Sunday, February 27, 2011

हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें....विश्व कप के लिए लड़ रहे सभी प्रतिभागियों के नाम आवाज़ का पैगाम



ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 601/2010/301

मस्कार! 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है। दोस्तों, पिछले बृहस्पतिवार १७ फ़रवरी को २०११ विश्वकप क्रिकेट का ढाका में भव्य शुभारंभ हुआ और इन दिनों 'क्रिकेट फ़ीवर' से केवल हमारा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ग्रस्त है। दक्षिण एशिया और तमाम कॊमन-वेल्थ देशों में क्रिकेट सब से लोकप्रिय खेल है और हमारे देश में तो साहब आलम कुछ ऐसा है कि फ़िल्मी नायक नायिकाओं से भी ज़्यादा लोकप्रिय हैं क्रिकेट के खिलाड़ी। ऐसे मे ज़ाहिर सी बात है कि क्रिकेट विश्वकप को लेकर किस तरह का रोमांच हावी रहता होगा हम सब पर। और जब यह विश्वकप हमारे देश में ही आयोजित हो रही हो, ऐसे में तो बात कुछ और ही ख़ास हो जाती है। इण्डियन पब्लिक की इसी दीवानगी के मद्दे नज़र हाल ही में 'पटियाला हाउस' फ़िल्म रिलीज़ हुई है जिसकी कहानी भी एक क्रिकेटर के इर्द गिर्द है। ऐसे में इस क्रिकेट-बुख़ार की गरमाहट 'ओल्ड इज़ गोल्ड' को ना लगे, ऐसा कैसे हो सकता है! विश्वकप क्रिकेट २०११ में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामना हेतु आज से 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर हम शुरु कर रहे हैं हमारी ख़ास लघु शृंखला 'खेल खेल में'। इस शृंखला के केन्द्र में रहेगा क्रिकेट, और विश्वकप से जुड़ी तमाम जानकारियाँ हम आपको देंगे अगले दस अंकों में, साथ ही साथ खिलाड़ियों और खेल-प्रेमियों के हौसले को बढ़ाने के लिए हम पेश करेंगे दस लाजावाब गानें। २०११ आइ.सी.सी क्रिकेट वर्ल्ड कप दसवाँ विश्वकप है और इस विश्वकप की मेज़बानी कर रहे है भारत, श्रीलंका और बांगलादेश। बांगलादेश में आयोजित होने वाला यह पहला विश्वकप है। मेज़बानी के लिए पाकिस्तान का नाम भी पहले पहले शामिल था, लेकिन २००९ में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर लाहौर में हुए हमले के मद्देनज़र आइ.सी.सी ने पाकिस्तान को मेज़बानी से दूर ही रखा। यहाँ तक कि शुरु शुरु में ऒर्गनाइज़िंग कमिटी का मुख्यालय लाहौर में हुआ करता था, लेकिन बाद में उसे भी मुंबई स्थानांतरित कर लिया गया। पाकिस्तान में १४ मैच खेले जाने थे जिनमें एक सेमी-फ़ाइनल भी शामिल था। इन १४ में से ८ भारत, ४ श्रीलंका और २ बांगलादेश के पास चले गये।

दोस्तों, जब भी दो देशों के बीच में किसी खेल या प्रतियोगिता की बात आती है, तो राष्ट्रीयता की भावना उत्पन्न होती है। ज़रा सोचिए कि भारत के साथ किसी अन्य देश का मुकाबला चल रहा है, तो कैसा महसूस होता है आपको? देश-प्रेम की भावना जगती है न? बिल्कुल जगती है। और हम अपने देश को सपोर्ट भी करते हैं दिलो जान से और क्यों न करें, बल्कि करना ही चाहिए। लेकिन हमारी जो यह शृंखला है न, इसमें हम हार-जीत और केवल अपने देश को सपोर्ट करने की भावनाओं से उपर उठकर एक सच्चे खिलाड़ी की भावना, यानी कि 'ट्रू स्पोर्ट्स्मैनस्पिरिट' दर्शाते हुए सभी प्रतिभागी देशों के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ देंगे और साथ ही स्पोर्ट्स्मैनशिप की विशेषताओं के बारे में चर्चा भी करेंगे, जीवन में खेलकूद के महत्व पर भी रोशनी डाली जाएगी। आज जिस गीत से इस शृंखला का आग़ाज़ हो रहा है, उसमें कुछ इसी तरह का दर्शन छुपा हुआ है। इस भजन में ईश्वर से यही प्रार्थना की जा रही है कि हम पहले अपने पर जीत हासिल करें, फिर औरों पर जीत के बारे में सोचें। सच्ची जीत होती है मानव मन को जीतना। किसी को चोट पहुँचाकर अर्जित जीत में वह आनंद नहीं जो आनंद किसी के दिल को जीत कर मिलती है। "हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले ख़ुद को जय करें", वाणी जयराम और साथियों की आवाज़ों में यह है गुलज़ार साहब की लिखी प्रार्थना जिसका संगीत तैयार किया है वसंत देसाई ने १९७१ की फ़िल्म 'गुड्डी' के लिए। इस फ़िल्म का "बोले रे पपीहरा" आपने 'ओल्ड इज़ गोल्ड' की २२७-वीं कड़ी में सुना था। दोस्तों, "हमको मन की शक्ति देना" एक ऐसी प्रार्थना है जिसे आज भी स्कूलों में बच्चों से गवाया जाता है, और शायद यह सब से महत्वपूर्ण बच्चों द्वारा प्रस्तुत फ़िल्मी प्रार्थना है। वसंत देसाई साहब ने ही इससे पहले 'दो आँखें बारह हाथ' के लिए "ऐ मालिक तेरे बंदे हम" की रचना की थी और 'गुड्डी' में उन्होने अपने ही रेकॊर्ड को तोड़ा। देखिए दोस्तों, देसाई साहब ने अपने पर ही विजय प्राप्त की न? असली जीत तो अपने रेकॊर्ड को आप तोड़ने में ही है। हर मनुष्य को चाहिए कि वो अपने ही स्तर को उपर, और उपर बढ़ाता चले। ख़ुद से ही प्रतियोगिता करें, ना कि औरों से। और आज के इस अंक का भाव भी कुछ कुछ इसी तरह का है। और शायद 'पटियाला हाउस' फ़िल्म से भी कुछ कुछ इसी तरह का संदेश हमें ग्रहण करना चाहिए। २०११ क्रिकेट विश्वकप के सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों के लिए यही है हमारी प्रार्थना...

हम को मन की शक्ति देना मन विजय करें,
दूसरों की जय से पहले ख़ुद को जय करें।

भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सके,
दोस्तों से भूल हो तो माफ़ कर सके,
झूठ से बचे रहें सच का दम भरें,
दूसरों की जय से पहले ख़ुद को जय करें।

मुश्किलें पड़े तो हम पे इतना कर्म कर,
साथ दें तो धर्म का चलें तो धर्म कर,
ख़ुद पे हौसला रहे बदी से ना डरें,
दूसरों की जय से पहले ख़ुद को जय करें।



क्या आप जानते हैं...
कि वसंत देसाई ने १९३२ की फ़िल्म 'अयोध्या का राजा' में पहली बार गीत गाया था।

दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)

पहेली 02/शृंखला 11
गीत का ये हिस्सा सुनें-


अतिरिक्त सूत्र -इस युगल गीत में एक आवाज़ है आशा जी की.

सवाल १ - पुरुष गायक बताएं - २ अंक
सवाल २ - किस अभिनेता- अभिनेत्री पर है ये गीत - ३ अंक
सवाल ३ - गीतकार बताएं - १ अंक

पिछली पहेली का परिणाम -
एक बार फिर अंजाना जी और अमित जी ने शानदार शुरूआत की है, अक्सर अंजाना जी कहीं कोई छोटी सी चूक कर जाते हैं और बाज़ी हार जाते हैं, इस बार संभलके खेलिएगा, शुभकामनाओं के लिए धन्येवाद, हाँ अमित जी आप के नाम ४ श्रृंखलाएं हैं...विजय जी और अनीता जी भी हैं मैदान में इस बार...मज़ा आएगा...वैसे आप सभी धुरंधरों के लिए अब संगीतमय कुश्ती का एक और खेल मौजूद है, अब से हमारी सुर संगम शृंखला में भी आप पूछे गए सवाल का सही जवाब देकर विजयी बन सकते हैं, क्लिक कीजिए यहाँ

खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
विशेष सहयोग: सुमित चक्रवर्ती


इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को

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6 श्रोताओं का कहना है :

Anjaana का कहना है कि -

Actor : Hema Malini & Dharmendra

Amit का कहना है कि -

Dharmendra and Hemamalini

Amit का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
Amit का कहना है कि -

अनजाना जी तो आज गलती कर बेठे.
सवाल था 'किस अभिनेता- अभिनेत्री पर है ये गीत'
यानी कि अभिनेता का नाम पहले होना चाहिए. उन्होंने हेमा जी को अभिनेत्री से अभिनेता बना दिया और ही मैन धरम जी को अभिनेत्री.
भाई वाह क्या combination है.


चलिए थोड़ी सी मस्ती करने का हक तो बनता है ना मेरा ? ;)

विजय का कहना है कि -

गायक-मन्ना डे

शरद तैलंग का कहना है कि -

lagta hai 1 number ka prashna aap mere liye chhod dete hai .
Geetkar : Anand bakhsi.
Kya karen Net ki speed kam hai so ab to teesre Q ke liye hi try karoonga

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