Wednesday, July 30, 2008

अलविदा इश्मित...



स्टार प्लस की संगीत प्रतियोगिता वायस आफ इंडिया के विजेता और पंजाबी के प्रसिद्ध गायक इश्मित सिंह की मंगलवार को डूबने से मौत हो गई, जिसके साथ ही हमने एक उभरती हुई आवाज़ को हमेशा के लिए खो दिया है.
उनके साथ बिताये लम्हों को याद कर रहे हैं, आवाज़ के लिए, लुधिआना से रिपोर्टर
जगदीप सिंह

ईश्वर का मीत हो गया इश्मीत
नाम-इश्मीत सिंह

जन्म-3 सितंबर 1989
उम्र-19 साल
एजूकेशन- बीकॉम, सेकेंड इयर, सीए अधूरी छोड़ी थी।
24 नवंबर 2007 को वॉयस ऑफ इंडिया बना, इसी दिन गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव था।
शौक-गायकी, कम्पयूटर इंटरनेट, स्पोट्र्स

आज मैं ऊपर, आसमां नीचे... यह गाना गाने वाला इश्मीत इतनी जल्दी आसमां के पार चला जाएगा, यकीन नहीं होता। हम जितना भी इस युवा गायक के बारे में सोचते हैं, उतनी ही मीठी यादें ताजा हो जाती हैं। 19 साल का यह फरिश्तों सा गायक जो खुद पानी की तरह था, जो हर हाल में खुद को ढाल लेता था, आखिर पानी की भेंट चढ़ गया। दूसरों के छोटे से दुख से उसकी आंखें छलक आती थीं। आज वह अपने चाहने वालों की आखों में ढेरों आंसू छोड़ गया।

सफर जिंदगी का

धर्म को समर्पित और एक कर्मठ परिवार में जन्मा इश्मीत बचपन से ही होनहार था। शास्त्री नगर स्थित घर के आसपास वह अपनी गायकी और रिज़र्व अंदाज़ के कारण बेहद मशहूर था.

बस जीतना था जुनून.

हर मैदान में जीतना उसका जुनून था। चाहे गायकी हो या पढ़ाई उसने हर जगह अच्छा प्रदर्शन किया। गुरु नानक पब्लिक स्कूल का स्टूडेंट रहा इश्मीत अपने दोस्तों में दोस्ती के साथ ही पढ़ाई में होशियारी के लिए भी जाना जाता था। यही वजह थी कि मुश्किल माने जाने वाले चार्टेड अकाउंटेंसी के कोर्स के शुरूआती एग्जाम उसने बहुत आराम से पास कर लिए थे। संस्थान के नियम बदलने की वजह से सीए न कर पाने का उसे अफसोस भी था। मुझे याद है कि एक निजी मुलाकात में उसने कहा था कि अब बीकॉम के साथ सीए नहीं कर पाऊंगा।

अधूरी रही महाराजा रणजीत सिंह बनने की चाहत.

इश्मीत की डील-डोल शख्सियत को देखकर बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता राज बब्बर ने उसे पंजाब के सबसे महान शहंशाह महाराजा रणजीत सिंह की किशोर अवस्था का रोल ऑफर किया था। साल के अंत में शुरू होने वाले सीरियल की शूटिंग उसने विदेश दौरे से लौट कर शुरू करनी थी। इश्मीत को बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार उत्तम सिंह ने भी गाने का प्रस्ताव दिया था।

जगजीत के बेटे की याद में मिला पहला सम्मान

चोटी के गजल गायक जगजीत सिंह के मरहूम बेटे विवेक सिंह की याद में स्थापित किया गया पहला अवार्ड इश्मीत को दिया गया था। लुधियाना में हुए कार्यक्रम के दौरान अवार्ड प्राप्त करते हुए जहां इश्मीत फफक-फफक कर रो पड़ा था, वहीं खुद जगजीत और चित्रा सिंह की छलकती आखें रुकने का नाम नहीं ले रही थीं। इश्मीत सिंह की जिंदगी का ये यादगार पल था।

कंपनियों का भी बना चहेता

वॉयस ऑफ इंडिया बनने से पहले ही इश्मीत काफी लोकप्रिय हो गया था। कंपनियां भी उसे अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाने के लिए रुचि दिखा रही थीं। फाइनल से पहली ही सोनाटा कंपनी ने अपनी युवा घडिय़ों की रेंज उसी से लांच करवाई थी। कीर्ति लाल ज्यूलर ने उसे हीरों से नवाजा था, तो पंजाब स्टेट लॉजरीज ने भी उसे अपनी लॉटरीज का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था।

दुनिया घूमने को था उत्साहित

वॉयस ऑफ इंडिया बनने के बाद जब उसे 50 देशों में शो करने का कार्यक्रम दिया गया तो वह काफी उत्साहित था। उसका कहना था कि दुनिया भर में अपना टैलेंट इस तरह दिखाना खास तजुर्बा रहेगा।

मुंबई में नहीं लगा था दिल.

तरक्की और शोहरत की खातिर मुंबई गए इश्मीत का दिल अपने शहर और दोस्तों में बसा था। एक निजी मुलाकात में उसने कहा था कि मुंबई में तो अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता चौबीस घंटे बस काम ही काम।

पब्लिसिटी से दूर

लुधियाना आने पर अक्सर इश्मीत घर में आराम करने और अपने दोस्तों के साथ समय बिताने को तरजीह देता था। कई बार परिवार के लोग चाहते भी थे कि वह मीडिया से इंटरेक्ट करे तो इश्मीत टालने की कोशिश करता था।

विकलांगों के साथ बिताया दिन

संवेदनशील इश्मीत को आम लोगों का दर्द काफी भावुक कर देता था। विकलांग दिवस पर इश्मीत रखबाग में पिकनिक मना रहे मंदबुद्धि और विकलांग बच्चों के पास पहुंच गया। वहां पर उनके साथ वक्त बिताने के साथ ही उन्हें कुछ कर दिखाने को प्रोत्साहित किया।

तिरंगे पर नहीं दिया ऑटोग्राफ

गायकी का दीवाना इश्मीत देश-भक्ति से सराबोर था। जीतने के बाद लुधियाना में एक कार्यक्रम के दौरान एक नन्हे प्रशंसक ने जब छोटे से तिरंगे पर उससे ऑटोग्राफ देने को कहा तो इश्मीत ने बच्चे को समझाया कि राष्ट्रीय झंडे के सम्मान को बरकरार रखने के लिए ऐसा नहीं करते।

कंपनी को झुकाया

गुरुद्वारा दुखनिवारण साहिब में अरदास में किए वादे के मुताबिक इश्मीत अपनी पहली धार्मिक एलबम निकालना चाहता था, लेकिन उसकी कामर्शियल एलबम लाना चाहती थी। आखिर इश्मीत की भावनाओं के आगे झुकते हुए बिग म्यूजिक ने उसकी धार्मिक एलबम को गुरुद्वारा दुखनिवारण साहिब में रिलीज किया।

नहीं मनेगा जन्मदिन का जश्न

तीन सितंबर को इश्मीत के जन्मदिन को लेकर सभी दोस्त उत्साहित थे। वायस आफ इंडिया बनने के बाद सभी ने उसका जन्मदिन ·का जश्न मनाने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन अब सबके चहरों पर उदासी छा गई है।


जगदीप सिंह
रिपोर्टर, लुधिआना

दोस्तों, याद करें इश्मित को, VOICE OF INDIA में उनके गाये उनके इस भावपूर्ण गीत के साथ -


Ishmit (Ishmeet) Singh: An unforgotten young voice of Punjab

फेसबुक-श्रोता यहाँ टिप्पणी करें
अन्य पाठक नीचे के लिंक से टिप्पणी करें-

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

15 श्रोताओं का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

बेहद दु:खद।
- धनराज वाधवानी

गीता पंडित का कहना है कि -

पल को जाने क्या हो गया,
पल ही पल में कहाँ खो गया,
यूँ तो आते पल अब भी हैं,
वो पल अश्रु के बीज बो गया,

दु:खद ।

बालकिशन का कहना है कि -

बहुत ही दुखद घटना.
प्रोग्राम देखते-देखते इश्मित मेरा पसंदीदा गायक बन गया था.
भगवन की इसमे क्या मंशा हो सकती हम समझ क्यूँ नहीं पाते.
प्रभु इस्मित के घरवालों को इस दुःख को सहने की क्षमता प्रदान करें.
गीत-संगीत की दुनिया का ये उभरता सितारा अपने गुण, कौशल और सज्जनता के लिये हमेशा अमर रहेगा.

रंजू भाटिया का कहना है कि -

सच मुच यह बहुत ही दुखद पूर्ण है ...इतनी छोटी उम्र में इतना नाम कमाया और इतनी जल्दी सब खत्म हो गया ,बहुत बुरा हुआ यह

"Nira" का कहना है कि -

sach kahoon main is shock se nikal hi nahi paa rahi hoon
uski tasveer ankhon ke samne nazarr aa rahi hai mic haat mein kliye huye, dadi ke paas baithe huye,
bas baghwan se winti karti hoon is masoom ko apne panha mein jagah de aur ghar walon ko dukh sahne ki shakti de.
shmeet hum sab ke dil mein hamesha rahega.

Unknown का कहना है कि -

आज एक सितारा इस धरती पर टिमटिमाते हुए लुप्त हो गया
आसमान भी उसकी कमी महसूस करेगा

BRAHMA NATH TRIPATHI का कहना है कि -

बड़ा ही दुखद समाचार है सितारा सूरज बनने से पहले ही बुझ गया लेकिन जो उसकी आभा थी वो कभी नहीं बुझेगी वो हर समय याद आएगा

Anonymous का कहना है कि -

bahut bura hua achche logo ko bhagwan apne paas kyon bula lete hain

गरिमा का कहना है कि -

दुख तो हूआ, बहूत दुख हूआ सुनकर, इश्मीत जरूर वापस आयेगा, भले एक नये नाम से, और फिर से दुनिया पर छा जायेगा।

हम रूह-ए-सफर है, हमे किसी नाम से ना जानो
जाने कब किस गली मे, किस नाम से नजर आ जाये

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बहुत ही दुःखद घटना। इश्मित ने इतनी कम उम्र में ही इतना काम किया है कि इनका नाम अमर हो जायेगा।

बाल भवन जबलपुर का कहना है कि -

इश्मीत
तुम जो
विजेता हो
तुम जो भारत की आवाज़ हो
तुम छोड़ के हमें नहीं जा सकते
इश्मीत
तुम जो सुरों के रथ पे
"गीत" को बादशाह की तरह
ले आते थे....!!
सच तब देवता से लगते थे तुम
माँ,पापा और इस दुनियाँ
को छोड़ कर तुम
अपनी सुर संयोजना के
साथ अनंत में विलीन हो गए
मन बार बार कहता है


तुम लौट आओ
मेरे देवपुरूष

Anonymous का कहना है कि -

so sad..
kaash ki uski jagah yaar tum mar jaate..
but chalo jo hona tha wo to ho gaya
but next time yaar kisi k kaam aana
god bless ismeet.

Anonymous का कहना है कि -

Ishmeet jamin pe ek sitara tha.....
ab asman mai hai ....
love u Ishmeet ...

विश्व दीपक का कहना है कि -

Ishmit ki asamayik mrityu bahut hi dukhad hai. hum sab ishwar se prarthana karte hain ki uski aatma ko shanti pradaan kare aur uske pariwaar waalon ko haushala de.

-Vishwa Deepak 'tanha'

Anonymous का कहना है कि -

bhagwan un ki atmaan ko shanti de or us ki family ko dukh sahney ki shakti de

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

संग्रहालय

25 नई सुरांगिनियाँ

ओल्ड इज़ गोल्ड शृंखला

महफ़िल-ए-ग़ज़लः नई शृंखला की शुरूआत

भेंट-मुलाक़ात-Interviews

संडे स्पेशल

ताजा कहानी-पॉडकास्ट

ताज़ा पॉडकास्ट कवि सम्मेलन