बच्चो,
बहुत दिन हुए आपकी प्रिय मीनू आंटी की आवाज़ में हम कोई कविता पॉडकास्ट नहीं कर पा रहे थे। लेकिन आपका इंतज़ार खत्म हो गया है। हम इसबार बालकवि ऋषिकेश शिवाजी नलावडे की कविता 'सूरज' लेकर आये हैं। ज़रूर सुनिएगा, अपने दोस्तों को सुनाइएगा और बताइएगा कि कैसा लगा।
नीचे ले प्लेयर से सुनें.
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संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 

शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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3 श्रोताओं का कहना है :
अच्छी प्रस्तुति
बहुत अच्छा लगा
सचमुच मज़ा आया
बेहतर प्रयास.
आलोक सिंह "साहील"
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