिवानी सिंह दो संगीतमयी कविताएँ रूपेश ऋषि के स्वर में। यदि यह प्रयास श्रोताओं को भाता है तो हम इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।

नाविक




बहुत आसान होता है ,
तमन्नाओं का मचल जाना !
बहक जाना ,बहल जाना ,
किसीकी चाहत में मिट जाना !
बहुत आसान होता है ,
तमन्नाओं का मचल जाना !
है मुश्किल दिल के अरमानों का
मंजिल तक पहुँच पाना !
संभल जाना ,सिमट जाना,
किसीके दिल में उतर जाना !
बहुत आसान होता है,
तमन्नाओं का मचल जाना !
बहुत कम हैं वो खुशकिस्मत,
की पूरी हों तमन्नाएं !
कब मंजिल तक पहुँच पायी हैं,
अरमानों की नौकाएं !
समुन्दर में ही रह जाती हैं,
या फंस जाती भंवर में ही !
बहुत कम होते हैं वो नाविक
जो साहिल तक पहुंचते हैं !
बहुत कम होते हैं वो नाविक
जो साहिल तक पहुंचते हैं !

मेरे आँसू



मेरे आंसू न रोके कोई
आज इन्हें बह जाने दो !
कल तक थे ये साथी मेरे,
इनको भी अब जाने दो !
मेरे आंसू न रोके कोई
आज इन्हें बह जाने दो !
टूटे रिश्तों की दुनिया में
कौन किसी का होता है
बस अपना एक साया समझो
साथ हमेशा रहता है !
टूटे रिश्तों की दुनिया में
कौन किसी का होता है !
बस अपना एक साया समझो
साथ हमेशा रहता है !
बहने पर आमादा हैं ये
इनको भी बह जाने दो !
कब तक रोकूंगा मैं इनको
जाते हैं तो जाने दो !
कब तक रोकूंगा मैं इनको
जाते हैं तो जाने दो !

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3 श्रोताओं का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

शिवानी जी क्या तारीफ करूँ इतना सुंदर गायक है रुपेश जी का और आपका शब्द भी मुझे इस कविता में सबसे असरदार लगी मुझे गजब .....

Anonymous का कहना है कि -

waah!!!!!!! shivaniji aapka toh kya kehna....... har baar ki tarha iss baar bhi aapne apni rachna se sabka dil jeet liya.....
kitni gehrayi hai aapke shabdo mein.....
aapki gazal ne toh sach mein dil choo liya....
aapko meri taraf se bohot shubh kaamanayein..... issi tarha likhte rahiyega....
deepti

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

I HAVE GONE ABSOLUTLY CRAZY ABOUT YOUR GAZALS SUNG BY ROOPESH JI: NAVIK,YE JAROORI NAHIN, AANSOO AND CHALAY JAANA. HOW DO I GET YOUR ALBUM HERE IN UK? I JUST KEEP LISTENING ON HINDYUGM. LEKIN JEE NAHIN BHARTA CHAHEIN KITNI BAAR SUNO.GHAR KE KAAM KARO TO BHI AUR USKE ALAWA BHI.
KYA KAROON? BOLO?

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