उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'माँ'
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में प्रेमचंद की रचना ''गुल्ली डंडा'' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी "माँ", जिसको स्वर दिया है लन्दन निवासी कवयित्री शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 39 मिनट।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८३१-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी वह उसका प्यारा पति ही था, किन्तु शोक! उसकी सूरत कितनी बदल गई थी। वह जवानी, वह तेज, वह चपलता, वह सुगठन, सब प्रस्थान कर चुका था। केवल हड्डियों का एक ढॉँचा रह गया था। न कोई संगी, न साथी, न यार, न दोस्त। (प्रेमचंद की "माँ" से एक अंश) |
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#Twenty Fourth Story, Maa: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2009/04. Voice: Shanno Aggarwal
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4 श्रोताओं का कहना है :
उफ़ कितनी मार्मिक कहानी.....अंत बार सुनी...अंत तो डुबो देने वाला था, शन्नो जी धन्येवाद इतनी सशक्त अभिव्यक्ति के लिए
शन्नो जी, प्रेमचंद का एक और नायाब नगीना हम तक पहुंचाने का शुक्रिया. कहानी जितनी लम्बी थी उतनी ही रोचक भी. प्रेमचंद की यह मार्मिक कहानियां अंग्रेजी राज के कठिन समय को जितना जीवंत करती हैं उससे कहीं अधिक मानव-जीवन की विविधता का चित्रण करती हैं.
सजीव जी, अनुराग जी,
मेरी पढ़ी कहानी अच्छी लगी इसके लिए धन्यबाद. यह तो प्रेमचंद जी की मेहरबानी है कि वह हमारे लिए इतनी सुंदर, सरल और स्वाभाविक कहानियाँ लिख गए जो सबके मन को छू जातीं हैं. और मुझ नाचीज़ को तो बस उस महान व्यक्ति की कुछ कहानियो को पढ़कर ही आप लोगो से तारीफ़ मिल गई. इस मेहरबानी के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया.
शन्नो
शन्नो जी,
बहुत ही करुण कहानी है, और उसी प्रवाह में आपने सुनाई भी है, मुंशी प्रेमचंद की कहानियो को आवाज़ के द्वारा हमें सुनाने का बहुत बहुत शुक्रिया.
आगे भी इसी तरह हम आपकी कहानियाँ सुनते रहेंगे .
पूजा अनिल
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