'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की मार्मिक कहानी "गन्जा" का पॉडकास्ट उन्हीं की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक सामयिक कहानी "बांधों को तोड़ दो", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।कहानी "बांधों को तोड़ दो" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
इस कथा का टेक्स्ट बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है।
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| पतझड़ में पत्ते गिरैं, मन आकुल हो जाय। गिरा हुआ पत्ता कभी, फ़िर वापस ना आय।। ~ अनुराग शर्मा हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी "बांध के लिए कानपुर, कलकत्ता, दिल्ली को क्यों नहीं डुबाते हैं ये लोग? हमें ही क्यों जाना पडेगा घर छोड़कर?" (अनुराग शर्मा की "बांधों को तोड़ दो" से एक अंश) |
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#112nd Story, Bandhon Ko Tod Do: Anurag Sharma/Hindi Audio Book/2010/44. Voice: Anurag Sharma






संस्कार गीतों पर एक विशेष शृंखला
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शक्ति के बिना धैर्य ऐसे ही है जैसे बिना बत्ती के मोम।



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श्रोता का कहना है :
बहुत बढ़िया है... पढ़ भी रखी थी..
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