Saturday, September 20, 2008

सुनो कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'अमृत' का पॉडकास्ट



प्रेमचंद की उर्दू कहानी 'अमृत' का प्रसारण

'सुनो कहानी' के स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियों का पॉडकास्ट। अभी पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी 'अपनी करनी' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की ही आवाज़ में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कहानी 'अमृत' का पॉडकास्ट। मूलतः उर्दू में लिखी गयी यह कहानी ‘प्रेम पचीसी’ से ली गयी है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
(Broadband कनैक्शन वालों के लिए)


(Dial-Up कनैक्शन वालों के लिए)


यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)

VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis


आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें।

#Fifth Story, Amrit: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2008/06. Voice: Anuraag Sharma

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8 श्रोताओं का कहना है :

फ़िरदौस ख़ान का कहना है कि -

दिलकश...

Sajeev का कहना है कि -

वाह क्या कहानी है, हर रचनाकार इससे ख़ुद को जोड़ सकता है, प्रेमचंद की ये कहानी श्याद मैंने कभी नही पढ़ी, अनुराग जी इसे प्रस्तुत करने का आभार, आपका काम बेहतर से बेहतर होता जा रहा है

seema gupta का कहना है कि -

" wah, i have never every read it, but today enjoyed listning it with full feelings"

REgards

seema gupta का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
Ashok Pandey का कहना है कि -

हमारे यहां ब्राडबैंड कनेक्‍शन तो है नहीं, लेकिन डाउनलोड कर सुनने की कोशिश कर रहे हैं। प्रेमचंद की कहानियां सुनाने के लिए आभार।

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बेहतरीन प्रस्तुति। इस बार आप सुनने वाले को बाँधने में अधिक सफल हुए हैं। और जब तक उत्तोरत्तर सुधार हो, तब तक सराहनीय है। फिर कोई भी शिखर आपसे दूर नहीं।

एक जगह "जब लेखक आयशा के घर जाता है"- आवाज़ कुछ धीमी हो गई है, या यूँ कह लीजिए कि प्रवाह को तोड़ती है।

ग़ौर फरमाइएगा।

Anonymous का कहना है कि -

वाह......मज़ा आ गया......आपको बहुत धन्यवाद.....हिन्दी के लिए आप जो कार्य कर रहे हैं, उससे हम हिन्दी प्रेमियों को बहुत लाभ हो रहा है......हिन्दी भाषा की जय हो!!!!!!!!

शोभा का कहना है कि -

अनुराग जी,
कथा सुन्दर है। आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। इसी तरह प्रेमचन्द जी की कथाएँ सुनाते रहिए। सस्नहे।

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