आवाज़ पर बहुत दिनों से हम आपको कोई बाल-कविता नहीं सुनवा पाये थे, क्योंकि मीनू आंटी इन दिनों छुट्टी पर हैं।
लेकिन बच्चों के लिए यह काम करने का जिम्मा नीलम मिश्रा जी ने भी स्वीकारा है। नीलम आंटी बतौर अपने पहला प्रयास डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन की कविता 'गिलहरी का घर' लेकर आई हैं। तो आप सुनिए, अपने घर के बच्चों को सुनवाइए और हमें बताइए कि कैसा लगा।






संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 

शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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8 श्रोताओं का कहना है :
बहुत खुब मजा आ गया.
धन्यवाद
बहुत अच्छी कविता, बधाई!
प्रथम प्रयास बहुत ही अच्छा है . इस आवाज को थोड़े प्रयास से प्रोफेशनल आवाज में ढाला जा सकता है. बच्चन जी की कविता को अच्छा कहने के लिए भी मैं बहुत छोटा हूँ
AAP KA PRYAAS SRAAHNEEYA HAI .NEELAM JI BAHUT-BAHUT BADHAAII ek ati sundar kavita ko aavaaz dene ke liye
nice effort & good job
mann
आयी गिलहरी बच्चन जी की
ले नीलम जी की आवाज
सुन्दर सी कविता के ऊपर
सुन्दर गाने का अन्दाज ।
aawaj ko achcha bataane ke liye aap sabhi ka
bahut bahut shukriya.
ati uttam sun kar maan parsan ho gaya...........
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