Thursday, May 28, 2009

लोकगीतों में वतन वाले सुनें नाम मेरा



पिछले हफ़्ते हमने आपको अब्बास रज़ा अल्वी द्वारा संगीतबद्ध गोपालदास नीरज का एक गीत सुनवाया था। आज एक बार फिर से हम इन्हीं की एक संगीतबद्ध प्रस्तुति लेकर आये हैं। इस गीत को लिखा है स्वर्गीय सागर खयामी ने। गाया है सिडनी की गायिक शानाज़ हैदर ने। अब्बास के दोनों गीत इनके 'दूरियाँ' एल्बम के हिस्सा हैं। अब्बास ने यह एल्बम भारत के गरीब बच्चों की मदद के लिए कम्पोज किया था।


फेसबुक-श्रोता यहाँ टिप्पणी करें
अन्य पाठक नीचे के लिंक से टिप्पणी करें-

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

2 श्रोताओं का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

waah good song again

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

गायिका शानाज़ हैदर की आवाज़ बहुत मधुर है और गीत के बोल के तो क्या कहने।
ओवरऑल अल्वी जी को बधाइयाँ।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

संग्रहालय

25 नई सुरांगिनियाँ

ओल्ड इज़ गोल्ड शृंखला

महफ़िल-ए-ग़ज़लः नई शृंखला की शुरूआत

भेंट-मुलाक़ात-Interviews

संडे स्पेशल

ताजा कहानी-पॉडकास्ट

ताज़ा पॉडकास्ट कवि सम्मेलन