गुनगुनाते लम्हे- 3
गुनगुनाते लम्हें, यानी इन्टरनेट पर वेब रेडियो की नयी पहल, आवाज़ की इस पेशकश से अब तक आप सब श्रोता बखूबी परिचित हो चुके हैं. एक बार फिर आया माह का पहला मंगलवार और एक नयी गीतों भरी कहानी लेकर हाज़िर है हमारी टीम, गुनगुनाते लम्हें की तीसरी कड़ी में. मुंजल और रूमानी के प्रेम की ये दास्ताँ सुनिए कुछ बेहद कर्णप्रिय गीतों के संग, आवाज़ है एक बार फिर अपराजिता कल्याणी की और तकनीकी संचालन है खुशबू का. इस बार कि कहानी श्री अभय कुमार सिन्हा ने लिखी है.
प्रसारण का कुल समय है १९.०१. उम्मीद है हमारी ये पेशकश आपकी सुबह को नयी उर्जा से भर देगी, तो बस प्ले पर क्लिक कीजिये और हमारी इस प्रस्तुति का आनंद लीजिये.
'गुनगुनाते लम्हे' टीम
| आवाज़/एंकरिंग | कहानी | तकनीक |
|---|---|---|
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| अपराजिता कल्याणी | अभय कुमार सिन्हा | खुश्बू |









संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 

शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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5 श्रोताओं का कहना है :
अपराजिता -खुशबु ,
मैंने सुबह hi आपकी गीतों भरी कहानी सुन ली थी ,मेरा मेसेज आपको दस बजे से पहले मिल भी गया होगा
जानी पहचानी कहानी, शानदार प्रस्तुती और खूबसूरत गानों के साथ मिल कर प्यारी सी बन गई थी ,हमारेयहाँ तो इस रूमानी की राईटिंग अच्छी है , हमारे मंजुल का लिखा हमारा मंजुल hi पढ़ सकता है
ये बताओ इन खूबसूरत गीतों को सलेक्ट कौन करता है ? 'भुला नही देना जी ...''
कैसे भुला सकते हैं बाबा न आपको अ आपकी गीतों भरी कहानी और उसको कहने के अंदाज को , क्योकि ..''जलाते हैं जिसके लिए ;मेरी' आँखों के दीए ढूंढ लाइ हो वही गीत तुम ;मेरे' लिए
मिस्त्र सिन्हा और दोनों स्वीट डॉल्स के s
अपराजिता -खुशबु ,
मैंने सुबह hi आपकी गीतों भरी कहानी सुन ली थी ,मेरा मेसेज आपको दस बजे से पहले मिल भी गया होगा
जानी पहचानी कहानी, शानदार प्रस्तुती और खूबसूरत गानों के साथ मिल कर प्यारी सी बन गई थी ,हमारेयहाँ तो इस रूमानी की राईटिंग अच्छी है , हमारे मंजुल का लिखा हमारा मंजुल hi पढ़ सकता है
ये बताओ इन खूबसूरत गीतों को सलेक्ट कौन करता है ? 'भुला नही देना जी ...''
कैसे भुला सकते हैं बाबा न आपको अ आपकी गीतों भरी कहानी और उसको कहने के अंदाज को , क्योकि ..''जलाते हैं जिसके लिए ;मेरी' आँखों के दीए ढूंढ लाइ हो वही गीत तुम ;मेरे' लिए
मिस्त्र सिन्हा और दोनों स्वीट डॉल्स के s
is baar story kuch khaas nahi rahi, haan songs sabhi bahut badhiya the, aprita ji u rock :)
aapki kahani behad pasand ayi:)..Renu Sinha.
aapki kahani me achchi, meethi yaadein hai...geeton ka chunav bahut sundar hai...Renu Sinha.
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