Tuesday, December 11, 2007

बाल-दिवस - किसके लिए?



कुछ दिनों पूर्व हिन्द-युग्म जब नवम्बर माह की प्रतियोगिता से हमने पंखुड़ी कुमारी की कविता 'बाल दिवस -किसके लिए?' प्रकाशित की थी तो हमारे एक पाठक शैलेश चन्द्र जम्लोकी (मुनि) ने अनुरोध किया था कि इस कविता को सुरों में ढाला जाना चाहिए। हमने स्वरबद्ध तो नहीं किया है लेकिन हाँ, विकास कुमार की आवाज़ में पॉडकास्ट अवश्य कर रहे हैं।

नीचे ले प्लेयर से सुनें और ज़रूर बतायें कि कैसा लगा?

(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)



यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)

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2 श्रोताओं का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

अच्छा है

Anonymous का कहना है कि -

इतनी प्यारी कविता और उसपर से विकास जी की ओजपूर्ण आवाज,मजा आ गया.
अलोक सिंह "साहिल"

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