डैलास, अमेरिका के हिन्दी एफ॰एम॰ चैनल रेडियो सलाम नमस्ते के कार्यक्रम में 11 मई 2008 की रात्रि 9 बजे (भारतीय समयानुसार 12 मई 2008 की सुबह 7:30 बजे) मातृ दिवस पर आयोजित 'कवितांजलि' के विशेष अंक में हिन्द-युग्म की ओर से गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला ने काव्यपाठ किया। गौरव सोलंकी और विपुल शुक्ला के प्रोत्साहन के लिए हिन्द-युग्म की स्थाई पाठिका रचना श्रीवास्तव ने फोन करके दोनों को बधाइयाँ दी, उसे भी हमने रिकार्ड किया है, लेकिन वो ठीक से रिकार्ड नहीं हो पाया है। अमेरिका के ही पेशे से कवि हृदयी डॉक्टर कमल किशोर ने भी अपने काव्यपाठ के बाद गौरव सोलंकी की कविता की सराहना की। इस कार्यक्रम का संचालन श्री आदित्य प्रकाश करते हैं।
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Gaurav Solnaki's & Vipul Shukla's Kavyapaath
 
 
 










 संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला मन जाने - विवधताओं से भरी अल्बम
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 लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें
द रिटर्न ऑफ आलम आरा प्रोजेक्ट एक कोशिश है, हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म के गीत संगीत को फिर से रिवाईव करने की, सहयोग दें, और हमारी इस नेक कोशिश का हिस्सा बनें 

 सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को
सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन यानी इंडस्ट्री के दाद्दु पर एक विशेष शृंखला जिसके माध्यम हम सलाम कर रहे हैं फिल्म संगीत जगत में, इस अदभुत कलाकार के सुर्रिले योगदान को लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों
लोरियों की मधुरता स्त्री स्वर के माम्तत्व से मिलकर और भी दिव्य हो जाती है. पर फिल्मों में यदा कदा ऐसी परिस्थियों भी आई है जब पुरुष स्वरों ने लोरियों को अपनी सहजता प्रदान की है. पुरुष स्वरों की दस चुनी हुई लोरियाँ लेकर हम उपस्थित हो रहे हैं ओल्ड इस गोल्ड में इन दिनों 
 हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
हिंदुस्तान की पहली बोलती फिल्म का पहला गीत हिंद युग्म ने रिवाईव किया २०१० में
 शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।
शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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10 श्रोताओं का कहना है :
गौरव और विपुल दोनों को बहुत-बहुत बधाईयाँ।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
गौरव और विपुल
दोनो का काव्य पाठ सुना। कविताएँ तो पहले ही पढ़ी हुई थी। आपकी आवाज़ में सुनकार और आनन्द आया। हिन्द-युग्म का नाम यूँ ही रौशन होता रहे यही कामना है।
गौरव जी और विपुल जी की कविताएँ पढ़ तो रखी थी पर आज उन्ही की आवाज़ में सुनकर बड़ा अच्छा लगा. आप दोनों को रेडियो सलाम नमस्ते पर कविताएँ कहने का मौका मिला उसके लिए बहुत बहुत बधाई , हमारा भी सौभाग्य है कि हम उसे हिंद युग्म के जरिये सुन सके . आप और तरक्की करें ,ऐसी शुभकामनाओं के साथ
^^पूजा अनिल
बहुत सुंदर |
अवनीश तिवारी
कवि द्वय को बधाई
दोनो कवियों का बहुत बहुत सुन्दर काव्य पाठ, अनेकानेक बधाइयाँ..
गौरव जी ,विपुल जी आप दोनों को हार्दिक बधाई , गौरव जी आपकी कविता पहले पढी थी सुन कर बहुत अच्छा लगा....सीमा सचदेव
vipul sir cong'ion.................
vipul sir cong'tion,,,,,,,,....................//////////
good work vipul , keep going like this always ...............
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