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| डॉ श्याम सखा 'श्याम' |
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डॉ० श्याम अपना-अपनी धर्मपत्नि व बच्चों के जन्मदिन था वैवाहिक वर्षगाँठ जैसे अवसरों पर अपने अस्पताल में मरीजो का मुफ़्त इलाज कर मनाते हैं। यह अलग बात है कि वे यह बात मरीजों को बताते नहीं कि वह आज जाँच-x-ray,test,ultrasound आदि मुफ़्त क्यों कर रहे हैं।
यद्यपि डॉ॰ मृदुल कीर्ति की अनुपस्थिति की सूचना हमें एक सप्ताह पहले मिल गई थी। उसके बाद हमने इसका संचालन युवा पत्रकार तरूश्री शर्मा को सौंप दिया था। परंतु अचानक उनके बीमार हो जाने से यह आपातकालीन स्थिति बनी, जिसके कारण हमें एक डॉक्टर की शरण में जाना पड़ा।
अब आप सुनें और बतायें कि हम अपने प्रयास में कितने सफल हुए हैं-
नीचे के प्लेयर से सुनें:
प्रतिभागी कवि- विवेक रंजन श्रीवास्तव 'विनम्र', आचार्य संजीव 'सलिल', शारदा अरोरा, डॉ॰ अनिल चड्डा, एस कुमार शर्मा, हरिहर झा, रश्मि प्रभा, योगेन्द्र समदर्शी और कमलप्रीत सिंह।
यह भाग डाउनलोड करें।
यह कवि सम्मेलन तकनीक के माध्यम से अलग-अलग स्थानों पर बैठे कवियों को एक वर्चुअल मंच पर एक साथ बिठाने की कोशिश है। यदि आप हमारे आने वाले पॉडकास्ट कवि सम्मलेन में भाग लेना चाहते हैं
1॰ अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके भेजें।
2॰ जिस कविता की रिकॉर्डिंग आप भेज रहे हैं, उसे लिखित रूप में भी भेजें।
3॰ अधिकतम 10 वाक्यों का अपना परिचय भेजें, जिसमें पेशा, स्थान, अभिरूचियाँ ज़रूर अंकित करें।
4॰ अपना फोन नं॰ भी भेजें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हम तुरंत संपर्क कर सकें।
5॰ कवितायें भेजते समय कृपया ध्यान रखें कि वे 128 kbps स्टीरेओ mp3 फॉर्मेट में हों और पृष्ठभूमि में कोई संगीत न हो।
6॰ उपर्युक्त सामग्री भेजने के लिए ईमेल पता- podcast.hindyugm@gmail.com
पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के अगले अंक का प्रसारण 31 मई 2009 को किया जायेगा और इसमें भाग लेने के लिए रिकॉर्डिंग भेजने की अन्तिम तिथि है 24 मई 2009।
हम सभी कवियों से यह अनुरोध करते हैं कि अपनी आवाज़ में अपनी कविता/कविताएँ रिकॉर्ड करके podcast.hindyugm@gmail.com पर भेजें। आपकी ऑनलाइन न रहने की स्थिति में भी हम आपकी आवाज़ का समुचित इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे।
रिकॉर्डिंग करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। हमारे ऑनलाइन ट्यूटोरियल की मदद से आप सहज ही रिकॉर्डिंग कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
# Podcast Kavi Sammelan. Part 10. Month: April 2009.
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संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 

शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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9 श्रोताओं का कहना है :
श्याम जी वैवाहिक वर्षगांठ की ढेरों ढेरों बधाई....आप इन महत्वपूर्ण दिनों को जिस अंदाज़ में मानते हैं वो तो वाकई अनुसरणीय है. ईश्वर आपको और अधिक संपन्नता और समृद्धी दें. कवि सम्मलेन में मृदुल जी की कमी अवश्य खली पर कुछ अच्छी कवितायेँ भी सुनने को मिली, कुछ रिकॉर्डइंग्स साफ़ नहीं है.
"पॉडकास्ट कवि सम्मलेन" को संचालित करने का डॉ. श्याम सखा "श्याम" जी का अंदाज अच्छा लगा | उनको, उनके वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक बधाई | इस कवि सम्मलेन के माध्यम से अच्छी - अच्छी कविताये सुनने को मिली, ये क्रम आगे भी यू ही बना रहें | हमारी शुभकामनाये और इस सम्मलेन में मेरी कविता "बचपन" को स्थान देने के लिए धन्यवाद |
इसबार का कविसम्मेलन और भी अधिक प्रभावी रहा। हर एक कविता विशिष्ट रही।
रश्मि जी की कविता और पाठ बहुत भाया। श्याम जी का संचालन हमेशा की तरह बहुत सहज और स्वाभाविक लगा। युग्म को इतने अच्छे आयोजन के लिए बधाई।
श्याम जी,
सबसे पहले आपकी Marriage Anniversary पर ढेरों बधाई! फिर कहना चाहती हूँ कि इस बार के कवि-सम्मलेन का संचालन आपने भी बहुत अच्छी तरह से निभाया. और इस बार तो तालियाँ भी सुनाई पड़ीं. वाह! भई, वाह! और सभी कवियों की रचनाएं भी अच्छी लगीं.
bahut achha laga kavya-paath,par aawaaz aur spasht ho to behtar lagega......
आपातकालीन स्थिति थी, फिर भी डॉ॰ श्याम सखा जी ने कार्यक्रम को सम्हाल लिया और सफल बनाया। बहुत-बहुत आभार। इस बार अच्छी बात यह भी रही कि बहुतेरे नये कवियों की कविताएँ सुनने को मिलीं। विवेक रंजन जी ने, शारदा जी ने, रश्मि प्रभा जी ने, डॉ॰ अनिल चड्डा जी ने और एस॰ कुमार शर्मा जी ने पहली बार इस सम्मेलन में भाग लिया। आशा है आप सभी आगे भी भाग लेंगे।
मुझे रश्मि प्रभा जी का काव्यपाठ बेहद पसंद आया। विवेक रंजन का काव्यपाठ भी अच्छा लगा।
रश्मि जी,
जहाँ तक आवाज़ और रिकॉर्डिंग का मुद्दा है तो यह कार्यक्रम आप जानती हैं कि अलग-अलग स्थानों से मिली रिकॉर्डिंग को पिरोकर बनाया जाता है। कई कवि अभी रिकॉर्डिंग को नया-नया सीखे हैं। बहुत तो सीख भी नहीं पाये हैं। सोच रहे हैं। हिन्द-युग्म के इस प्रयास ने बहुतों को आवाज़ रिकॉर्ड करना सिखा दिया है। लेकिन फिर भी किसी की रिकॉर्डिंग में आवाज़ बहुत धीमी होती है, तो किसी-किसी रिकॉर्डिंग के पार्श्व में कुछ और चल रहा होता है। वैसे हम इसे भी इस कार्यक्रम का विविध रंग मानकर चलना चाहिए।
अगली बार हमारी कोशिश होगी कि आवाज़ और रिकॉर्डिंग की गुणवत्ता इस बार से बेहतर हो।
हिन्दी युग्म का यह प्रयास भी पसँद आया -
सभी कवियोँ की कविता विविध विष्योँ पर बहुत ही अच्छी लगीँ
श्याम जी वैवाहिक वर्षगांठ की ढेरों ढेरों बधाई कवि सम्मेलन इसी भाँति सफल हो यही सद्` आशा सहित,
स स्नेह,
- लावण्या
अभी तक नहीं सुन पाए हम तो,,,,
पर श्याम जी ने यकीनन सुंदर संचालन किया होगा,,,,
आपको बहुत बहुत बधाई शादी की सालगिरह की,,,,
आप सभी को धन्यवाद-
छुपाने में जिसको थे मश्गूल सारे
वही बात कैसे हुई यार जाहिर’
जीहाँ-मैं और हम सभी इस बात को लोगों से छुपाते थे कि इन दिनो में निशुल्क क्यों देखता हूं ,इसीलिये केवल परिवार वालों को ही इन तारीखों की खबर थी।उस दिन जब शैलेश ने पोडकास्ट की बात की तो व्यस्तता का कारण बतला बैठा,जब उसने कहा कि फ़िर तो आपकी कोई पार्टी होगी आज-बस तब यह बात निकल गई-खैर
पुन: आप सभी को धन्यवाद
श्याम सखा‘श्याम’
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