दूसरे सत्र के २६ वें गीत विश्वव्यापी उदघाटन आज
दोस्तों आज यूँ तो हमारे नए गीतों के प्रकाशन के इस वर्तमान सत्र का अन्तिम शुक्रवार है पर इस प्रस्तुत गीत को मिलकर हमारे पास ३ प्रविष्टियाँ हैं ऐसी जो इस सत्र में अपना स्थान बनाना चाहती है, जिनका प्रकाशन हम क्रमश आने वाले सोमवार और बुधवार को करेंगें यानी कि सत्र का समापन २८ वें गीत के साथ होगा जो वर्ष की अन्तिम तारिख को प्रकाशित होगा, फिलहाल आनंद लेते हैं २६ वें गीत का. ये संयोग ही है की पिछले सत्र के अंत में भी जिस कलाकारा ने आकर अपनी आवाज़ और गायकी से सबके मन को चुरा लिया था उसी युवा संगीतकार/गायिका के दो नए गीत हैं दूसरे सत्र के अन्तिम ३ गीतों में भी.पिछले सत्र में भी आभा मिश्रा और निखिल आनंद गिरी की जोड़ी ने "पहला सुर" एल्बम दो खूबसूरत ग़ज़लें दी थी. कुछ श्रोताओं ने हिदायत दी थी कि यदि उन ग़ज़लों का संगीत संयोजन अच्छा होता तो और बेहतर होता. इस बार इसी कमी को दुरुस्त करने के लिए हमने सहारा लिया युग्मी संगीतकार साथी रुपेश ऋषि का. तो दोस्तों हिंद युग्म गर्व के साथ प्रस्तुत करता है एक बार फ़िर आभा मिश्रा को, जिन्होंने इस गीत को न सिर्फ़ अपनी आवाज़ दी है, वरन इसकी धुन भी उन्होंने ख़ुद बनाई है, संयोजन है रुपेश ऋषि का और गीत के बोल लिखे हैं निखिल आनंद गिरी ने. सुनें और बतायें कि कैसी लगी आपको हमारी ये ताज़ातरीन प्रस्तुति.
सुनने के लिए नीचे के प्लेयर पर क्लिक करें -
Song # 26, marks the return of very talented composer/singer of Hind Yugm family, Abha Mishra is here again along with lyricist Nikhil Anand Giri, and for their first song for this present season "mujhe waqt de jindagi" music arrangement has been done by our very own Rupesh Rishi. So guys, listen to this brand new song from this great musical "jodi", and do let us know what you feel about this new offering from Hind Yugm Awaaz.
To listen, please click on the player -
Lyrics - गीत के बोल -
मुझे वक्त दे मेरी जिंदगी, तेरा हाथ थामे चल सकूं,
मुझे भर ले मेरी मांग में, कि न रेत बन के फिसल सकूं,
मुझी वक्त दे, मुझे वक्त दे.....
अभी रौशनी की न बात कर, मैं हूँ आंसुओं से घिरा हुआ,
मेरे यार मुझको दे हौसला, मैं हूँ आंसुओं से घिरा हुआ....
मेरे आंसुओं में वो बात हो, लिखा वक्त का भी बदल सकूं...
मुझे वक्त दे....मुझे वक्त दे.....
अभी हूँ सवालों की क़ैद में, कई उलझनें, मजबूरियाँ,
अभी रहने भी दे ये दूरियां, कई उलझनें, मजबूरियां...
अभी उस मुकाम पे हूँ खड़ा, कि न गिर सकूं, न संभल सकूं,
मुझे वक्त दे.....मुझे वक्त दे....
मुझे एक रात नवाज़ दे, तुझे मैं खुदा-सा प्यार दूँ,
गुनाह सारे उतार दूँ, तुझे मैं खुदा-सा प्यार दूँ...
मुझे मां की तरह गोद में, तू चूम ले, मैं मचल सकूं....
मुझे वक्त दे, मुझे वक्त दे.....
SONG # 26, SEASON # 02, "MUJHE WAQT DE MERI JINDAGI", OPENED ON AWAAZ, HIND YUGM.
Music @ HInd Yugm, Where music is a passion.
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11 श्रोताओं का कहना है :
gana bahut badhiya hai ,abha ki aawaj bhi bahut achchi lagi ,giri ji ke shabd bhi kam roomani to nahi ,kul milakar behtreen prastuti
Abhaji, aap ki awaz bahut achhi hai bilkul koyal ki awaz. Etna achha aap gaaye hai ki baar baar main sunne ko man karta hai. Gaane mein aap jaan daal diye hai. Composition, lyrics aur music arrangement ke liye main Nikhil ji aur Rupesh ji ko bahut bahut badhaai.
आभा बहुत अच्छा गा रही हैं। साधारणत: अपीलिंग न हो तो पूरा गीत सुनता नहीं कोई, मगर इस गीत को पूरा सुना, सुर भी सुंदर...बधाई।
जितना सुंदर गीत वैसा ही संगीत, बधाई!
excellent as usual we always expect from abha and thanks to rupesh ji as well to give her a better track, lyrically this was not nikhil's best yet the quite good
bahot acchha geet h bhoot sachhaai h geet m .......bahoot achha laga sunkar.
बहुत मनमोहक और सुरीला गीत है,इसमे मन्त्रमुग्ध कर देने की शक्ति है ,सभीलोग बधाई के पात्र है।
डा.शीला सिंह
So sweet song listened two times
so sweet
Lost this song ,but happy to find it again , cannot forget to listen again .
Superb song
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