मुंशी प्रेमचंद की "वैराग्य"
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उपेन्द्रनाथ अश्क की कहानी "पहेली" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी "वैराग्य", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 13 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी छि:छि:। तुम्हारे ऊपर निहोरा कौन कर सकता है? कैसी बात मुख से निकालती है? ऋण लेने में कोई लाज नहीं है। कौन रईस है जिस पर लाख दो-लाख का ऋण न हो? (प्रेमचंद की "वैराग्य" से एक अंश) |
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#Twenty-eighth Story, Vairagya: Munshi Premchand/Hindi Audio Book/2009/23. Voice: Anurag Sharma
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5 श्रोताओं का कहना है :
बहुत सुन्दर कहनि है पढी तो पहले भी है मगर अनुराग जी की आवाज मे सुन कर बहुत अच्छी लगी आपका और अनुराग जी का बहुत बहुत धन्यवाद्
प्रेमचंद ने जितने तरह के पात्रों को जिया है, उतना शायद किसी ने जिया हो। सुबामा ने जिस तरह से आत्मरक्षा की, वह प्रेरणादायक है।
कहानी महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है। जब भी किसी महिला पर आसन्न संकट आता है तब ऐसे ही प्रलोभन हमारे आसपास से निकल आते हैं लेकिन सुवामा ने जिस कुशलता से इन प्रलोभनों को धकेल दिया यह आज की नारी को समझना होगा। अनुराग जी को बधाई।
कहानी बहुत सुन्दर है और साथ में अनुराग जी की आवाज़ में अच्छी लगी
अनुराग जी की आवाज में कहानी अति बढ़िया हो गयी
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