Saturday, January 10, 2009

सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'आत्माराम'



उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'आत्माराम'

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना ''नेकी'' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी "आत्माराम", जिसको स्वर दिया है लन्दन निवासी कवयित्री शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 18 मिनट और 40 सेकंड।

नीचे के प्लेयर से सुनें.
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यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं
~ मुंशी प्रेमचंद (१८३१-१९३६)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी

उस धुंधले प्रकाश में उसका जर्जर शरीर, पोपला मुँह और झुकी हुई कमर देखकर किसी अपरिचित मनुष्य को उसके पिशाच होने का भ्रम हो सकता था। ज्यों ही लोगों के कानों में आवाज आती—‘सत्त गुरुदत्त शिवदत्त दाता’ लोग समझ जाते कि भोर हो गयी।
(प्रेमचंद की "आत्माराम" से एक अंश)



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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis

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* जनवरी २००९ के पॉडकास्ट कवि सम्मेलन के लिए रिकॉर्डिंग भेजने की अन्तिम तिथि: १७ जनवरी २००९


#Twenty First Story, Atmaram: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2009/01. Voice: Shanno Aggarwal

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4 श्रोताओं का कहना है :

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

शन्नो जी,

आपके वाचन में लगातार सुधार हो रहा है। यह आवाज़ की दुनिया के लिए अच्छी बात है। अनुराग जी तकनीकी तौर पर भी 'सुनो कहानी' स्तम्भ को निखारते जा रहे हैं।

आप दोनों को साधुवाद

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

शैलेश जी,
धन्यबाद, आप सब से ही हिम्मत मिली है. कथा-वाचन को निरंतर सुधारने का प्रयत्न जारी है. इस बार अनुराग जी ने background में जो soft music दिया है वह बड़ा ही अच्छा लगा. अनुराग जी की भी बहुत ही शुक्रगुजार हूँ.
शन्नो

Sajeev का कहना है कि -

वाह छोटी मगर बढ़िया कहानी....शन्नो जी बधाई स्वीकारें

Smart Indian का कहना है कि -

कहानी अच्छी लगी. प्रेमचंद को जितना ज़्यादा सुनता जा रहा हूँ उतना ही उनके साहित्य के प्रति रुझान बढ़ता जाता है. आप सभी को बधाई!

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