उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'दूसरी शादी'
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने लन्दन निवासी कवयित्री शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना 'पूस की रात' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की कहानी "दूसरी शादी", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 5 मिनट और 19 सेकंड।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८३१-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी जब तक यह कलंक हमारी कौम से दूर नहीं हो जाता, मैं हर्गिज, कुंवारी तो दूर की बात है, किसी विधवा से भी ब्याह न करूंगा। (प्रेमचंद की "दूसरी शादी" से एक अंश) |
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VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
#Eighteenth Story, Shadi Ki Vajah: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2008/17. Voice: Anurag Sharma
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3 श्रोताओं का कहना है :
कहानी के लिए धन्यवाद।
अनुराग जी, मुझे आपकी यह कहानी बहुत पसंद आई. दूसरी शादी करने का मानसिक संघर्ष फिर शादी करने का चांस लेना और फिर उसका नतीजा. यह कहानी एक ऐसे शीशे की तरह है जिसमे इस तरह की सामाजिक समस्याओं का प्रतिबिम्ब झलकता है. और कुछ सजेतना सी जाग्रत करती है समाज में.
परमजीत जी एवं शन्नो जी,
आप दोनों ही का बहुत-बहुत धन्यवाद!
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