'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अभिषेक ओझा की कहानी "प्रेम गली अति..." का पॉडकास्ट उन्हीं की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं संजय अनेजा की कहानी "इंतज़ार" का नाट्य रूपांतर। कलाकार हैं अर्चना चावजी और सलिल वर्मा। संगीत सहयोग पद्मसिंह का है और नाट्य रूपांतरण किया है सलिल वर्मा ने।
कहानी "इंतज़ार" का कुल प्रसारण समय 17 मिनट 53 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
इस कथा का टेक्स्ट मो सम कौन ब्लॉग पर उपलब्ध है।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।
 
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#139th Story, Intezar : Sanjay Aneja/Hindi Audio Book/2011/20. Voice: Archana Chaoji & Salil Varma
कहानी "इंतज़ार" का कुल प्रसारण समय 17 मिनट 53 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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| आशा है महाजनस्य पंथे गिरतम सम्भलतम हम भी घुटनों पर चलना सीख लेंगे! ~ संजय अनेजा हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी "विराजिये ऋषिवर! निश्चिंत रहिये, मैं कोई मेनका नहीं जो आपका ध्यान भंग करूंगी।" (संजय अनेजा की "इंतज़ार" से एक अंश) | 
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#139th Story, Intezar : Sanjay Aneja/Hindi Audio Book/2011/20. Voice: Archana Chaoji & Salil Varma
 

 
 










 संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम
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 लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

 सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 
 हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
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 शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।
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7 श्रोताओं का कहना है :
आवाज़ के पटल पर संजय अनेजा का स्वागत है।
अर्चना जी, सलिल जी और पद्म जी - आप तीनों की यह नई पहल प्रशंसनीय है। आशा है आगे इस दिशा में और काम होगा। आभार!
वाह वाह, क्या बात है, एक बहुत ही बढ़िया पहल मज़ा आ गया
@अनुराग जी ...आपका सहयोग अपेक्षित है ...काम तो होगा ही ....
@संजीव जी शुक्रिया ....
सुन कर अच्छा लगा , पर एक समस्या थी जब कहानी में नायक कुछ सोच रहा है तो इस बात का पता नहीं चला रहा है की नायक संवाद को मन में ही सोच रहा है या नायिका से बोल रहा है चुकि मैंने कहानी पढ़ी है इसलिए मुझे पता है किन्तु पहली बार सुनने वालो को थोडा कन्फ्यूजन हो गया जैसे मेरी मित्र को हो गया |
@anshumala ji, koshish karenge agli baar ye shikayat n rahe ...aapne suna -shukriya ..
अर्चना जी और सलिल भैया इंतजार से संबंधित कुछ रच रहे हैं, ये मालूम था लेकिन नहीं जानता था कि और भी महानुभाव इस साजिश में शामिल हैं:)
इस गौरवशाली मंच पर उपस्थिति संभव हो सकी, हृदय से आप सबका आभारी हूँ।
अपने सिस्टम पर आज सुनना संभव हो पाया है, इसीलिये आज आभार प्रकट कर रहा हूँ।
कहानी सुनना भी अच्छा लगा . ब्लाग पर पढ़ भी ली .
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