Wednesday, June 24, 2009

कवि हेमंत के शब्द और कुमार आदित्य की संगीत-संगत



पिछले सप्ताह आपने कुमार आदित्य विक्रम द्वारा स्वरबद्ध चाँद शुक्ला की एक ग़ज़ल का आनंद लिया। आदित्य में सूर्य की भाँति न खत्म होने वाली संगीत-संयोजन और गायन की ऊर्जा है। व्यवसायिकरण के इस दौर में भी आदित्य पूरी मुश्तैदी के साथ कविताओं को संगीतबद्ध करने का हौसला रखते हैं। आवाज़ भी ऐसी प्रतिभाओं को सलाम करने से कभी नहीं चूकता।

एक बार फिर हम कुमार आदित्य विक्रम की ही प्रस्तुति लेकर हाज़िर हैं जो एक युवाकवि को श्रद्धाँजलि है। कुमार आदित्य ने स्व. कवि हेमंत की दो कविताओं का संगीत भी तैयार किया है और गाया भी है।

स्वर्गीय कवि हेमंत

जन्म: 23 मई 1977, उज्जैन (म.प्र.)
शिक्षा: सॉफ़्टवेयर कम्प्यूटर इंजीनियर
लेखन: हिन्दी, अंग्रेज़ी, मराठी में कविता-लेखन
रचनाएँ: (1) मेरे रहते (कविता-संग्रह) / सं. डा. प्रमिला वर्मा
(2) समकालीन युवा कवियों का संग्रह / सं. डा. विनय
(3) सौ-वर्ष की प्रेम कविताओं का संग्रह / सं. वीरेंद्रकुमार बरनवाल
निधन: 5 अगस्त 2000 — सड़क दुर्घटना में।
हेमंत की मृत्यु के बादः इनकी माँ प्रसिद्ध लेखिका संतोष श्रीवास्तव (अध्यक्ष: हेमंत फाउण्डेशन) ने हेमंत की स्मृति में `हेमंत फाउण्डेशन´ नामक साहित्यिक संस्था की स्थापना की। संस्था द्वारा प्रति वर्ष `हेमंत स्मृति कविता सम्मान´ का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत 11 हज़ार की धनराशि, शॉल, स्मृति-चिन्ह सम्भावनाशील युवा कवि को (निर्णायकों द्वारा चुने गये) समारोहपूर्वक प्रदान किया जाता है।


तुम हँसी



तुम हँसी!
डाली से ताज़ी पँखुरियाँ झर गयीं।
घोसलों में दुबकी
गौरैयाँ सब चौंक गयीं
लिपे-पुते आँगन में
खीलें बिखर गयीं,
तुम हँसी!
दूर-दूर चाँदनी छिटक गयी!
नदी तट की बालू पर
चाँदी बिखर गयी,
तुम हँसी!
ओस नशा बन गयी
दूब लचक-लचक गयी,
पोर-पोर झूम गयी।
मन लगा जागने
तनहाई टूट गयी।
तुम चुभीं दिल में
कामना की कील सी,
तुम हँसी!

तुम्हारे आसपास



वासंती नभ हो, छिटके जब चाँदनी
दूर-दूर महक उठे, चंपा गुलबक़ावली
करना तब याद मुझे।
गाती हों ढोलक पर मिल कर सहेलियाँ
रचती हों मेंहदी से नाज़ुक हथेलियाँ
करना तब याद मुझे।
ठुकराये तुमको जब जीवन के मोड़ कई
घिरती हो तनहाई, लगे कोई चोट नई
करना तब याद मुझे।
मैं नभ सा छा जाऊँगा
करोगी जब याद मुझे।

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8 श्रोताओं का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

इतनी कम उम्र में इतने प्रतिभाशाली कवि की असामयिक मृत्यु बेहद बेहद दुखद है. पूरे युग्म परिवार की तरफ से मैं अपनी संवेदनाएं उनके परिवार तक पहुँचाना चाहता हूँ. सुंदर कवितायें हैं. पर इन्हें स्वरबद्ध करना बेहद मुश्किल है पर कुमार आदित्य में ऐसा दुर्लभ प्रतिभा है की वो इसे सहज ही कर जाते हैं. कुमार आदित्य को पन्त की कविता (परतियोगिता वाली) को स्वरबद्ध करने की कोशिश करनी चाहिए.

Disha का कहना है कि -

खूबसूरत शब्दों को मधुर आवाज़ मिल गयी
भरी बज़्म में संगीत की लहर दौड़ गयी
जो सिमटी थी अब तलक काग़ज में
वो नज़्म आज साज़ से मिल गयी
यह बहुत दुख:द बात है की कवि हेमंत का इतनी कम उम्र में देहान्त हो गया, किन्तु वो आज भी अपनी कविताओं के जरिये हमारे बीच मौजू़द है.कवि हेमंत जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजली.
दीपाली पन्त तिवारी"दिशा"

Shamikh Faraz का कहना है कि -

कवि हेमंत जी को मेरी श्रद्धांजली.

neeti sagar का कहना है कि -

यह सचमुच बहुत दुखद घटना है,इतनी कम उम्र में परमात्मा में विलीन हो गए,,,बहुत अच्छी रचनाये की थी उन्होंने,स्वरबद्ध होने पर और भी अच्छी लगी....कवि हेमंत जी को मेरी भावभीनी श्रधान्जली !

स्वप्न मञ्जूषा का कहना है कि -

कवि हेमंत का अकस्मात् चले जाने का दुःख, शब्दों में व्यक्त करना आसन नहीं है, उनके माता-पिता के दुःख की सीमा के बारे में हम सोच भी नहीं सकते, हिंदी साहित्य ने एक उदीयमान प्रतिभा खो दी, आदित्य जी का आभार मानते हैं की उन्होंने स्व. हेमंत जी कृतियों को अमर करने की बहुत अच्छी कोशिश की है और सफलता पायी है,
मैं अपने परिवार और मेरी और से स्व.श्री हेमंत जी को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करती हूँ

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

आदित्य जी का कायल हुआ जा सकता है जिस तरह से इन्होंने साधारण कविता को इतना सुंदर बनाया है। कवि हेमंत में संभावनाएँ थीं, कम से कम इन दो कविताओं को पढ़कर यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

प्रज्ञा पांडेय का कहना है कि -

mrityu toh ant hai magar geet fir bhi zinda hain . unhen shradhhanjali !!
geet sunder .. aawaz sunder . marvellous!!

Anonymous का कहना है कि -

Very fine composition.

Veena,Mississauga

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