Friday, August 14, 2009

रोशन महफिलों के दिलकश फ़साने....आज सुनें/ गुनें फिर एक बार छुट्टियों के बहाने



दोस्तों आज दिन है महफिल-ए-ग़ज़ल का. पर जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस को अपने परिवार से साथ मनाने के उद्देश्य से हमारे होस्ट विश्व दीपक तन्हा जी कुछ दिनों की छुट्टी पर हैं. वो लौटेंगें नयी महफिल के साथ अगले शुक्रवार को. तब तक क्यों हम इस अवसर का भी सदुपयोग कर लें. झाँक कर देखें पिछली महफिलों में और सुनें एक बार फिर उन ग़ज़लों को जिनसे आबाद हुई अब तक ये महफिल -

नुसरत फतह अली खान
गुलाम अली
जगजीत सिंह
तलत अज़ीज़
मास्टर मदन
मेहदी हसन
आबिदा परवीन
बेगम अख्तर
पीनाज़ मसानी
इकबाल बानो
सुरेश वाडेकर
रुना लैला
हरिहरन
छाया गांगुली
आशा भोंसले
चित्रा सिंह
मोहम्मद रफी
मन्ना डे

अभी तो हैं और भी बेशकीमती नगीने जिनसे सजेंगी आने वाले दिनों में ये महफिलें...तब तक घूम आयें आज इन फनकारों से सजी इन बीती पोस्टों पर और सुनें इन अनमोल आवाजों की रूहानी दास्ताँ को.

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5 श्रोताओं का कहना है :

संगीता पुरी का कहना है कि -

तन्‍हा जी का इंतजार रहेगा .. वैसे पुराने लिंक देकर आपने अच्‍छा किया !!

निर्मला कपिला का कहना है कि -

बहुत बडिया इन लिन्क्ज़ के लिये धन्यवाद तन्हा जी का भी इन्तज़ार रहेगा आभार्

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

सुंदर गीतों का हमे भी इंतज़ार है..
स्वतंत्रता दिवस की बधाई..

Manju Gupta का कहना है कि -

दीपक जी का बेचैनी से इंतजार रहेगा .सभी को जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं .

Shamikh Faraz का कहना है कि -

बहुत ही अच्छी ग़ज़लें और सारा collection एक मिलना आसानी होगी सुनने में.

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