कविता वाचन की इंटरनेटीय परम्परा
डॉक्टर मृदुल कीर्ति |
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पॉडकास्ट कवि सम्मेलन भौगौलिक दूरियाँ कम करने का माध्यम है और इसमें भारत व अमेरिका के कवियों ने भाग लिया है। इस बार के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन ने पोंडिचेरी से स्वर्ण-ज्योति, फ़रीदाबाद से शोभा महेन्द्रू, दिल्ली से मनुज मेहता, ग़ाज़ियाबाद से कमलप्रीत सिंह, अशोकनगर (म॰प्र॰) से प्रदीप मानोरिया, रोहतक से डॉक्टर श्यामसखा "श्याम", भारत से विवेक मिश्र, पिट्सबर्ग (अमेरिका) से अनुराग शर्मा, तथा हैरिसबर्ग (अमेरिका) से डॉक्टर मृदुल कीर्ति को युग्मित किया है।
पिछले सम्मलेन की सफलता के बाद हमने आपकी बढ़ी हुई अपेक्षाओं को ध्यान में रखा है. हमें आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि इस बार का सम्मलेन आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और आपका सहयोग हमें इसी जोरशोर से मिलता रहेगा।
नीचे के प्लेयरों से सुनें।
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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
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हम सभी कवियों से यह गुज़ारिश करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे। (अक्टूबर अंक के लिए रिकॉर्डिंग भेजने की आखिरी तिथि है १९ अक्टूबर २००८। )
रिकॉर्डिंग करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हिन्द-युग्म के नियंत्रक शैलेश भारतवासी ने इसी बावत एक पोस्ट लिखी है, उसकी मदद से आप रिकॉर्डिंग सीख जायेंगे। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
# Podcast Kavi Sammelan. Part 3. Month: Sept 2008.
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10 श्रोताओं का कहना है :
इस बार का कवि समेलन बेहतरीन रहा.हर कविता सुंदर है.
मुझे मृदुल जी का संचालन तथा कमलप्रीत जी,अनुराग जी,शोभा जी की कवितायें बहुत अच्छी लगी.मनुज जी की कविता भी पसंद आई.
हिन्दयुग्म द्वारा आयोजित कवि सम्मलेन बहुत अच्छा लगा.
कीर्ति जी इसबार पहले से अधिक प्रभावी रही. आपकी भाषा और अभिव्यक्ति दोनों ही शानदार रही. आपके प्रस्तुत करने का अंदाज़ बहुत सुंदर है.
स्वर्ण ज्योति जी की आवाज बहुत प्यारी है. कविता सुनकर मंत्र मुग्ध हो गई.
दूसरी आवाज जिसने अधिक प्रभावित किया वो है मनुज मेहता जी की. जितनी सुंदर कविता थी उतने ही सुंदर अंदाज़ मैं पढ़ा.
श्याम जी की ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी.
प्रदीप मनोरिया जी ने जीवन की सच्चाई से परिचित कराया.
अनुराग जी का अंदाज चिर परिचित रहा.
कमल प्रीत जी और विवेक जी ने भी बढ़िया कविता सुनाई.
इसप्रकार का आयोजन एक उपलब्धि है. मैं हिन्दयुग्म के अन्य कवियों से भी अनुरोध करुँगी की वे भी इसमें भाग लेकर काव्यानंद की वर्षा करें. सभी को हार्दिक बधाई.
कवि सम्मलेन सुनकर आनंद आ गया. कवितायें तो अच्छी लगी हीं, काव्य सञ्चालन भी बहुत ही उच्च स्तरीय रहा. सभी सहयोगी कवियों का आभार और हिंद-युग्म का धन्यवाद!
सुश्री मृदुल कीर्ति जी का सटीक काव्य पँक्तियोँ द्वारा काव्य पाठ करने वाले कविग़ण को परिचित करवाना और
सभी मान्यवर कवियोँ का कविता पाठ मन को बहुत बहुत भाया है -
आवाज़ जाल घर हिन्दी भाषा के लिये, सँगीत के लिये, कला के हर पक्षको अप्रतिम स्थान देते हुए
कई विधाओँ पर जो सराहनीय कार्य कर रहा है, उसके लिये सभी असीम बस्गाई के पात्र हैँ -
मेरी अथक शुभकामनाएँ आप सभी के अथक परिश्रम के लिये, स्वीकारियेगा
सस्नेह्, सादर,
-लावण्या
मृदुल जी,
बहुत-बहुत बधाई। आपका प्रयास प्रसंशनीय है, आप जिस तरह से दुनिया भर के कवियों और कविताप्रेमियों को अपनी आवाज़ के माध्यम से जोड़ रही हैं।
शोभा जी का काव्यपाठ हो या मनुज का, या फिर श्याम सखा श्याम का, सभी में अलग-अलग रंग है। प्रदीप मानोरिया जी, कमलप्रीत जी, अनुराग जी और पहली बार शामिल हुईं स्वर्ण ज्योति जी ने भी बहुत सुंदर तरीके से अपने-अपने कवितापाठ को अंजाम दिया है।
अनुराग जी का भी इस प्रस्तुतीकरण में हाथ रहा है, उन्हें भी बधाई।
शोभा जी से सहमत की अन्य कवियों को भी इसमें भाग लेना चाहिए।
मृदुल जी
आपने बहुत अच्छी तरह इस प्रोग्राम का सञ्चालन किया है
सब कवियों ने अपनी रचनाओं को बहुत अची तरह पेश किया है
सब को बहुत बहुत बधाई हो
अगले माह भी इंतज़ार रहेगा पॉडकास्ट कवी समेलन का.
सम्मानीया मृदुल कीर्ति जी के भावपूर्ण अभिव्यक्ति सहित कुशल संचालन ने कवियों की भावनाओं को और अधिक मुखर गहरा और रस्भीना बना दिया ..
नव परिचय स्वर्ण ज्योती जी की मधुर आवाज अत्यन्त मनमोहक है , शोभा महेन्द्रू जी ने अपनी मधुर स्वर से जीवन के सत्य किंतु छुपा हुआ मुखोटा दिखाने का सफलतम प्रयोग किया है
अनुराग जी की गंभीरता उनके भावों की गंभीरता को अच्छे से स्पष्ट करती है , विवेक जी और कमलप्रीत जी ने भी शमा बांधा है खासकर उनकी ग़ज़ल ने दिल को छु लिया |
सर्व परिचित विख्यात डाक्टर श्याम सखा श्याम जी का पूर्व परचित ने भी खूब लुभाया है मनुज मेहता जी ने अपनी नई कविता को सूंदर रीति से प्रस्तुत किया है सभी को बहुत बहुत बधाई साथ ही सबसे अधिक इस सफल आयोजन के लिए शैलेश भारतवासी जी को भी बहुत बधाई
aderniya,dichasp partuti par badhayee, aapki awaz dilkash hai,shabd syonjan bhinav,han kaviyon ko samay dete hue unki parstuti kaa dhyan zroor den is bar kamalpreet ko edit kiya ja sakat tha ,aap apni kavit bhi unaya kaen
han ura n mane sanchalak ki maryada ka atikarman n kren ,yane ek kavi se doose tak jane men aadhe se ek minute se jyadaa n len yashdeep
सम्माननीय डॉ. कीर्ति,
आपका संयोजन तो कमाल का था। आपने बेहद मधुर और प्रोफेशनल अंदाज में कवि सम्मेलन को संयोजित किया। आपकी अपनी कविता भी क्या खूब थी! मर्म जन्म का मिल जाता तो इतने प्राण अधीर न होते। वाह!
मन कर रहा था आपकी मधुर ध्वनि को सुनते ही चले जाएं। मुझे सचमुच अनुमान नहीं था कि आप इतनी प्रवीणता के साथ कवि सम्मेलन का संचालन करती हैं। आपकी प्रस्तुति में कविता के प्रति आपका गहरा लगाव तो झलक ही रहा था, आपका साहित्य-ज्ञान और धाराप्रवाह अभिव्यक्ति भी स्वतः स्पष्ट थे।
बहुत बहुत बधाई,
सादर,
बालेन्दु
सम्माननीय डॉ. कीर्ति,
प्रोफेशनल अंदाज में आपका संयोजन कमाल का था।
मधुर ध्वनि में प्रस्तुति व इतनी प्रवीणता बहुत बहुत बधाई,
सादर,
-Dr. Manjul Kant Dwivedi
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