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अपने पडो़सी दिल से भीनी-भीनी भोर की माँग कर बैठे गोटेदार गुलज़ार साहब, आशा जी एवं राग तोड़ी वाले पंचम दा - विश्व दीपक

आज की काली घटा...याद कर रही है उस आवाज़ को जो कहीं दूर होकर भी पास है - Sajeev

रविवार सुबह की कॉफी और कुछ दुर्लभ गीत (10) - Sajeev

कहाँ हाथ से कुछ छूट गया याद नहीं - मीना कुमारी की याद में - नियंत्रक । Admin

मेरी प्यास हो न हो जग को...मैं प्यासा निर्झर हूँ...- कवि गीतकार पंडित नरेंद्र शर्मा जी की याद में - नियंत्रक । Admin

संगीतकार हमेशा गायक से ऊँचा दर्जा रखता है, मानना था ओ पी नैयर का - Sajeev

बरकरार है आज भी ओ पी नैयर के संगीत का मदभरा जादू - Sajeev

लेकिन दुनिया में कोई दूसरा 'सहगल' नहीं आया... - नियंत्रक । Admin

तीर पर कैसे रूकूँ मैं, आज लहरों का निमंत्रण.... - नियंत्रक । Admin

तेरे बिना आग ये चांदनी तू आजा... - नियंत्रक । Admin

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