Thursday, March 17, 2011

सांवरिया मन भाये रे....कौन भूल सकता है पहली फीमेल सिंगिंग स्टार कानन देवी के योगदान को



ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 615/2010/315

'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों नमस्कार! हिंदी सिनेमा की कुछ सशक्त महिला कलाकारों, जिन्होंने सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी और आनेवाली पीढ़ियों के लिए मार्ग-प्रशस्त किया, पर केन्द्रित लघु शृंखला में आज हम ज़िक्र करेंगे फ़िल्म जगत की पहली 'फ़ीमेल सिंगिंग् स्टार' कानन देवी की। कानन देवी शुरुआती दौर की उन अज़ीम फ़नकारों में से थीं जिन्होंने फ़िल्म संगीत के शैशव में उसकी उंगलियाँ पकड़ कर उसे चलना सिखाया। एक ग़रीब घर से ताल्लुख़ रखने वाली कानन बाला को फ़िल्म जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। बहुत छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और अपनी माँ के साथ अपना घर चलाने के लिए तरह तरह के काम करने लगीं। जब वो केवल १० वर्ष की थीं, उनके एक शुभचिंतक ने उन्हें 'ज्योति स्टुडिओज़' ले गये और 'जयदेव' नामक मूक फ़िल्म में अभिनय करने का मौका दिया। यह १९२६ की बात थी। उसके बाद वो ज्योतिष बनर्जी की 'राधा फ़िल्म्स कंपनी' में शामिल हो गईं और 'चार दरवेश', 'हरि-भक्ति', 'ख़ूनी कौन' और 'माँ' जैसी फ़िल्मों में काम किया। उनके अभिनय और गायन को न्यु थिएटर्स ने पहचाना और पी.सी. बरुआ के मन में कानन बाला को १९३५ की अपनी महत्वाकांक्षी फ़िल्म 'देवदास' में अभिनय करवाने का ख़याल आया। लेकिन यह मनोकामना पूरी न हो सकी। बरुआ साहब ने ही दो साल बाद १९३७ में कानन बाला को मौका दिया फ़िल्म 'मुक्ति' में, जो काफ़ी हिट रही।

फ़िल्म 'मुक्ति' की सफलता के बाद कानन देवी और न्यु थिएटर्स का अनुबंध बढ़ता ही गया। सन् १९३७ में 'विद्यापति' में उनका अभिनय शायद उनके फ़िल्मी सफ़र का सर्वोत्तम अध्याय था जिसने उन्हें न्यु थिएटर्स का 'टॊप स्टार' बना दिया। 'मुक्ति' और 'विद्यापति' के अलावा न्यु थिएटर्स की कुछ और महत्वपूर्ण फ़िल्में जिनमें कानन देवी ने काम किया, वो हैं - 'स्ट्रीट सिंगर', 'जवानी की रीत', 'सपेरा', 'हार-जीत', और 'लगन'। फ़िल्म 'लगन' का पियानो वाला गीत अभी पिछले दिनों ही आप सुन चुके हैं 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर। इन तमाम फ़िल्मों में केवल अभिनय से ही नहीं, अपनी सुरीली आवाज़ से भी उन्होंने लोगों का दिल जीता। कानन देवी ने बचपन में संगीत की कोई मुकम्मल तालीम नहीं ली। न्यु थिएटर्स में शामिल होने के बाद उस्ताद अल्लाह रखा से उन्होंने संगीत सीखा। मेगाफ़ोन ग्रामोफ़ोन कंपनी में उन्हें गायिका की नौकरी मिलने पर वहाँ उन्हें भीष्मदेव चटर्जी से सीखने का मौका मिला। अनादि दस्तिदार से उन्होंने सीखा रबीन्द्र संगीत और फिर रायचंद बोराल ने उन्हें गायकी की बारीकियाँ सिखाकर फ़िल्मीगायन के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया। कानन देवी से जुड़ी कुछ और बातें हम आपको बताएँगे फिर किसी दिन, फ़िल्हाल वक़्त हो चला है उनकी आवाज़ में एक गीत सुनने का। प्रस्तुत है उनकी पहली कामयाब फ़िल्म 'मुक्ति' से यह कामयाब गीत "सांवरिया मन भाये रे"।



क्या आप जानते हैं...
कि १९४८ में कानन देवी बम्बई आ गईं और इसी साल वो आख़िरी बार किसी फ़िल्म में नज़र आईं। यह फ़िल्म थी 'चन्द्रशेखर', जिसमें उनके नायक थे अशोक कुमार।

दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)

पहेली 06/शृंखला 12
गीत का ये हिस्सा सुनें-


अतिरिक्त सूत्र - गायिका हैं आशा भोसले.

सवाल १ - कौन हैं ये जिनका जिक्र होगा रविवार को - ३ अंक
सवाल २ - गीतकार कौन हैं जो इस फनकारा से संबंधित भी हैं - १ अंक
सवाल ३ - फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री कौन है - २ अंक

पिछली पहेली का परिणाम -
फिर ३-३ अंक बाँट लिए अमित जी और अंजाना जी ने बधाई

खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी



इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को

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6 श्रोताओं का कहना है :

Anjaana का कहना है कि -

Usha Khanna

Amit Tewari का कहना है कि -

Nitu Singh

hh का कहना है कि -

kkkk

शरद तैलंग का कहना है कि -

Geetkar : sawan kumar Tak

गुड्डोदादी का कहना है कि -

कानन देवी जी के गाये गाये गीत और अभिनय दोनों ही बेमिसाल हैं
मेरा यही इनाम है विदेश में बैठी दादी गीत आपके पुराने गीत हिंद युग्म से सुनती हैं
आशीर्वाद

Anonymous का कहना है कि -

Anjanaji aaj to tussi chaa gaye ho

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