Sunday, September 14, 2008

अगस्त के अश्वारोहियों की दूसरी भिडंत में जबरदस्त उठा पटक



जैसे जीवन के कुछ क्षेत्रों मे हमेशा असंतोष बना रहता है वैसे ही संगीत की दुनिया में कुछ लोग इस तरह की चर्चा करते हैं कि संगीत में तो अब वह बात नहीं रही. हक़ीक़त यह है कि समय,काल,परिवेश के अनुसार संगीत बदला है. चूँकि उसका सीधा ताल्लुक मनुष्य से है जिसका स्वभाव ही परिवर्तन को स्वीकारना है तो संगीत का दौर और कलेवर कैसे स्थायी रह सकता है वह भी बदलेगा ही और हमें उसे बदले रंगरूप में भी स्वीकार करने का जज़्बा पैदा करना पड़ेगा.

आवाज़ एक सुरीला ब्लॉग है जहा नयेपन की बयार बहती रहती है.नई आवाज़ें,नये शब्द और नयापन लिये संगीत.इस बार भी पाँच प्रविष्टियाँ मेरे कानों पर आईं और तरबतर कर गईं. मुश्किल था इनमें से किसे कम कहूँ या ज़्यादा. लेकिन जो भी समझ पाया हूँ आपके सामने है.

१)नदी हूँ मैं पवन हूँ,मैं धरा या गगन:

शब्द अप्रतिम,गायकी अच्छी है शब्द की सफ़ाई पर ध्यान दिया जाने से ये आवाज़ एक बड़ी संभावना बन सकती है,उन्हें गायकी का अहसास है.कम्पोज़िशन मौके के अनुकूल है और मन पर असर करती है.

गीत:4.5/5
संगीत:4/5
आवाज़:3/5
कुल प्रभाव 3.5/5
15/20
7.5/10

कुल अंक अब तक 13.5 / 20

२)बेइंतहा प्यार

रचना सुन्दर बन पड़ी है.आवाज़ भी प्रभावी है लेकिन सुर में ठहराव नहीं है. वह बहुत ज़रूरी है.धुन अच्छी लगी है , मेहनत नज़र आती है.

गीत:2.5/5
संगीत:3.5/5
आवाज़:2.5/5
कुल प्रभाव 2.5/5
11/20
5.5/10

कुल अंक अब तक 10.5 / 20

३)बहते बहते धारे,कहते तुमसे सारे

ये इस बार की सबसे प्रभावी रचना है.गायकी,संगीत और शब्द मन को छू जाते हैं.सभी प्रतिभागियों से कहना चाहूँगा कि वह संगीत जो टेक्निकली परफ़ेक्ट है याद नहीं रखा जाएगा,जिसमें बहुत से साज़ बजे हैं वह याद नहीं रखा जाएगा,याद रखी जाती है धुन क्योंकि सबसे पहले वह मन को छूती है और गीत का रास्ता प्रशस्त करती है.धुन अच्छी होने के बाद ज़िम्मेदारी कविता पर आ जाती है और अंतिम प्रभाव छोड़ती है आवाज़ ,लेकिन वही सबसे ज़्यादा पुरस्कृत होती है.

गीत:3.5/5
संगीत:3.5/5
आवाज़:3.5/5
कुल प्रभाव 4.5/5
15/20
7.5/10

कुल अंक अब तक 16 / 20

४)चले जाना

संगीत अच्छा बन पड़ा है.गीत कमज़ोर है.गायक को सुर पर ठहराव की आवश्यकता है.पिच कैसा भी हो आवाज़ खूँटे सी गड जाना चाहिये.एक विशेष बात इस प्रस्तुति के फ़ेवर में जाती है और वह भारतीय साज़ों का इस्तेमाल.वॉयलिन सुन्दर बजा है इसमें.रिद्म का काम भी बेजोड़ है लेकिन गायकी अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाई है.

गीत:2/5
संगीत:3.5/5
आवाज़:2.5/5
कुल प्रभाव 2/5
9/20
4.5/10

कुल अंक अब तक 12.5 / 20

५)इस बार मेरे सरकार:

सामान्य प्रस्तुति है.मेहनत नहीं की गई है.शब्द के साथ संगीत ब्लैण्ड नहीं कर रहा.

गीत:1.5/5
संगीत:1.5/5
आवाज़:1.5/5
कुल प्रभाव 1.5/5
6/20
3/10

कुल अंक अब तक 11 / 20

सभी रचनाएं सुनकर दिल बाग बाग हो जाता है कि बेसुरेपन के इस दौर में युवा पीढ़ी के कलाकार इतनी मेहनत कर रहे हैं. आज युवाओं के सर पर कैरियर को लेकर चिंताएँ हैं उसे देखते हुए आवाज़ की यह पहल और उस पर मिला इन कलाकारों का प्रतिसाद प्रशंसनीय है.बधाईयाँ.

चलते चलते

इस समीक्षा के साथ साथ जबरदस्त उठा पटक हो गई है, "जीत के गीत" ने अपनी बढ़त बरक़रार रखी है, मगर "चले जाना" और "मेरे सरकार" पीछे चले गए और "मैं नदी" और "बेइंतेहा प्यार" आगे आ गए हैं. ये देखना दिलचस्प होगा की पहले चरण के अंतिम समीक्षक की समीक्षा के बाद क्या तस्वीर बनती है.

अपनी मूल्यवान समीक्षाओं से हमारे गीतकार / संगीतकार / गायकों का मार्गदर्शन करने के लिए अपना बहुमूल्य समय निकाल कर, आगे आए हमारे समीक्षकों के प्रति हिंद युग्म अपना आभार व्यक्त करता है.

फेसबुक-श्रोता यहाँ टिप्पणी करें
अन्य पाठक नीचे के लिंक से टिप्पणी करें-

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

5 श्रोताओं का कहना है :

shivani का कहना है कि -

अगस्त के महीने की गीतों की दूसरी समीक्षा का मैं स्वागत करती हूँ और सजीव जी और उनकी टीम को जीत के गीत की जीत की बधाई देती हूँ !दूसरे स्थान के लिए मैं नदी की टीम को मेरी ओर से शुभकामनायें !मेरे ख्याल से बेइंतहा के अंकों के जोड़ में कुछ गलती हो गयी है !अब तक के कुल अंक १०.५ बन रहे हैं !मेरे सरकार के इस बार के अंक देख कर आश्चर्य हुआ !समीक्षा के लिए धन्यवाद !

नियंत्रक । Admin का कहना है कि -

शिवानी जी आपने बिल्कुल सही पकड़ा, गलती सुधार दी गई है,

Sajeev का कहना है कि -

:) मेरे सरकार के अंक देख कर मुझे भी बेहद आश्चर्य हुआ, खैर समीक्षक हम से बेहतर समझ रखते हैं

Biswajeet का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
Biswajeet का कहना है कि -

The greatest winning is always the learning which the failure gives. मुझे अंक पसंद तो नहीं आए विशेष रूप से मेरे सरकार के लिए लकिन मुझे समीक्षक जी से बहुत कुछ सिखने को मिला. उनके अंक सर आखो पर. अगर संगीत की विशालता को दृष्टि में रखा जाए तो १० से ३ भी बहुत बड़ी बात होती है. :)

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

संग्रहालय

25 नई सुरांगिनियाँ

ओल्ड इज़ गोल्ड शृंखला

महफ़िल-ए-ग़ज़लः नई शृंखला की शुरूआत

भेंट-मुलाक़ात-Interviews

संडे स्पेशल

ताजा कहानी-पॉडकास्ट

ताज़ा पॉडकास्ट कवि सम्मेलन