उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'बोहनी'
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में पंकज सुबीर की रचना ''ईस्ट इंडिया कंपनी'' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी "बोहनी", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 13 मिनट।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी भवों की कमान और बरौनियों का नेजा और मुस्कराहट का तीर उस वक्त बिलकुल कोई असर नहीं करते जब आप आंखें लाल किये, आस्तीनें समेटे इसलिए आसमान सर पर उठा लेते हैं कि नाश्ता और पहले क्यों नहीं तैयार हुआ। तब सालन में नमक और पान में चूना ज्यादा कर देने के सिवाय बदला लेने का उनके हाथ में और क्या साधन रह जाता है? (प्रेमचंद की "बोहनी" से एक अंश) |
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#Thirteeth Story, Bohni: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2009/08. Voice: Anurag Sharma
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7 श्रोताओं का कहना है :
समयजयी रचनाओं की याद तारो-ताज़ा रखने की यह कोशिश वाकई कबीले-तारीफ़ है. साधुवाद
कहानी सुनकर बहुत हँसी आई। किस तरह से अपशगुनी का इल्जाम मिटाने के लिए लेखक अपने माथे हमेशा के लिए एक समस्या मढ़ लेता है। अब तो कही बहाना बचा है कि मुँह खराब हो गया है, डॉ॰ ने पान खाने से मना कर दिया है। लेकिन पता नहीं पान-तम्बाकू खाने से उस समय भी कोई समस्या होती थी, या यह नई है।
बहुत अच्छी लगी यह कहानी ... अच्छा प्रयास रहा आपका।
पहले पढ़ी थी कहानी अब सुन भी ली ..अनुराग जी का बहुत धन्यवाद.
अनुराग जी,
कहानी बहुत ही अच्छी लगी और आपने पढ़ा भी उसे बहुत सहजता से. धन्यबाद. लेखक की समस्या थी उसकी सकुचाहट, वही उसे ले डूबी.
बहुत ही मजेदार कहानी है.
अनुराग जी,
आपने कहानी को उसके उतार चदाव के साथ पढ़ कर इसे जीवंत कर दिया है.
achchi kahani thi.. maza aagaya ;)
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