Thursday, April 7, 2011

संगीत समीक्षा - जोक्कोमोन - बच्चों के लिए कुछ गीत लेकर आई शंकर-एहसान-लॉय की तिकड़ी जावेद साहब के शब्दों में



Taaza Sur Taal (TST) - 07/2011 - ZOKKOMON

नये फ़िल्म संगीत में दिलचस्पी रखने वाले पाठकों का मैं, सुजॉय चटर्जी, 'ताज़ा सुर ताल' के आज के अंक में स्वागत करता हूँ। पिछली बार इस स्तंभ में जब आपकी और हमारी मुलाक़ात हुई थी, उस अंक में हमनें बच्चों पर केन्द्रित फ़िल्म 'सतरंगी पैराशूट' की चर्चा की थी। उसी अंक में हमनें कहा था कि आजकल बच्चों की फ़िल्में न के बराबर हो गई हैं। लेकिन लगता है कि हालात फिर से बदलने वाले हैं और बच्चों की फ़िल्में एक बार फिर सर चढ़ के बोलने वाली हैं। आइए आज के अंक में एक और आनेवाली बाल-फ़िल्म के संगीत की समीक्षा करें। यह है सत्यजीत भाटकल निर्देशित 'ज़ोक्कोमोन'। ज़ोक्कोमोन भारत का पहला बाल-सुपरहीरो, जिसे पर्दे पर निभाया है 'तारे ज़मीन पर' से रातों रात चर्चा में आने वाले दर्शील सफ़ारी। साथ में हैं अनुपम खेर (डबल रोल में), मंजरी फ़ादनिस और अखिल मिश्रा। 'तारे ज़मीन पर' और 'ज़ोक्कोमोन' में कई समानताएँ हैं। बाल-फ़िल्म और दर्शील सफ़ारी के अलावा गीतकार और संगीतकार भी दोनों फ़िल्मों में एक ही हैं, यानी कि जावेद अख़्तर साहब और शंकर-अहसान-लॉय की तिकड़ी। बच्चों की फ़िल्म में गीत-संगीत का पक्ष संभालना आसान काम नहीं है, क्योंकि इस फ़िल्मों में कहानी के मूड, चरित्र और ऒडिएन्स अन्य आम फ़िल्मों से अलग होते हैं। देखना यह है कि क्या शंकर-अहसान-लॉय 'तारे ज़मीन पर' की तरह इस फ़िल्म में भी वह कमाल दिखा पाते हैं या नहीं!

ऐल्बम का पहला गेत है यश्मिता शर्मा का गाया हुआ "ईना मीना मायना मो, हँसते रहना जो भी हो"। एक आशावादी गीत जिस भाव पर अनेकों गीत दशकों से बनते चले आ रहे हैं। लेकिन इस गीत की खासियत है इसका प्रयोग-धर्मी संगीत। हालाँकि इस संगीतकार तिकड़ी की छाया गीत में महसूस की जा सकती है, लेकिन कुछ नयापन भी ज़रूर है। एक तरह का फ़्युज़न है जैज़-क्लासिकल का। गीत के दूसरे हिस्से में ढोलक के ठेके भी दाले गये हैं, और इंटरनेट पर उपलब्ध एक समीक्षा से पता चला कि इस गीत का जो शास्त्रीय हिस्सा है, वह आधारित है राग दरबारी पर। अब क्योंकि फ़िल्म बच्चों का है, तो बच्चों पर ही छोड़ना होगा कि गीत उनको पसंद आया कि नहीं! इस गीत की गायिका यश्मिता के बारे में पता नहीं आपको याद होगा या नहीं, यश्मिता ज़ी टीवी के 'सा रे गा मा पा" के फ़ाइनलिस्ट रह चुकी हैं, और फ़िल्म-प्लेबैक में यह उनका पदार्पण है। एक सुनहरे भविष्य के लिए हम उन्हें शुभकामना देते हैं।

'ज़ोक्कोमोन' का दूसरा गाना है सूरज जगन का गाया हुआ रॉक शैली का "सुनो ब्रदर"। 'तारे ज़मीन पर' के साथ अगर तुलना करें तो उसमें भी SEL नें "भेजा कम" में कुछ इसी तरह की शैली अपनाई थी। गीत में बहुत ख़ास कुछ नहीं है, एक साधारण रॉक आधारित गीत, और सूरज तो ऐसे गीत ही गाते हैं, इसलिए इस पर भी ज़्यादा कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है। इस गीत में कोरस में कई गायकों नें अपनी आवाज़ें दी हैं, जैसे कि क्लिण्टन सेरेजो, डॉमिनिक सेरेजो, नोमान पिण्टो और विविएन पोचा। ये सभी गायक शंकर-अहसान-लॉय की टीम से जुड़े हुए हैं।

और अब फ़िल्म का शीर्षक गीत। इस गीत के दो वर्ज़न हैं, पहला वर्ज़न एक फ़ास्ट-ट्रैक नंबर है जिसमें एक हल्का सा आध्यात्मिक अंग भी है, जिसमें मंत्रोच्चारण जैसे बोल सुनाई पड़ते हैं। मुख्य गायक हैं शंकर महादेवन और साथ में हैं अलीसा मेन्डोन्सा। रैप के लिए लिया गया है अर्ल की आवाज़, तथा कोरस मेम शामिल हैं राहुल सक्सेना, कौशिक देशपाण्डे, ओम्कार देशपाण्डे और मणि महादेवन। दूसरा वर्ज़न पहले से कर्णप्रिय है जिसमें रीदम और परकशन तौफ़ीक़ क़ुरेशी का है। कोरस में आवाज़ें हैं राहुल सक्सेना, कौशिक देशपाण्डे, दिव्य कुमार, रमण महादेवन, अमिताभ भट्टाचार्य और मणि महादेवन के। गीत के बोल और संगीत संयोजन से लग रहा है कि इस गीत का इस्तेमाल पूरे फ़िल्म में बतौर बैकग्राउण्ड म्युज़िक होने वाला है। यह कोई ऐसा गीत नहीं जो आपने होठों की शान बन सके, लेकिन फ़िल्म के कथानक और शीर्षक के साथ इसका महत्व फ़िल्म देखते हुए महसूस किया जा सकेगा। पार्श्व-संगीत के लिहाज़ से अच्छा कम्पोज़िशन है।

शंकर महादेवन के बाद अब बारी कैलाश खेर की। यह गीत है "झुनझुनमकदस्त्रमा"। जी नहीं, टंकन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। वैसे इस गीत को सुनते हुए आपको कम से कम दो गीतों की याद ज़रूर आ सकती है। एक तो है "जजंताराम-ममंताराम" का शीर्षक गीत, और दूसरा है 'बण्टी और बब्ली' का "धड़क धड़क"। कैलाश की आवाज़ में यह गीत कर्णप्रिय तो है ही, साथ ही वरद कथापुरकर द्वारा बजाये बांसुरी के पीसेस जैसे सोने पे सुहागा है इस गीत के लिए। कोरस में आवाज़ें शामिल हैं अरुण इंगले, ज्योत्सना हार्डिकर, जया मणि महादेवन और स्वाति चक्रवर्ती भाटकल की। युं तो कैलाश खेर की आवाज़ सूफ़ियाना गीतों के लिए ज़्यादा सटीक है, इस बाल-गीत में को भी उन्होंने अच्छा निभाया है, और बच्चों के गीतों में दिलचस्पी रखने वालों को तो यह गीत यकीनन पसंद आयेगी।

और अब इस ऐल्बम का अंतिम गीत। अब की बार गयक शान की आवाज़। दोस्तों, मैं पिछले दिनों २०११ में प्रदर्शित फ़िल्मों के साउण्डट्रैक पर नज़र डाल रहा था और मैंने पाया कि बहुत से फ़िल्मों में एक एक गीत शान की आवाज़ में है। सोनू निगम जहाँ आजकल कम ही सुनाई दे रहे हैं, शान अब भी पूरे शान से छाये हुए हैं। "तुम बिन ये दिल घबराये" एक सॉफ़्ट नंबर है, बिल्कुल शान और सोनू निगम जौनर का। वैसे शंकर ख़ुद भी इस तरह के गीत बख़ूबी निभा लेते हैं। शान, दर्शील सफ़ारी और SEL; कुछ याद आया आपको? जी हाँ "बम बम बोले मस्ती में डोले"। लेकिन आप यह न सोचें कि इन दोनों गीतों में कोई समानता है। "तुम बिन" एक ग़मज़दा गीत है जिसका बच्चों के दिलों में उतर पाना कुछ मुश्किल सा लगता है। लेकिन बेशक़ यह एक अच्छा गीत है, फ़िल्म में इसकी सार्थकता पर तो हम फ़िल्म को देख कर ही टिप्पणी कर सकते हैं।

हाँ तो दोस्तों, संक्षिप्त में हम यही कह सकते हैं कि 'ज़ोक्कोमोन' शंकर-अहसान-लॉय की तरफ़ से अच्छा प्रयास है बच्चों के जौनर के फ़िल्म में, लेकिन साल २०११ अभी इस तिकड़ी का सर्वश्रेष्ठ ऐल्बम आना बाक़ी है। 'ज़ोक्कोमोन' अगर सुपरहीरो के रूप में बच्चों में लोकप्रिय हुई, तो इसका शीर्षक गीत भी बच्चे बच्चे की ज़ुबान पर होगा, और एक माँ अपने बच्चे को ज़ोक्कोमोन की कहानी सुना कर खाना खिलाने में सफल होंगी। आजकल फ़िल्मी ऐल्बमों के कवर पर जो नई बात नज़र आ रही है, वह यह कि कोरस के कलाकारों के नाम भी दिए जा रहे हैं, साथ ही प्रॉमिनेण्ट वाद्यों के साज़िंदों के नाम भी उल्लेख किए जा रहे हैं, जो बहुत अच्छी बात है। 'ज़ोक्कोमोन' ऐल्बम में तो कुछ गीतों के साथ उनके प्रोड्युसर के नाम भी दिये गये हैं, जैसे कि "ईना मीना", "सुनो ब्रदर" और "ज़ोक्कोमोन-१" को टब्बी और प्रतीक नें प्रोड्युस किया है। ये वही टब्बी-प्रतीक हैं जिन्होंने हॉरर फ़िल्म '13B' का पार्श्वसंगीत तैयार किया था। देखना है कि क्या आगे चलकर यह जोड़ी फ़िल्म संगीत की मुख्य धारा में सम्मिलित हो पाती है या नहीं।

तो दोस्तों यह था 'ज़ोक्कोमोन' फ़िल्म की संगीत-समीक्षा, हमारी तरफ़ से इस ऐल्बम का पिक है "ईना मीना मायना मो", और इस पूरे ऐल्बम को हमारी तरफ़ से ७.५ की रेटिंग। आप भी फ़िल्म के गीतों को सुनिए और अपनी टिप्पणी नीचे पोस्ट कीजिए। अब इस प्रस्तुति को समाप्त करने की मुझे दीजिए इजाज़त, शाम को 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर दोबारा मुलाक़ात होगी, नमस्कार!



अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं। "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है। आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रूरत है उन्हें ज़रा खंगालने की। हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं।

फेसबुक-श्रोता यहाँ टिप्पणी करें
अन्य पाठक नीचे के लिंक से टिप्पणी करें-

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

9 श्रोताओं का कहना है :

happy wheels का कहना है कि -

और अब इस ऐल्बम का अंतिम गीत। अब की बार गयक शान की आवाज़। दोस्तों, मैं पिछले दिनों २०११ में प्रदर्शित फ़िल्मों के साउण्डट्रैक पर नज़र डाल रहा था और मैंने पाया कि बहुत से फ़िल्मों में एक एक गीत शान की आवाज़ में है। सोनू निगम जहाँ आजकल कम ही सुनाई दे रहे हैं, शान अब भी पूरे शान से छाये हुए हैं। "तुम बिन ये दिल घबराये" एक सॉफ़्ट नंबर है, बिल्कुल शान और सोनू निगम जौनर का। वैसे शंकर ख़ुद भी इस तरह के गीत बख़ूबी निभा लेते हैं। शान, दर्शील सफ़ारी और SEL; कुछ याद आया आपको? जी हाँ "बम बम बोले मस्ती में डोले"। लेकिन आप यह न सोचें कि इन दोनों गीतों में कोई समानता है। "तुम बिन" एक ग़मज़दा गीत है जिसका बच्चों के दिलों में उतर पाना कुछ मुश्किल सा लगता है। लेकिन बेशक़ यह एक अच्छा गीत है, फ़िल्म में इसकी सार्थकता पर तो हम फ़िल्म को देख कर ही टिप्पणी कर सकते हैं।?

alicetaylor का कहना है कि -

You’ve written nice post, I am gonna bookmark this page, thanks for info. I actually appreciate your own position and I will be sure to come back here.

Mutilate A Doll 2

العاب مزرعة का कहना है कि -

मेरे दोस्त को बहुत-बहुत धन्यवाद, मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं और आपकी नई चीजों का इंतजार करता रहता हूं

temple run 3 का कहना है कि -

Your share is the great knowledge I have gathered, you are an important person I admire, thank you

xem truc tiep bong da hom nay का कहना है कि -

You a close look at each element of the collection.

trực tiếp bóng đá का कहना है कि -

I really enjoy typing fast and listening to the music at the same time, I kind of feel motivated.

8 ball का कहना है कि -

Your article is very useful, the content is great, I have read a lot of articles, but for your article, it left me a deep impression, thank you for sharing.

tetris game का कहना है कि -

Thank for your share!

basketball legends का कहना है कि -

The information is very special, I will have to follow you, the information you bring is very real, reflecting correctly and objectively, it is very useful for society to grow together.

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

संग्रहालय

25 नई सुरांगिनियाँ

ओल्ड इज़ गोल्ड शृंखला

महफ़िल-ए-ग़ज़लः नई शृंखला की शुरूआत

भेंट-मुलाक़ात-Interviews

संडे स्पेशल

ताजा कहानी-पॉडकास्ट

ताज़ा पॉडकास्ट कवि सम्मेलन