ताजा सुर ताल TST (30)
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर के एपिसोडों से लगभग अगले 20 एपिसोडों तक, जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक-
पिछले एपिसोड में आये एक नए प्रतिभागी महिलाओं को चुनौती देने. चलिए हमारे कहने का असर हुआ, और विश्व दीपक तन्हा जी भी मैदान में कूद पड़े, पर 3 में से 2 जवाब सही दिए, एक जगह चूक कर गए. और उनकी भूल का फायदा उठा कर सीमा जी फिर 2 अंक चुरा लिए. सीमा जी का स्कोर हुआ है अब 12, तन्हा जी ने शानदार शुरुआत की 4 अंकों के साथ. दिशा जी अभी भी 2 अंकों पर जमी है, सभी को आज के लिए शुभकामनायें.
सजीव - सुजॉय, आज का TST ख़ास है कुछ, लेकिन इससे पहले कि मैं ये बताऊं क्यों, मेरी तरफ से और पूरे युग्म परिवार की तरफ से आवाज़ के सबसे लोकप्रिय होस्ट को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँ दे देता हूँ, जी हाँ दोस्तों आज सुजॉय का जन्मदिन है, मुबारक हो सुजॉय :)
सुजॉय - धन्यवाद सजीव, और मेरे सभी साथियों का....शुक्रिया.
सजीव - जानते हैं आज के दिन का एक और बहुत बड़ा महत्त्व है. शिरडी के साईं बाबा ने आज ही दिन देह त्याग कर स्वर्ग के लिए पलायन किया था. उनकी स्तुति का ये दिन बेहद ख़ास है देश विदेश में फैले बाबा के असंख्य भक्तों के लिए, आज हम भी TST पर बाबा सो नमन करते हुए एक ऐसा गीत सुनवाने जा रहे हैं, जो नेट पर आज पहली बार बजेगा.
सजीव - आभास जिन दिनों प्रतियोगिता का हिस्सा थे ये एल्बम "बावरे फकीरा" बाज़ार में आ चुकी थी, इस एल्बम के गीतकार गिरीश बिल्लोरे जी ने हमें बताया कि इस एल्बम की बिक्री से अर्जित आय को विकलांग बच्चों के लिए कार्य कर रही एक संस्था को दान कर दिया गया, यानी कि संगीत माध्यम से समाज के उद्धार का एक अच्छा उदहारण है ये....
सुजॉय - यकीनन, पर इससे पहले कि आज इस एल्बम के शीर्षक गीत को पहली बार नेट पर सुनें, स्वागत करें इस भजन के रचेता गिरीश बिल्लोरे और युवा गायक आभास जोशी का, जो आज हमारे बीच हैं....स्वागत है आप दोनों का TST में...
सजीव - गिरीश जी आपने आभास के उत्थान में अहम भूमिका निभाई है, जहाँ तक मेरी जानकारी है ये आभास का पहला एल्बम है, तो क्या ये एल्बम आपने प्लान की आभास के लिए?
गिरीश -सजीव जी,सबसे पहले हिन्द-युग्म परिवार का हार्दिक आभारी हूँ कि आपने "साईं-बाबा के बताए अध्यात्मिक चिंतन पर केंद्रित एलबम "बावरे-फ़कीरा" के इन्टर-नेट संस्करण की लांचिंग का कार्य किया है" जहां तक आभास के उत्थान में मेरे अवदान को आपने रेखांकित किया है यह आप का बडप्पन है। वास्तव में आभास को सेलिब्रिटि खुद आभास की मेहनत बाबा के आशीर्वाद ने बनाया। मैनें तो बस जो किया स्वर्गीया सव्यसाची मां प्रमिला देवी की प्रेरणा से किया. उसका लाभ आभास को मिला यह मेरा सौभाग्य है.
बावरे-फ़कीरा एलबम की प्लानिग की ज़िम्मेदार दो घटनाएं हैं। शहर के एक सिंगर ने मेरे गीत फेंक दिए थे यह कह कर ये भी कोई गीत हैं। फिर गीत मैनें कम्पोज़ीशन मेरे करीबी परिचित संगीतकार ने गीतों को घर की पुताई में खो दिए कुल मिला कर उपेक्षा का शिकार मेरे भजन पांच साल तक गोया आभास का इंतज़ार कर रहे थे .... 2006 में श्रेयास जोशी ने संगीतबद्ध कर आभास के सुरों को सौंप दिये ये गीत। सजीव जी, मां के निर्देश पर साहित्य से मुझे रोटी नहीं कमाना था सो मैंने अपने एलबम पीड़ित मानवता की सेवा को समर्पित किया जाना उचित समझा।
सुजॉय - आभास आप और तोशी उस मुकाबले में "वाईल्ड कार्ड एंट्री" से आये, निर्णायकों की ख़ास पसंद बने थे आप, इन सब का अब तक आप को क्या फायदा मिलता है जब आप किसी संगीतकार से संपर्क में आते हैं, 2007 में हुए उस मुकाबले से लेकर अपने अब तक के सफ़र के बारे में संक्षेप में हमारे श्रोताओं को बताएं?
आभास -एक अदभुत दौर था। मैं क्या हममें से कोई भी भुला नहीं पा रहा है दर्शकों का प्यार करतें। निर्णायकों की महत्वपूर्ण टिप्पणियां, जो हमारे कैरियर के लिए सहयोगी ही साबित हुईं हैं। सुजॉय जी, 2007 में संग-ए-मरमर के शहर जबलपुर से मायानगरी गया आभास मुम्बई का ही हो गया है। बमुश्किल चार दिन का वक्त मिला है "जबलपुर" आकर दादी का दुलार पाने के लिये। सच मुझे वाइल्ड कार्ड एंट्री और निर्णायकों की पसंद बनने से लाभ ही हुआ है। काम मिला है दो फ़िल्में, बावरे-फ़कीरा के बाद दो और एलबम देश-विदेश में स्टेज़ शोज, कुल मिला कर कम समय में बाबा ने बहुत कुछ दिया सच साई दो दो हाथों से देने वाला दाता है।
सजीव - क्या आपके बाकी प्रतिभागी साथी अभी भी संपर्क में हैं?, इश्मित की मौत का यकीनन आप सब को सदमा होगा ...
आभास -सजीव जी, सभी नेट, फ़ोन के ज़रिये संपर्क में तो हैं..... किन्तु सभी भाग्यशाली हैं यानी सभी व्यस्त हैं अत: मुलाकातें कम ही हो पातीं हैं। इश्मीत की याद आते ही वो दिन इतने याद आतें हैं कि अपने आप को रोकना मुश्किल हो जाता है। कोई न कोई बात आंखों को भिगो ही देती है। 29 जुलाई को इश्मीत जी की पहली पुण्यतिथि पर हम सभी लुधियाना गए थे। मोम से बनाए इश्मीत जी के स्टैच्यू देख कर लगा बस अब इश्मीत उठेंगें और छेड देंगे तान। ईश्वर इश्मीत को एक बार और हमारे बीच भेजे।
सुजॉय - गिरीश जी जैसा की आपने बताया कि आपके एल्बम का एक सामाजिक पक्ष भी था, क्या आगे भी आभास के साथ मिलकर आपकी ऐसी कोई योजना है जिससे संगीत माध्यम से समाज के कल्याण में योगदान हो सके।
गिरीश - जी हां, सच है बाबा के आशीर्वाद से मध्य-प्रदेश राज्य सरकार में बाल विकास परियोजना अधिकारी हूँ। रोज़गार मेरी समस्या नहीं है। सव्यसाची ने कहा था "तुम्हारी कविता समाज का कल्याण करे" सो इस एलबम से प्राप्त आय जबलपुर में आयी लाइफ़ लाइन एकस्प्रेस की व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन को दी गई है। आगे भी जो लाभ होगा उससे पोलियो-ग्रस्त बच्चों की मदद जारी रहेगी जिसका ज़िम्मा सव्यसाची कला ग्रुप को सौंपा है। आगे भी मेरा प्लान नेत्रहीन-भिक्षुक के तम्बूरे से बिखरी संगीत रचनाओं को आपके समक्ष लाना यह प्रोजेक्ट भी अब मेरे पास है शीघ्र ही सबके हाथों होगा जिसकी आय नेत्रहीन व्यक्तियों की मदद हेतु होगी।
सजीव - आभास आपकी आवाज़ में एक अलग सी ही कशिश है, हम तो यही दुआ करेंगें कि जल्दी आप हिंदी सिनेमा के जाने माने पार्श्व गायकों की कतार में शामिल हो जाएँ, आपको और गिरीश जी को हमारी शुभकामनाएं।
आभास - उन दिनों जब मैं वी ओ आई का प्रतिभागी था मेरे जितेन्द्र चाचा और गिरीश चाचा ने हिन्द-युग्म की साईट खोल कर बताया था कि आपने मुझे कितना संबल दिया। सच, हिंद-युग्म ने एक ये और काम किया कि नेट पर मेरे गाए एलबम को ज़गह दी, आभार के शब्द कम पड़ रहे हैं। बस कृतज्ञ हूँ कह पा रहा हूँ।
गिरीश - हिन्द-युग्म ने "बावरे-फ़कीरा" के नेट संस्करण की लांचिंग का जो कार्य किया है उसका हार्दिक आभारी हूँ।
बावरे फकीरा (आभास जोशी)
आवाज़ रेटिंग - लागू नहीं.
TST ट्रिविया # 10-जिस प्रतियोगिता में आभास को जूरी सम्मान मिला उस प्रतियोगिता में एक फीमेल प्रतिभागी को भी विशेष जूरी सम्मान ने नवाजा गया था, क्या है इस गायिका का नाम?
सुजॉय - सजीव, आज का 'ताज़ा सुर ताल' बेहद बेहद ख़ास है! एक तो ये की हमारे कार्यक्रम में दूसरी बार कोई गायक मेहमान बन कर आये, और अब दूसरा और तीसरा गीत भी कुछ बेहद ख़ास होने वाला है।
सजीव - वह कैसे भला?
सुजॉय - आज हम दो ऐसी आवाज़ें लेकर आए हैं जिनके बारे में हम इतना कह सकते हैं कि आज यही दो ऐसी आवाज़ें हैं जिनका जादू 'ओल्ड इज़ गोल्ड' और 'ताज़ा सुर ताल', दोनों पर चल सकती है।
सजीव - यानी कि विविध भारती के कार्यक्रमों के संदर्भ में अगर कहे तो 'भूले बिसरे गीत' और 'चित्रलोक' दोनों में ये आवाज़ें बज सकती हैं?
सुजॉय - जी बिल्कुल!
सजीव - तब तो ये लता जी और आशा जी के अलावा कोई और हो ही नहीं सकता।
सुजॉय - ठीक कहा आपने, लेकिन इस जवाब के लिए कोई अंक नहीं मिलेंगे आपको! :-)
सजीव - इसका मतलब सुजॉय कि आज हम मधुर भंडारकर की नई फ़िल्म 'जेल' का गीत सुनने जा रहे हैं लता जी की आवाज़ में?
सुजॉय - जी बिल्कुल! जैसा कि भंडारकर साहब ने कुछ दिन पहले कहा था कि लता जी का गाया यह 'जेल सॉन्ग' एक 'नए दौर का जेल सॉन्ग' होगा, जो हमें याद दिलाएगा वी. शांताराम की फ़िल्म 'दो आँखें बारह हाथ' का भजन "ऐ मालिक तेरे बंदे हम"।
सजीव - मैने 'जेल' का यह गीत "दाता सुन ले, मौला सुन ले" सुना है, लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि मधुर साहब की बात में शायद उतना वज़न नहीं है। इसमें कोई शक़ नहीं कि 80 साल की उम्र में भी लता जी ने जिस आवाज़ का परिचय दिया है, सुनने वाला हैरत में पड़े बिना नहीं रह सकता। लेकिन मुझे इस गीत के संगीतकार शमीर टंडन से यही शिकायत रहेगी कि इस गीत को उन्होने करीब करीब फ़िल्म 'पुकार' के गीत "एक तू ही भरोसा एक तू ही सहारा" की तरह ही कम्पोज़ किया है। उन्हें कुछ अलग करना चाहिए था। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?
सुजॉय - मैं आपसे सोलह आने सहमत हूँ। इससे बेहतर मुझे 'पेज ३' का गीत अच्छा लगा था "कितने अजीब रिश्ते हैं यहाँ पे"। ख़ैर, हमें लता जी की आवाज़ सुनने को मिली है किसी फ़िल्म में एक अरसे के बाद, हम तो भई उसी से ख़ुश हैं। और मेरा ख़याल है कि इस गीत को अंक देने की गुस्ताख़ी मैं नहीं कर सकता। क्योंकि हम उस लायक नहीं कि लता जी के गाए गीत का आकलन कर सके। इसलिए बेहतर यही होगा कि कम से कम इस गीत के लिए हम अंकों की तरफ़ न जाएँ, लता जी इन सब से परे हैं।
सजीव- ठीक है बाकी फैसला श्रोताओं पे छोड़ते हैं...
दाता सुन ले (जेल)
आवाज़ रेटिंग - लागू नहीं
TST ट्रिविया # 11- शमीर टंडन के निर्देशन में किस मशहूर क्रिकटर ने अपनी आवाज़ का जलवा दिखाया है?
सजीव - लता जी की आवाज़ तो हम सब ने सुन ली, अब आशा जी का गाया कौन सा तरो ताज़ा गीत सुनवा रहे हो 'आवाज़' के शैदाईयों को?
सुजॉय - यह एक ग़ैर फ़िल्मी गीत है जिसे आशा जी ने अपने पोते चिंटु (Chin2) के साथ गाया है, चिंटु के ही संगीत निर्देशन में। इस ऐल्बम का नाम है 'सपने सुहाने', और पूरे ऐल्बम में आशा जी बस यही एकमात्र गीत गाया है, बाक़ी सभी गानें चिंटु की ही आवाज़ में है।
सजीव - यानी कि एक 'X-factor' लाने के लिए ही आशा जी से यह गीत गवाया गया है। पिछले साल आशा जी का अपना एक सोलो ऐल्बम आया था 'प्रीशियस प्लैटिनम', जिसे Amazon World Music Chart में टॊप ४० में चुना गया था। और इस साल उन्होने अपने पोते के इस ऐल्बम में अपनी आवाज़ मिलाई, एक ही गीत में सही। सुजॉय, क्या ये चिंटु, आशा जी के बड़े बेटे हेमन्त का बेटा है?
सुजॉय - हाँ, हेमन्त भोसले, जिन्होने दो एक फ़िल्मों में संगीत भी दिया था, जैसे कि फ़िल्म 'जादू टोना', जिसमें उन्होने ना केवल आशा जी को गवाया बल्कि अपनी बहन वर्षा भोसले को भी गवाया था। और अब उनके बेटे चिंटु की बारी है अपनी दादी को गवाने का।
सजीव - यह वही चिंटु है जो यहाँ की पहले पहली बॉय बैंड 'A Band of Boys' का एक सदस्य हुआ करता था। इसके बाद वो गुमनामी में चला गया और कई रेडियो स्टेशन्स पर जॉकी का काम किया, एम. बी. ए होने की वजह से कई कंपनियों में नौकरी भी की। लेकिन संगीत की जो परंपरा उसके परिवार में थी, वही उसे एक बार फिर से खींच लाई, करीब करीब ११ साल बाद इस 'सपने सुहाने' एल्बम के ज़रिए।
सुजॉय- और यह गीत सुनने से पहले आप सभी को बता दें कि इस ऐल्बम का विमोचन किया गया था आशा जी के जन्मदिन की पूर्वसंध्या, यानी कि ७ सितंबर को। तो आइए सुनते हैं रॉक एन् रोल स्टाइल में "प्यार ख़ुशनसीब"। और देते हैं चिंटु को एक उज्ज्वल भविष्य की ढेरों शुभकामनाएँ।
प्यार खुशनसीब (सपने सुहाने)
आवाज़ रेटिंग -लागू नहीं
TST ट्रिविया # 09 -चिंटू भोसले का वास्तविक नाम क्या है ?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
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15 श्रोताओं का कहना है :
2)Australian cricketer Brett Lee
3)Chaitanya (Chintu) Bhosle
regards
Baaki do sawaalon ka Seema ji ne jawaab de diya hai.
I think, 1st ka answer "abhilaasha" hai.
-Vishwa Deepak
waise hota yeh hai ki hum sawaalon-jawaabon ki jhari mein asli mudda bhool jaate hain.
Jaise ki aaj do mudde hain:
1) Sujoy ji ko janmdiwas ki haardik shubhkaamnayein.
2) Awaaz par Girish ji aur Abhaash saaheb kaa haardik swaagat hai.
Teeno gaane ek se badhkar ek hain
sabhi ko badhai.
-Vishwa Deepak
1) Priyani Vani
regards
सुजाय जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें
"चाह नहीं आप फूलों से महकें
क्योंकि फूल है मुरझा जाता
चाह नहीं बसंत सा जीवन हो आपका
क्योंकि उसके बाद है पतझड़ आता
चाह यही है आपकी तमन्नायें पूरी हों सारी
आज के दिन ईश्वर से यही ख्वाइश है हमारी
१-जूरी चाइस-अभिलाशा
२-ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ब्रेट ली
३-चेतन्य भोसले-चिंटू
तन्हा जी ने aबिलकुल सही कहा है। सुजोये जी को जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई आज तो उनके लिये समर्पित पोस्त होनी चाहिये थी वो रोज़ सभी के लिये इतनी मेहनत करते हैं गिरीश जी और अब्बस जी को सुनना और परिच्य बहुत अच्छा लगा धन्यवाद हिन्द युग्म परिवार को दीपावली की शुभकामनायें
हिवढे मत तोडो तुम,मुदिता मन जोड लो
शूल से जो शब्द चुभें मुस्कानें ओढ लो
प्रीत-पथ में पीर जितनी पाओगे प्रियतम की
तय है कि कालजयी रच लोगे नवल गीत !
तंतु कसा जीवन तो कुंठाएं गहन मीत !
सुजोय जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें
आभास और मेरा दौनो का ये दूसरा एलबम है
आभास का पहला एलबम आया द्वार तुम्हारे तथा मेरा "नर्मदा-अमृतवाणी"था
हिन्द्-युग्म के स्वर्णिम स्पर्श से अभीभूत हूं
aap sabhi ka bahut bahut shukriya janamdin ki badhaaiyon ke liye.
आदरणीय सुजॉय जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये
regards
Happy Birthday SUJOY ji
सुजॉय जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये
saader
rachana
आभास द्वारा गाये गये इस गीत को सुनकर एक तरह का सुकूँन मिलता है, हालाँकि संगीत में ताज़गी की कमी खलती है, लेकिन आभास के स्वर बाकी कमियों को दबा देते हैं।
सुजॉय जी को जन्मदिवस की ढेरों बधाइयाँ।
ट्रिविया के बारे में पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
सुजोय जी को जन्मदिन की बधाई.
sujayji ko janm din ki bahut bahut badhi.
.Abhas joshi ko bahut bhut badhai aur shubhkamnaye .mukul billoreji ko bhi badhai
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