उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'आत्माराम'
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना ''नेकी'' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी "आत्माराम", जिसको स्वर दिया है लन्दन निवासी कवयित्री शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 18 मिनट और 40 सेकंड।
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मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८३१-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी उस धुंधले प्रकाश में उसका जर्जर शरीर, पोपला मुँह और झुकी हुई कमर देखकर किसी अपरिचित मनुष्य को उसके पिशाच होने का भ्रम हो सकता था। ज्यों ही लोगों के कानों में आवाज आती—‘सत्त गुरुदत्त शिवदत्त दाता’ लोग समझ जाते कि भोर हो गयी। (प्रेमचंद की "आत्माराम" से एक अंश) |
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* जनवरी २००९ के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के लिए रिकॉर्डिंग भेजने की अन्तिम तिथि: १७ जनवरी २००९
#Twenty First Story, Atmaram: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2009/01. Voice: Shanno Aggarwal
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4 श्रोताओं का कहना है :
शन्नो जी,
आपके वाचन में लगातार सुधार हो रहा है। यह आवाज़ की दुनिया के लिए अच्छी बात है। अनुराग जी तकनीकी तौर पर भी 'सुनो कहानी' स्तम्भ को निखारते जा रहे हैं।
आप दोनों को साधुवाद
शैलेश जी,
धन्यबाद, आप सब से ही हिम्मत मिली है. कथा-वाचन को निरंतर सुधारने का प्रयत्न जारी है. इस बार अनुराग जी ने background में जो soft music दिया है वह बड़ा ही अच्छा लगा. अनुराग जी की भी बहुत ही शुक्रगुजार हूँ.
शन्नो
वाह छोटी मगर बढ़िया कहानी....शन्नो जी बधाई स्वीकारें
कहानी अच्छी लगी. प्रेमचंद को जितना ज़्यादा सुनता जा रहा हूँ उतना ही उनके साहित्य के प्रति रुझान बढ़ता जाता है. आप सभी को बधाई!
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