प्रेमचंद की कहानी 'आधार' का प्रसारण
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना 'उद्धार' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की एक और मर्मस्पर्शी कहानी 'आधार', जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) प्रेमचंद की एक नयी कहानी सुनिए हर शनिवार को आवाज़ पर कौन जानता था कि मौत ही सांड का रूप धरकर उसे यों नचा रही है। कौन जानता था कि जल जिसके बिना उसके प्राण ओठों पर आ रहे थे, उसके लिए विष का काम करेगा। संध्या समय उसके घरवाले उसे ढूंढते हुए आये। देखा तो वह अनंत विश्राम में मग्न था। (प्रेमचंद की 'आधार' से एक अंश) |
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यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें।
#Tenth Story, Adhar: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2008/09. Voice: Anuraag Sharma
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7 श्रोताओं का कहना है :
आपको को स्वपरिवार दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
** भाई आप का कमेंट बक्स ढुडना पडता है, ओर साईड भी बहुत देर से खुलती है पता नही मेरे यहां या सब के यहां, आप कामेंट का कालम अलग से बना ले तो अच्छा होगा, मेरी राय बुरी लगे तो माफ़ करना
दीपावली की हार्दिक शुभकामना
- जितेन्द्र भगत
अनुराग जी
बहुत अच्छा काम कर रहे हैं आप. प्रेम चाँद जी की अमर कथाएँ सुनवाकर. फ़िर से एक सुंदर रचना के लिए बधाई.
इस बार मुझे आपका तरीका बहुत पसंद आया। कहानी में जीवंतता आपकी आवाज़ के माध्यम से बनी रहती है। इस बार पार्श्व का संगीत भी कंटेंट पर हावी नहीं हो रहा है। धीरे-धीरे आपकी आवाज़ की दुनिया दीवानी होयेगी। मैं तो यही दुवा करता हूँ।
Kahani bahut unpredictable hai magar acchi hai, Anurag ji aapko Deepawali ki shubhkamana. Aapka jeewan mangalmay aur khusiyon se bhara ho.
once again great stuff
bahut sunder prayas =
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