हिन्द-युग्म ने इंटरनेटीय जुगलबंदी से बने पहले एल्बम 'पहला सुर' को जब ३ फरवरी २००८ को विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली में रीलिज किया था, तभी से यह तय कर लिया था कि इसे नई प्रतिभाओं को उभारने का कुशल माध्यम बनायेगा।
सजीव सारथी के अनुभवी संयोजन में ४ जुलाई २००८ से प्रत्येक शुक्रवार इसी इंटरनेट जैमिंग से बने स्वरबद्ध गीत का विश्वव्यापी प्रदर्शन इसी वेबसाइट पर किया जाने लगा। उद्देश्य था कि हिन्दी को विश्वव्यापी पहुँच मिले और गायक, संगीतकार और गीतकार को एक मंच। ३१ दिसम्बर २००८ तक एक-एक करके गीत रीलिज किये गये। इस तरह से कुल २७ गीत वर्ष २००८ (सत्र २००८-०९) में प्रदर्शित हुए।
नियमित श्रोता जानते हैं कि हम इन गीतों की समीक्षा २ चरणों में ५ अलग-अलग संगीत पारखियों से करवायी जा चुकी है।
हिन्द-युग्म ने तय किया है कि समीक्षकों द्वारा चुने गये शीर्ष गीत को नगद इनाम भी देगा। वह सरताज़ गीत होगा।
आम श्रोता की पसंद समीक्षकों से अलग हो सकती है। हम एक लोकप्रिय गीत भी चुनना चाहते हैं। जिसके लिए हम श्रोताओं को अवसर दे रहे हैं। श्रोताओं की राय पर समीक्षकों की राय का असर न पड़े, इसलिए हम समीक्षकों द्वारा तय सरताज़ गीत की जानकारी नहीं प्रकाशित कर रहे हैं। हम श्रोताओं द्वारा चुने गये सर्वश्रेष्ठ गीत की टीम को भी नग़द इनाम देंगे।
ऊपर के लिंक से आप हर गीत के बनने की कहानी पढ़ सकते हैं और अलग से सुन भी सकते हैं। आप नीचे के प्लेयर से सभी गीतों को एक साथ सुन सकते हैं। एक-एक करके सुन सकते हैं। जो श्रोता नये हैं, वे इसी प्लेयर से सभी गीत को सुन सकते हैं।
आपका निर्णय
वोटिंग विंडो २८ मार्च रात्रि ११.५९ तक खुली रहेगी. ३० मार्च सोमवार को हम सरताज गीत, लोकप्रिय गीत और टॉप १० गीतों के नतीजे आपके सामने रखेंगे.
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2 श्रोताओं का कहना है :
बहुत उम्दा प्रस्तुति आज कुछ गीतो को सुन सका हूँ, वाकई पहली सीडी से बहुत बेहतर काम हुआ है। इस उच्च स्तरीय प्रदर्शन की जितनी भी तारीफ की जा सकती हो मै कर सकता हूँ किन्तु तब पर भी मेरे पास शब्दो की कमी पड़ जायेगी।
nice voice
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