कवि- रविन्दर टमकोरिया 'व्याकुल'स्वर- विकास कुमार
अक्षर- वेश्या
स्रोत- हिन्द-युग्म
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कवि- रविन्दर टमकोरिया 'व्याकुल'
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Vikash Kumar
हिन्द-युग्म पूरी दुनिया में पहला ऐसा प्रयास है जिसने संगीतबद्ध गीत-निर्माण को योजनाबद्ध तरीके से इंटरनेट के माध्यम से अंजाम दिया। अक्टूबर 2007 में शुरू हुआ यह सिलसिला लगातार चल रहा है। इस प्रक्रिया में हिन्द-युग्म ने सैकड़ों नवप्रतिभाओं को मौका दिया। 2 अप्रैल 2010 से आवाज़ संगीत का तीसरा सीजन शुरू कर रहा है। अब हर शुक्रवार मज़ा लीजिए, एक नये गीत का॰॰॰॰
संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
जब गायिका शारदा ने याद किया शमशाद बेगम को
एक बातचीत रोहन कपूर से (सुपत्र महेंद्र कपूर)
मिलिए चितेरे कवि इमरोज़ से
"अजब प्रेम" के ठहाके रचने वाले आर डी तैलंग से ख़ास बातचीत
एक मुलाकात गायक अभिषेक घोषाल से
युवा गायक आभास जोशी से कुछ बातें
यूफोरिया वाले पलाश सेन से बातचीत
तुझमें रब दिखता है- नये रूप में
जिगर मुरादाबादी का क़लाम
इंडो-रशियन मैत्री गीत
महाश्वेता देवी से मुलाकात
निदा फ़ाज़ली से मुलाकात
सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों
ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रविवार से गुरूवार शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी होती है उस गीत से जुडी कुछ खास बातों की. यहाँ आपके होस्ट होते हैं आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों का लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।
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श्रोता का कहना है :
ye kahani auraat ki yugo-yugo se chali aa rahi hai ,agar vidhata ne use dil ki jagah ek pashad diya hota .shayad aisa na hota
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