ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 608/2010/308
आज है ८ मार्च, यानी कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस। इस अवसर पर हम 'हिंद-युग्म' के सभी महिला मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए रोशन करते हैं 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के महफ़िल की शमा। क्योंकि इन दिनों हम क्रिकेट की बातें कर रहे हैं, इसलिए आज हम चर्चा करेंगे भारतीय महिला क्रिकेट की और उसके बाद सुनवाएँगे एक ऐसा खेल प्रधान गीत जिसमें आपको नारीशक्ति की महक मिलेगी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम का गठन सन् १९७३ में हुआ और इस टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच १९७६/७७ में खेला, जिसमें वेस्ट इंडीज़ के साथ प्रतियोगिता ड्रॊ हुई थी। पिछले विश्वकप में अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारत फ़ाइनल तक पहुँचा, लेकिन ऒस्ट्रेलिया पर जीत न हासिल कर पायी। साल २००६ में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंगलैण्ड का दौरा किया जहाँ पर टेस्ट सीरीज़ १-० से अपने नाम किया, टी-२० जीता, लेकिन एक दिवसीय शृंखला ४-० से हार गयी। टीम की कप्तानी की झूलन गोस्वामी ने। ICC ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए 'वीमेन्स क्रिकेट एसोसिएशन ऒफ़ इण्डिया' को 'भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड' (BCCI) के साथ मर्ज करवा दिया। महिला क्रिकेट विश्वकप में भारत की भागीदारी की बात करें तो ये रहा स्टैटिस्टिक्स:
१९७३: भाग नहीं लिया; १९७८: चतुर्थ स्थान; १९८२: चतुर्थ स्थान; १९८८: भाग नहीं लिया; १९९३: चतुर्थ स्थान; १९९७: तृतीय स्थान; २०००: तृतीय स्थान; २००५: द्वितीय स्थान; २००९: तृतीय स्थान
रेकॊर्ड्स की बात करें तो भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सब से ज़्यादा ४६७ रन इंगलैण्ड के ख़िलाफ़ साल २००२ में बनाया था। सर्वाधिक रन बनाने का रेकॊर्ड मिताली राज के नाम दर्ज है, जिन्होंने उसी मैच में २१४ रन बनाये। बोलिंग में नीतू डेविड ने ५३ रन देकर ८ विकेट लिया था इंगलैण्ड के ख़िलाफ़ १९९५ को जमशेदपुर में। और झूलन गोस्वामी ने इंगलैण्ड के ही ख़िलाफ़ २००६ में ७८ रन देकर पूरे दस के दस विकेट्स लिए थे। दोस्तों, आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम सलाम करते हैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सभी खिलाड़ियों को। और अब वादे के मुताबिक़ एक ऐसा गीत सुनिए जिससे नारी शक्ति की महक आ रही है। यह है फ़िल्म 'हमजोली' का कबड्डी वाला गीत "हु तु तु तु.... होशियार ख़बरदार, ख़बरदार होशियार"। आशा भोसले, कमल बारोट, और साथियों की आवाज़ों में यह मस्ती और प्रतियोगिता मूलक गीत है आनंद बक्शी साहब का लिखा हुआ और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का स्वरबद्ध किया हुआ। १९७० की इस फ़िल्म के इस गीत में लड़कियों की दो टीमों के बीच में कबड्डी की प्रतियोगिता हो रही है। जिस तरह से कबड्डी सांस पर नियंत्रण रखने का खेल है, ठीक वैसे ही आशा जी और कमल जी ने भी क्या सांसों को रोकने की क्षमता दिखाई है। गीत सुनिए, आपको अंदाज़ा हो जाएगा। ब्रेथलेस के साथ भले शंकर महादेवन का नाम जोड़ा जाता है, लेकिन इस गीत को सुनने के बाद तो यही लगता है कि ब्रेथलेस जौनर तो कब का ही शुरु हो चुका था फ़िल्म संगीत में। आइए मज़ा लेते हैं इस मिट्टी और खेलकूद से लवरेज़ गीत का।
क्या आप जानते हैं...
कि आशा भोसले और कमल बारोट ने साथ में बहुत से युगल गीत गाये, कुछ उल्लेखनीय फ़िल्में हैं - घराना, हमजोली, आवारा बादल, दिल्ली का दादा, यारी ज़िंदाबाद, बलराम श्रीकृष्ण, शंकर सीता अनुसुया, शमशीर, दो दुश्मन, जहाँ सती वहाँ भगवान, जंतर मंतर, श्री राम भरत मिलाप, श्रीमानजी, शेर ख़ान, वतन से दूर, सब का उस्ताद, माया जाल, गोल्डन आइज़ सीक्रेट एजेण्ट ०७७, महारानी पद्मिनी, किलर्स।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 09/शृंखला 11
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - कोई सूत्र नहीं देंगे इसे थोडा मुश्किल ही रहने देते हैं.
सवाल १ - महेंद्र कपूर है पुरुष गायक, गायिका बताये - १ अंक
सवाल २ - एक भारतीय खेल की पंच लाईन के माध्यम से पति पत्नी की छेड़ छाड को दर्शाते इस मजेदार गीत के गीतकार बताये - ३ अंक
सवाल ३ - संगीतकार बताएं - २ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
आज पहेली जरा सख्त है....हमें यकीं है दिज्जगों को थोड़ी परेशानी जरूर होगी, एक मौका है लेट कामर्स के लिए....और अंजाना जी अभी हिम्मत मत हारिये इस शृंखला में एक और कैच है....मैदान में जमे रहिये :)
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
 इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को 
 
 










 संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम
मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम








 लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

 सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 
 हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
 शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।
शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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8 श्रोताओं का कहना है :
Lyrics : Shailendra
शेलेन्द्र
Music: Salil Chowdhry
bhai sahab itne durlabh geet kii bas ek jhalak sunkar aap log kaise itni jaldi pahchaan jaate hain...gajab hai ....salute to u all :)
गायिका क्या मैं बताऊंगा ?
चलो बता देते हैं ...लेकिन इन दिग्गजों का तो भई कमाल है !
गायिका " लता मंगेशकर
आज अभी कहीँ से आया तो सोचा कुछ हाथ लग जायेगा 1 अँक ही सही पर वो भी नहीँ मिला । चलिए कुछ और जानकारि : फिल्म : मेम दीदी
गीत : हु तु तु तु हम तो घर मेँ चूल्हा फूँकेँ..
क्योँ ठीक है न ?
चलिए अब जब सारे उत्तर आ गए हैं तो जो लोग इस फिल्म को देखना चाहते हों इस लिंक को अपने ब्राउज़र में कॉपी पेस्ट करें
http://www.youtube.com/watch?v=rYRCbKgcvAo
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