उपेन्द्रनाथ अश्क की "चारा काटने की मशीन"
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में इब्ने इंशा की कहानी "हमारा मुल्क" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उर्दू और हिंदी प्रसिद्ध के साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क की एक सधी हुई कहानी "चारा काटने की मशीन", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 10 मिनट 39 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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उर्दू के सफल लेखक उपेन्द्रनाथ 'अश्क' ने मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचन्द्र की सलाह पर हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। १९३३ में प्रकाशित उनके दुसरे कहानी संग्रह 'औरत की फितरत' की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने ही लिखी थी। अश्क जी को १९७२ में 'सोवियत लैन्ड नेहरू पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी ''हुजूर, इस मकान पर तो मेरा ताला पड़ा था। मेरा सारा सामान ...'' (उपेन्द्रनाथ "अश्क" की "चारा काटने की मशीन" से एक अंश) |
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#Sixty Third Story, Chara Machine: Upendra Nath Ashq/Hindi Audio Book/2010/8. Voice: Anurag Sharma







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लता मंगेशकर जब मिली आवाज़ के श्रोताओं से
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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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श्रोता का कहना है :
आज बहुत दिन बाद सुन पाई हूँ अनुराग शर्मा जी की आवाज़। बहुत अच्छी लगी कहानी। धन्यवाद।
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