'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की संस्मरणात्मक कहानी "नसीब अपना अपना" का पॉडकास्ट उन्हीं की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मृणाल पाण्डेय की कहानी "लड़कियाँ", जिसको स्वर दिया है प्रीति सागर ने। कहानी "लड़कियाँ" का कुल प्रसारण समय 18 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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"अगर प्रोफेशनल दुराचरण साबित होने पर एक डॉक्टर या चार्टर्ड अकाउंटेंट नप सकता है, तो एक गैरजिम्मेदार पत्रकार क्यों नहीं?" ~ मृणाल पाण्डेय हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी "जब तुम लोग लड़कियों को प्यार नहीं करते तो झूठ मूठ में दिखावा क्यों करते हो?" (मृणाल पाण्डेय की कहानी 'लड़कियाँ' से एक अंश) |
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#114th Story, Ladkiyan: Mrinal Pandey/Hindi Audio Book/2010/46. Voice: Priti Sagar
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4 श्रोताओं का कहना है :
GREAT STORY
आपका प्रयास सराहनीये है
bahut hi bhavuk aur marmik kahani ko poore manoyog se sunaya hai.lekhika aur prasustkarta dono badhai ke hakdar hain.
मृणाल पांडे जी की इस कहानी की वाचिका वही प्रीति सागर हैं जो महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की अध्यापिका हैं...इन्होने महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा की स्त्री अध्ययन विभाग की एक काल्पनिक कर्मचारी सुनीता के नाम से फ़र्ज़ी पहचानपत्र बनवा कर उसी पहचानपत्र पर रिलाइयेन्स का 8055290238 नं का सिम 2 जनवरी 2010 को लिया..बाद में कुछ पत्रकारों के द्वारा मामले का भंडाफोड़ किए जाने पर 10 अगस्त 2010 को प्रीति सागर ने यह सिम अपनी असली आइ डी दे कर अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया. रिलाइयेन्स के सर्किल ऑफिस में प्रीति सागर के असली और नकली दोनो पहचानपत्र और दोनो कस्ट्मर आप्लिकेशन फॉर्म मौज़ूद हैं. मामले में शिकायत होने के बाद भी विश्वविद्यालय ने शिकायत को फाइल करने का आदेश दे दिया... बाद में केंद्रीय सतर्कता आयोग के आदेश पर राष्ट्रीय सुरक्षा के इस बेहद संवेदनशील मामले में महाराष्ट्र सरकार जाँच कर रही है . उधर राष्ट्रपति भवन सचिवालय की सूचना के अनुसार राष्ट्रपति भवन ने भी प्रीति सागर के इस फ़र्ज़ी पहचानपत्र घोटाले और इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति की भी जाँच का ज़िम्मा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी अमित खरे को सौंप दिया है..उधर प्रीति सागर के ही एक और मामले में केंद्रीय सूचना आयोग नें महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय , वर्धा के कुलपति के खिलाफ एक और मामला दर्ज़ कर लिया है और जल्दी ही प्रीति सागर को बिना किसी साहित्यिक योगदान के महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय , द्वारा साहित्यकार घोषित किए जाने के मामले की तरह ही केंद्रीय सूचना आयोग इस मामले में भी सुनवाई करने जा रहा है.....संभव है कि जल्दी ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उठे और वहाँ से इस मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट की देख रेख में का निर्देश लेने का प्रयास लिया जाए...
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