सरताज गीत बनने की जंग शुरू हो चुकी है, जुलाई के जादूगर गीत, जनता की अदालत में हाज़री बजाने के बाद, पहले चरण की समीक्षा की कठिन परीक्षा से गुजर रहे हैं, जैसा की हम बता चुके हैं कि पहले चरण में ३ समीक्षक होंगे और दूसरे और अन्तिम चरण में दो समीक्षक होंगे, समीक्षा का दूसरा चरण सत्र के समापन के बाद यानी जनवरी के महीने शुरू होगा, फिलहाल देखते हैं कि पहले चरण के, दूसरे समीक्षक ने जुलाई के जादूगरों को कितने कितने अंक दिए हैं. इस समीक्षा के अंकों में पहली समीक्षा के अंक जोड़ दिए गए हैं जिसके आधार पर, हमारे श्रोता देख पाएंगे कि कौन सा गीत है, अब तक सबसे आगे.
गीत समीक्षा
संगीत दिलों का उत्सव है ....
पहला गीत है “संगीत दिलों का उत्सव है…” सभी गीतों में सबसे श्रेष्ठ.. गीत संगीत और गायकी सब कुछ एकदम परफेकक्ट ... गीत संगीत और गायकी तीनों पक्षों में ताजगी लगती है। बीच बीच में आलाप बहुत प्रभावित करता है। इस गीत को 8 नंबर दे रहा हूँ।
संगीत दिलों का उत्सव है... को दूसरे निर्णायक द्वारा मिले 8/10 अंक, कुल अंक अब तक 14 /20
बढे चलो.
दूसरा गीत है “बढ़े चलो…”, आज के हिन्द का युवा...ठीक कह सकते हैं। बहुत दिल को छू नहीं पाया। आज के प्रचलन के हिसाब से ठीक है। गायकी अच्छी है पर संगीत तेज है और वाद्ययंत्रों की आवाज हावी हो जाने के कारण गीत में वो बात नहीं बन पाई जो गीत के बोलों के हिसाब से बन सकती थी। इस गीत को मैं 6 नंबर ही दे पा रहा हूँ.
बढे चलो, को दूसरे निर्णयक से अंक मिले 6 / 10, कुल अंक अब तक 13 /20.
आवारा दिल.
तीसरा गीत है, “आवारा दिल…”। बढ़िया गीत... इतनी कम उम्र में संगीतकार ने जो काम किया है उस हिसाब से उनका भविष्य उज्जवल है। गीत अच्छा संगीत बेहतर और गायकी बेहतरीन इस गीत को 7 नंबर दे रहा हूँ।
आवारा दिल, को दूसरे निर्णायक से मिले 7 / 10, कुल अंक अब तक 15 /20.
तेरे चेहरे पे ...
आखिरी गीत एक गज़ल है “तेरे चेहरे पे…”। छोटा सी ग़ज़ल, संगीत गीत और गायकी में ताजगी। बहुत बढ़िया संयोजन। इस गीत को भी 7 नंबर मिल रहे हैं
तेरे चेहरे पे..., को दूसरे निर्णायक ने मिले 7 /10, कुल अंक अब तक 13 /20
चलते चलते...
तो दोस्तों, दो समीक्षकों के निर्णय आ चुके हैं, अभी भी पहले चरण में "आवारा दिल" ने बढ़त कायम रखी है, "संगीत दिलों का उत्सव है..." तीसरे स्थान से उछल कर दूसरे पर आ गया है, और शीर्ष गीत को कड़ी चुनौती दे रहा है. अब तीसरे (पहले चरण के अन्तिम) समीक्षक के निर्णय के बाद ही स्थिति साफ़ हो पायेगी. तीसरे समीक्षक की पारखी समीक्षा लेकर हम उपस्थित होंगे अगले रविवार को. हिंद युग्म, आवाज़ द्वारा संगीत के क्षेत्र में हो रहे इस महाप्रयास के लिए अपना बेशकीमती समय निकल कर, युवा कलाकारों को प्रोत्साहन/ मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से आगे आए हमारे समीक्षकों के प्रति हिंद युग्म की पूरी टीम अपना आभार व्यक्त करती है.
 
 
 










 संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








 लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

 सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 
 हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
 शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।
शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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2 श्रोताओं का कहना है :
कमाल है हिंद युग्म अब किसी सीरिअल या रियलिटी शो से कम नहीं है .....अभी तक तो हर शुक्रवार का ही इंतज़ार रहता था और उत्सुकता रहती थी की नया गीत कैसा होगा!परन्तु अब रविवार भी दिल की धड़कनें बढ़ाने जा रहा है !बुधवार को किसी न किसी आर्टिस्ट से मुलाक़ात होती है ,उसे करीब से जानने का अवसर मिलता है !हिन्दयुग्म की पूरी टीम कठोर परिश्रम कर रही है !जुलाई माह के गीतों में आवारा दिल अपनी बढ़त बनाये हुए है !आवारा दिल गीत की पूरी टीम को मेरी और से बहुत बहुत मुबारकवाद !इस तरह तीन चरणों से गुजरने से ये सिलसिला बहुत ही दिलचस्प हो गया है !संगीत दिलों का उत्सव है ,दूसरे स्थान पर है और तीसरे स्थान पर बाकी के दो गीत है!आने वाले रविवार को अंतिम परिणाम जानने की बहुत उत्सुकता रहेगी!हिंद युग्म के कारण में छोटे परदे को छोड़ कर आवाज़ की दुनिया में आ गयी हूँ और बहुत खुश हूँ!एक बार फिर समस्त हिंद युग्म को साधुवाद ...
बढ़िया है गुरु। महासंग्राम शुरू हो चुका है। मज़ा आयेगा
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