इस बार सुनिए भारत की मशहूर लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी से शैलेश भारतवासी की बातचीत। निदा फ़ाज़ली का साक्षात्कार लेने का अवसर हिन्द-युग्म को हिन्द-युग्म के ही सदस्य नाज़िम नक़वी ने उपलब्ध कराया था। महाश्वेता देवी से मिलने का अवसर भी शैलेश को नाज़िम ने
ही अपनी पत्रकार मित्र सादिया अज़िम ('समय' के कोलकाता शहर की वरिष्ठ संवाददाता) की मदद से उपलब्ध कराया। इस मुलाक़ात को सफल बनाने में कोलकाता के ब्लॉगर और 'समाज-विकास' के संपादक शम्भू चौधरी का भी बहुत सहयोग मिला। महाश्वेता देवी से पूछने के लिए हमने बहुत से पाठकों से प्रश्न आमंत्रित किये थे, उनमें से कुछ सवालों को शैलेश भारतवासी ने महाश्वेता देवी के सामने रखा भी, लेकिन उन्होंने बहुत से प्रश्नों को विषय से अलग मानकर उत्तर देने से इंकार कर दिया।
यह मुलाक़ात १३ फरवरी २००९ की है। स्थान- गोल्फ-ग्रीन, कोलकाता में स्थित महाश्वेता देवी का आवास। चित्र- देबज्योति चक्रवर्ती
नीचे के प्लेयर से सुनें औरे बतायें कि यह मुलाक़ात कैसी लगी?
बहुत बधाई...महाश्वेता जी जो महसूस करती हैं वही लिखती हैं, उनका जुडाव आम आदमी और उनकी समस्यों के साथ है जानकार बहुत अच्छा लगा...आज के दौर को उन्हीं के जैसे लेखको की दरकार है
महाश्वेता जी के बारे में आज तक बस पढता हीं रहा हूँ, आज शैलेश जी के माध्यम से उन्हें सुनकर मानो एक मनोकामना हीं पूरी हो गई। नक़वी जी एवं शैलेश जी का तहे-दिल से शुक्रिया।
महाश्वेता जी को आवाज़ के द्वारा सुनवाने के लिए हिंद युग्म का आभार. सामान्य जन और उनकी समस्याओं से इनका जुडाव देख कर अच्छा लगा. बहुत प्रेरणादायक विचार दिए हैं इन्होने.
महाश्वेता देवी कविता नहीं करतीं हैं, कविता हैं वे स्वयं, एक बेहद genuine कविता !! बहुत सुन्दर लगी ये बात कि "आम आदमी का रिसर्च होता है किताब का नहीं !" आपका उपकार रहा ! सादर
डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के आशीर्वाद का साथ "बीट ऑफ इंडियन यूथ" आरंभ कर रहा है अपना महा अभियान. इस महत्वकांक्षी अल्बम के माध्यम से सपना है एक नया इतिहास रचने का. थीम सोंग लॉन्च हो चुका है, सुनिए और अपना स्नेह और सहयोग देकर इस झुझारू युवा टीम की हौसला अफजाई कीजिये
इन्टरनेट पर वैश्विक कलाकारों को जोड़ कर नए संगीत को रचने की परंपरा यहाँ आवाज़ पर प्रारंभ हुई थी, करीब ५ दर्जन गीतों को विश्व पटल पर लॉन्च करने के बाद अब युग्म के चार वरिष्ठ कलाकारों ऋषि एस, कुहू गुप्ता, विश्व दीपक और सजीव सारथी ने मिलकर खोला है एक नया संगीत लेबल- _"सोनोरे यूनिसन म्यूजिक", जिसके माध्यम से नए संगीत को विभिन्न आयामों के माध्यम से बाजार में उतारा जायेगा. लेबल के आधिकारिक पृष्ठ पर जाने के लिए नीचे दिए गए लोगो पर क्लिक कीजिए.
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संगीत का तीसरा सत्र
हिन्द-युग्म पूरी दुनिया में पहला ऐसा प्रयास है जिसने संगीतबद्ध गीत-निर्माण को योजनाबद्ध तरीके से इंटरनेट के माध्यम से अंजाम दिया। अक्टूबर 2007 में शुरू हुआ यह सिलसिला लगातार चल रहा है। इस प्रक्रिया में हिन्द-युग्म ने सैकड़ों नवप्रतिभाओं को मौका दिया। 2 अप्रैल 2010 से आवाज़ संगीत का तीसरा सीजन शुरू कर रहा है। अब हर शुक्रवार मज़ा लीजिए, एक नये गीत का॰॰॰॰
ओल्ड इज़ गोल्ड
यह आवाज़ का दैनिक स्तम्भ है, जिसके माध्यम से हम पुरानी सुनहरे गीतों की यादें ताज़ी करते हैं। प्रतिदिन शाम 6:30 बजे हमारे होस्ट सुजॉय चटर्जी लेकर आते हैं एक गीत और उससे जुड़ी बातें। इसमें हम श्रोताओं से पहेलियाँ भी पूछते हैं और 25 सही जवाब देने वाले को बनाते हैं 'अतिथि होस्ट'।
महफिल-ए-ग़ज़ल
ग़ज़लों, नग्मों, कव्वालियों और गैर फ़िल्मी गीतों का एक ऐसा विशाल खजाना है जो फ़िल्मी गीतों की चमक दमक में कहीं दबा-दबा सा ही रहता है। "महफ़िल-ए-ग़ज़ल" शृंखला एक कोशिश है इसी छुपे खजाने से कुछ मोती चुन कर आपकी नज़र करने की। हम हाज़िर होते हैं हर बुधवार एक अनमोल रचना के साथ, और इस महफिल में अपने मुक्तलिफ़ अंदाज़ में आपसे मुखातिब होते हैं कवि गीतकार और शायर विश्व दीपक "तन्हा"। साथ ही हिस्सा लीजिये एक अनोखे खेल में और आप भी बन सकते हैं -"शान-ए-महफिल". हम उम्मीद करते हैं कि "महफ़िल-ए-ग़ज़ल" का ये आयोजन आपको अवश्य भायेगा...
ताजा सुर ताल
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं। "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है। आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रूरत है उन्हें ज़रा खंगालने की। हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं।
सुनो कहानी
इस साप्ताहिक स्तम्भ के अंतर्गत हम कोशिश कर रहे हैं हिन्दी की कालजयी कहानियों को आवाज़ देने की है। इस स्तम्भ के संचालक अनुराग शर्मा वरिष्ठ कथावाचक हैं। इन्होंने प्रेमचंद, मंटो, भीष्म साहनी आदि साहित्यकारों की कई कहानियों को तो अपनी आवाज़ दी है। इनका साथ देने वालों में शन्नो अग्रवाल, पारुल, नीलम मिश्रा, अमिताभ मीत का नाम प्रमुख है। हर शनिवार को हम एक कहानी का पॉडकास्ट प्रसारित करते हैं।
पॉडकास्ट कवि सम्मलेन
यह एक मासिक स्तम्भ है, जिसमें तकनीक की मदद से कवियों की कविताओं की रिकॉर्डिंग को पिरोया जाता है और उसे एक कवि सम्मेलन का रूप दिया जाता है। प्रत्येक महीने के आखिरी रविवार को इस विशेष कवि सम्मेलन की संचालिका रश्मि प्रभा बहुत खूबसूरत अंदाज़ में इसे लेकर आती हैं। यदि आप भी इसमें भाग लेना चाहें तो यहाँ देखें।
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ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रविवार से गुरूवार शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी होती है उस गीत से जुडी कुछ खास बातों की. यहाँ आपके होस्ट होते हैं आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों का लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
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12 श्रोताओं का कहना है :
unexpected, sadhuvad. narayan narayan
बहुत बधाई...महाश्वेता जी जो महसूस करती हैं वही लिखती हैं, उनका जुडाव आम आदमी और उनकी समस्यों के साथ है जानकार बहुत अच्छा लगा...आज के दौर को उन्हीं के जैसे लेखको की दरकार है
बहुत अच्छा लगा महाश्वेता देवी का इंटरव्यू सुनकर...उनके विचार जानकर....आपका बहुत बहुत आभार।
महाश्वेता देवी जी के विचारों को जानकर बहुत अच्छा लगा।
बहुत सुन्दर प्रयास. अभी सुन नहीं पा रहा हूँ, मगर बधाई ज़रूर देना चाहूंगा. ऐसे प्रयास ही हिंद-युग्म को अपने पीयर-ग्रुप से कहीं आगे ले जाकर खडा करेंगे.
बेहद प्रशंसनीय प्रयास।
महाश्वेता जी के बारे में आज तक बस पढता हीं रहा हूँ, आज शैलेश जी के माध्यम से उन्हें सुनकर मानो एक मनोकामना हीं पूरी हो गई।
नक़वी जी एवं शैलेश जी का तहे-दिल से शुक्रिया।
-विश्व दीपक
महाश्वेता जी को आवाज़ के द्वारा सुनवाने के लिए हिंद युग्म का आभार. सामान्य जन और उनकी समस्याओं से इनका जुडाव देख कर अच्छा लगा. बहुत प्रेरणादायक विचार दिए हैं इन्होने.
पुनः धन्यवाद
पूजा अनिल
महान लेखिका के विचार उन्हीं के स्वर में सुनवाने के लिये हार्दिक आभार।
महाश्वेता देवी का इंटरव्यू सुनकर, उनके विचार जानकर बहुत अच्छा लगा. भाई शैलेशजी, नक़वीजी, शम्भूजी तथा हिंद-युग्म को भी धन्यवाद.
-सुधीर सक्सेना 'सुधि'
महाश्वेता देवी कविता नहीं करतीं हैं, कविता हैं वे स्वयं, एक बेहद genuine कविता !!
बहुत सुन्दर लगी ये बात कि "आम आदमी का रिसर्च होता है किताब का नहीं !"
आपका उपकार रहा !
सादर
आपका आभार की आपने इतनी बड़ी शक्सियत की आवाज हम तक पहुंचाई ......महाश्वेता जी सुनना ही कविता सुनने जैसा है .... बहुत बहुत धन्यबाद .
महाश्वेता जी को सुनना ..... अविस्मर्णीय पल
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